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What is Assembly language in Hindi

Author: admin | On:5th Nov, 2020| Comments: 0

Definition of Assembly language in Hindi:- असेम्बली लैंग्वेज कुछ विशेष प्रकार के निर्देशों के समूह (  Instruction Set  ) और Binary Number ( 0 और 1 ) को मिलाकर बनाई गई एक Programming language (प्रोग्रामिंग लैंग्वेज) है। यह पूरी तरह से कंप्यूटर के प्रोसेसर ( Central Processing Unit / CPU )  पर आधारित प्रोग्रामिंग भाषा है,  क्योंकि Assembly language में जिन निर्देशों के समूह का उपयोग किया जाता है वह अलग-अलग प्रोसेसर में अलग-अलग प्रकार का होता है।




असेंबली लैंग्वेज Low-level Programming Language है | इसे कंप्यूटर का सीपीयू बहुत आसानी से समझ सकता है, क्योंकि इसमें जिन निर्देशों का उपयोग होता है, वह उनसे पहले से ही परिचित होता है और इसलिए Assembly language में लिखे गए प्रोग्राम को समझने के लिए कंप्यूटर को किसी ट्रांसलेटर या कंपाइलर जैसे सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नहीं पड़ती है।  इसके साथ ही असेम्बली लैंग्वेज में मशीन की भाषा मतलब Binary Number ( 0 और 1 ) का बहुत अधिक उपयोग होता है। इन्हीं सब कारणों से असेम्बली लैंग्वेज किसी भी High-level Programming Language जैसे किसी C, C++, Java, Python की तुलना में ये बहुत फास्ट है।

लेकिन किसी इंसान के लिए असेंबली लैंग्वेज के उपयोग से इस Program को लिखना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि इसकी संरचना काफी जटिल होती है और इसमें किसी समस्या को function या Object के उपयोग से विभाजित करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है जैसे की हम किसी ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज C++ और Java में कर सकते है । इसलिए Assembly language का उपयोग कुछ विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को बनाने के लिए ही किया जाता है। किसी व्यावसायिक प्रोजेक्ट में इसका उपयोग आम तौर पर नहीं होता है। हां कभी-कभी सॉफ्टवेयर के कुछ विशेष हिस्सों के निर्माण में असेंबली लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है।

Example of Instruction Set in Assembly language in Hindi:- जैसा कि मैंने पहले ही कहा assembly languages प्रोसेसर पर आधारित प्रोग्रामिंग भाषा है, मतलब अलग-अलग प्रोसेसर आर्टिटेक्चर के लिए असेंबली लैंग्वेज में अलग-अलग प्रकार के Instruction का उपयोग किया जाता है।  नीचे x86 Model के प्रोसेसर में उपयोग किए जाने वाले Instruction का कुछ उदाहरण दिया गया है, इससे आपको एक अंदाजा हो जाएगा कि असेंबली लैंग्वेज में किस प्रकार के निर्देशों का उपयोग किया जाता है।

  • MOV – इसका उपयोग data को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है।
  • ADD – इसका उपयोग दो values को जोड़ने (addition) के लिए किया जाता है।
  • SUB – इसका उपयोग दो values को घटाने (subtraction) के लिए किया जाता है।
  • PUSH – एक data को पंक्ति में धकेलने के लिए इसका उपयोग होता है।
  • POP – एक data को restore करने के लिए इसका उपयोग होता है।
  • JMP – data को पंक्ति में किसी अन्य स्थान पर jump करवाने के लिउए इसका उपयोग होता है।
  • INT – एक प्रक्रिया को बाधित करने या रोकने के लिए इसका उपयोग होता है।

History of Assembly Language in Hindi :- असेंबली भाषा को सबसे पहले Kathleen Booth (कैथलीन बूथ) नाम की महिला कंप्यूटर वैज्ञानिक द्वारा 1949 में विकसित किया गया था। उन्होंने इसे लंदन विश्वविद्यालय में John von Neumann (जॉन वॉन न्यूमैन) और Herman Goldstine (हरमन गोल्डस्टाइन) के साथ मिलकर बनाया था। असेंबली लैंग्वेज पूरी तरह से प्रोसेसर के आर्किटेक्चर पर निर्भर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, इसलिए अलग-अलग प्रकार के आर्किटेक्चर वाले प्रोफेसर में उपयोग होने वाली असेंबली लैंग्वेज एक दूसरे से पूरी तरह अलग होती है।

