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artificial intelligence

What is Artificial Neural Network in Hindi?

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 402 View

What is Artificial Neural Network in Hindi?

Definition of Neural Network in Hindi:- न्यूरल नेटवर्क इंसान के nervous system (तंत्रिका तंत्र) से प्रेरणा लेकर बनाया गया, एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम है जो की मशीन को उपलब्ध डेटा से जानकारियों को सीखने में सक्षम बनाता है। न्यूरल नेटवर्क की तकनीक का उपयोग मशीन लर्निंग की प्रक्रिया में किया जाता है और हमारे द्वारा आज के समय अपने रोजमर्रा के जीवन में उपयोग किये जाने वाले कई उत्पाद जैसे की Amazon Alexa, Google Assistant आदि में इसका उपयोग होता है।




इसे Artificial Neural Networks (आर्टिफीसियल न्यूरल नेटवर्क) संछेप में ANN के नाम से भी जाना जाता है।

History of Artificial Neural Networks in Hindi:- हालांकि पिछले 10-20 वर्षों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसे तकनीकों पर बहुत अधिक चर्चा होने लगी है क्योंकि इन तकनीकों से संबंधित नए-नए उत्पाद हमारे रोजमर्रा के जीवन में उपयोग के लिए बाजार में आते रहते हैं। लेकिन इन तकनीकों का इतिहास 50 से 60 साल से भी अधिक पुराना है। ठीक इसी प्रकार न्यूरल नेटवर्क की तकनीक की उत्पत्ति भी 1947 में न्यूरोफिज़ियोलॉजिस्ट और गणितज्ञ Warren McCulloch (वॉरेन मैकुलोच) और Walter Pitts (वाल्टर पिट्स) ने ‘न्यूरॉन्स कैसे काम करते हैं’ इस पर एक लेख लिखा ।

इसके बाद 1949 में Donald Hebb (डोनाल्ड हेब्ब) ने अपनी पुस्तक “द ऑर्गनाइजेशन ऑफ बिहेवियर” में न्यूरल नेटवर्क की अवधारणा से सम्बंधित जानकारियाँ प्रकाशित किया। इसके बाद 1950 में IBM कंपनी के प्रयोगशालाओं में neural network से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण अनुसंधान हुए। 1957 में प्रसिद्ध कंप्यूटर वैज्ञानिक John von Neumann (जॉन वॉन न्यूमैन) ने टेलीग्राफ रिले या वैक्यूम ट्यूबों का उपयोग करके सरल न्यूरॉन कार्यों की नकल करने का सुझाव दिया।

1985 में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स ने न्यूरल नेटवर्क पर एक वार्षिक बैठक शुरू की। 1987 में इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर (IEEE) ने न्यूरल नेटवर्क्स पर पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जिसमें 1,800 से अधिक लोगों उपस्थित थे।

Applications of Artificial Neural Networks in Hindi

Applications of Artificial Neural Networks in Hindi:- न्यूरल नेटवर्क की तकनीक का उपयोग करके बनाये गए कुछ प्रमुख अनुप्रयोग निम्नलिखित रूप से है

  • Aerospace:- ऑटोपायलट मोड में विमान को चलने के लिए उपयोग होने वाले तकनीक में न्यूरल नेटवर्क का उपयोग किया जाता है।
  • Automotive:- ऑटोमोबाइल मार्गदर्शन प्रणाली के निर्माण में न्यूरल नेटवर्क का उपयोग होता है।
  • Military:- सेना द्वारा उपयोग होने वाले हथियार के परिचालन, लक्ष्य ट्रैकिंग, वस्तु भेदभाव, चेहरे की पहचान, संकेत या छवि पहचान में न्यूरल नेटवर्क का उपयोग होता है।
  • Electronics:- चिप लेआउट डिज़ाइन करने या चिप की विफलता का विश्लेषण करने में न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल होता है।
  • Financial:- रियल एस्टेट में किसी सम्पत्ति का मूल्यांकन करने में, ऋण संबंदी निर्णय लेने में, कॉर्पोरेट वित्तीय विश्लेषण, मुद्रा मूल्य भविष्यवाणी, क्रेडिट एप्लिकेशन मूल्यांकन में न्यूरल नेटवर्क का उपयोग होता है।
  • Industrial:- मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया को प्रबंधित करने के लिए, उत्पाद डिजाइन और विश्लेषण, गुणवत्ता निरीक्षण प्रणाली, रासायनिक उत्पाद का रखरखाव एवं विश्लेषण आदि में न्यूरल नेटवर्क की तकनीक का इस्तेमाल होता है।
  • Medical:- EEG और ECG विश्लेषण, कैंसर सेल विश्लेषण आदि में।
  • Speech:- वॉयस रिकग्निशन, text से speech या speech से text में बदलने वाली तकनीकों के निर्माण में भी न्यूरल नेटवर्क का उपयोग होता है।
  • Telecommunications :- Image और data का संक्षिप्तीकरण, स्वचालित सूचना सेवा का प्रबंधन, वास्तविक समय में बोली जाने वाली भाषा का किसी दूसरे भाषा में अनुवाद।
  • Transportation :- ट्रैफिक जाम से बचने के लिए वाहन के रूट और टाइम को शेड्यूलिंग करना।
  • Software :- चेहरे के पैटर्न की पहचान, ऑप्टिकल चरित्र की पहचान आदि ।
  • Time Series Prediction:- Artificial Neural Networks का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं पर भविष्यवाणियां करने के लिए तथा स्टॉक मार्केट से सम्बंधित भविष्यवाणियां के लिए भी किया जाता है।
  • Signal Processing:- यह ऑडियो सिग्नल को संसाधित करने और इसे श्रवण यंत्रों में उचित रूप से फ़िल्टर करने में मदद करता है।