Advantages and Disadvantages of Assembly language in Hindi

Advantages of Assembly language in Hindi:-

  • इसके उपयोग से बनाये गए program को कम मेमोरी की आवश्यकता होती है।
  • Assembly language में program पहले से ही मशीनी भाषा में लिखा होता है, इसीलिए code को निष्पादन बहुत तेजी से होता है।
  • इसके उपयोग से Programmer का हार्डवेयर और memory locations पर पूरा नियंत्रण होता है।
  • असेंबली लैंग्वेज में बनाए गए प्रोग्राम आसानी से crash / क्रैश नहीं होते हैं।
  • कंप्यूटर न्यूनतम स्तर पर किस प्रकार से काम करता है, जब हम कंप्यूटर में keyword से कोई key करते हैं तो कंप्यूटर इस इनपुट को किस प्रकार से समझता है। इस प्रणाली को अच्छे से समझने के लिए Assembly language  का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है।
  • परिणाम प्राप्त करने के लिए इसमें बहुत कम instruction की आवश्यकता होती है।
  • इसके उपयोग से कंप्यूटर के हार्डवेयर संसाधनों एवं मेमोरी लोकेशन के साथ सीधे संचार किया जा सकता है जो कि किसी भी अन्य हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के माध्यम से नहीं किया जा सकता।

Disadvantages of Assembly language in Hindi:-

  • असेंबली लैंग्वेज में बनाए गए प्रोग्राम पूरी तरह से मशीन पर निर्भर होता है, इसे एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर ले जाना काफी मुश्किल होता है।
  • इसे विकसित करना, प्रोग्राम के source code में मौजूद गलतियों को ठीक करना बहुत मुश्किल है।
  • developer जिस मशीन पर असेंबली प्रोग्राम बनाना चाहते हैं उस मशीन के आर्टिटेक्चर का विशेष ज्ञान होना आवश्यक है यह बहुत कठिन काम है।
  • इसके syntax को समझना और इसकी मदद से प्रोग्राम का सोर्स कोड को लिखना काफी जटिल होता है।





Difference between Machine language and Assembly language in Hindi:- आमतौर पर लोग असेंबली लैंग्वेज और मशीन लैंग्वेज के बीच भ्रमित हो जाते हैं, क्योंकि ये दोनों ही एक-दूसरे से काफी मिलती-जुलती प्रोग्रामिंग भाषा है। इसलिए हमने इन दोनों के बीच के प्रमुख अंतरों को समझाने का प्रयास किया है जोकि निम्नलिखित रुप से है:-

  • मशीन लैंग्वेज बायनरी संख्या अर्थात 0 और 1 से मिलकर बनी होती है, जबकि असेंबली लैंग्वेज सीपीयू के आर्किटेक्चर पर निर्भर विशेष प्रकार के निर्देश एवं बायनरी संख्या दोनों को मिलाकर बनी होती है।
  • Machine language को इंसानों द्वारा नहीं समझा जा सकता जबकि असेंबली लैंग्वेज के निर्देशों को इंसानों द्वारा समझा जा सकता है क्योंकि ये अंग्रेजी भाषा के अक्षरों से मिलकर बना होता है।
  • मशीन लैंग्वेज में कोई परिवर्तन करना या उसमें मौजूद गलतियों को ठीक करना लगभग असंभव है। जबकि असेंबली लैंग्वेज में मौजूद गलतियों को ठीक करना या उसमें परिवर्तन करना संभव है।
  • मशीन लैंग्वेज बहुत तेजी से निष्पादित होता है, हालांकि असेंबली लैंग्वेज भी तेजी से निष्पादित होता है लेकिन यह मशीन लैंग्वेज की तुलना में थोड़ा slow होता है।

 

Conclusion on Assembly language in Hindi:- असेंबली लैंग्वेज एक लो-लेवल प्रोग्रामिंग भाषा है जोकि बहुत तेजी से आउटपुट प्रदान करने की क्षमता रखता है। किसी कंप्यूटर आर्किटेक्चर को समझने एवं हार्डवेयर के साथ सीधे संचार करने के लिए असेंबली लैंग्वेज बहुत आवश्यक है। लेकिन इसकी संरचना काफी जटिल होती है और यह पूरी तरह से कंप्यूटर के प्रोसेसर के डिजाइन पर आधारित है। इसलिए एक कंप्यूटर में लिखा गए असेंबली लैंग्वेज के प्रोग्राम को किसी दूसरे कंप्यूटर पर ले जाकर चलाना बहुत मुश्किल है। इसी कारण इसका उपयोग साधारण बिजनेस सॉफ्टवेयर को विकसित करने के लिए नहीं किया जाता है।

इस लेख में हमने असेंबली लैंग्वेज को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि आपको Assembly language in Hindi का यह लेख पसंद आया होगा। अगर आप असेंबली लैंग्वेज से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे की हम अपने आर्टिकल में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी एवं आकर्षक बना सके।

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