Advantages and Disadvantages of Neural Networks in Hindi

Advantages of Neural Networks in Hindi:-

  • न्यूरल नेटवर्क्स में खुद से नए-नए जानकारियों से सीखने और आउटपुट देने की क्षमता होती है, जो उन्हें प्रदान किए गए इनपुट तक सीमित नहीं है।
  • इसके कारण एक बार अगर मशीन डेटा से किसी जानकारी को सीख ले तो उसके बाद वह पुराना डेटा delete भी हो जाये तो यह न्यूरल नेटवर्क्स के काम को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करता है।
  • ये नेटवर्क उदाहरणों से सीख सकते हैं और भविष्य में वैसी कोई भी समान घटना होने पर उनका समाधान कर सकते है।
  • वास्तविक समय की घटनाओं की मदद सीखता रहता है और जैसे-जैसे समय बीतता जाता है वैसे-वैसे न्यूरल नेटवर्क्स की सटीकता और प्रदर्सन में सुधार होता जाता है।
  • ये सिस्टम प्रदर्शन को प्रभावित किए बिना एक साथ कई अलग-अलग कार्यों को कर सकते हैं।
  • यह समय से साथ पुराणी जानकारियों में सुधार करता रहता है और गलतियों को ठीक करता रहता है।

Disadvantages of Neural Networks in Hindi:-

  • न्यूरल नेटवर्क के माध्यम से किसी मशीन को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया काफी धीमी है और इसके लिए बहुत अधिक समय की आवश्यकता होती है।
  • इसके माध्यम से किसी मशीन को प्रशिक्षित करने के लिए बहुत सारे डाटा और पुराने उदाहरणों की आवश्यकता होती है और अगर पुरानी जानकारियां उपलब्ध ना हो तो मशीन कभी भी किसी काम को नहीं सीख सकता।

 



Summery of Neural Networks in Hindi:-  21वीं शताब्दी के इस समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसे विषयों की इतनी ज्यादा मांग बाजार में पैदा हो गई है कि इनके निर्माण में उपयोग होने वाले बुनियादी तकनीक जैसे की नेटवर्क कमाल डीप लर्निंग, न्यूरो न्यूरल नेटवर्क आदि की मांग बहुत ज़्यादा हो गई है। न्यूरल नेटवर्क एक कमाल की तकनीक है जो कि कई जटिल समस्याओं को बड़ी सरलता से समाधान करने में सक्षम है, हालांकि यह सभी समस्याओं के लिए उपयुक्त नहीं है और इसकी कुछ खामियां भी है। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कंप्यूटर और मशीन की दुनिया हर रोज बदलते रहती है और इनसे जुड़ी हुई नए-नए Updates बाजार में आते ही रहते हैं।  इसी कारण समय के साथ-साथ इन तकनीकों में भी नए-नए सुधार होते रहेंगे और इनमें मौजूद वर्तमान खामियों को भविष्य में दूर किया जाएगा।

इस लेख में हमने  न्यूरल नेटवर्क को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Artificial Neural Networks in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप न्यूरल नेटवर्क पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

 

What is Natural Language Processing in Hindi

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 665 View

What is Natural Language Processing in Hindi

Definition of Natural Language Processing in Hindi :- नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग को संक्षेप में NLP भी कहा जा सकता है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक शाखा है, जिसमें कंप्यूटर को मानवों द्वारा उपयोग की जाने वाली भाषा जैसे की अंग्रेजी, हिंदी, जापानी आदि को समझने के लिए तैयार किया जाता है।




नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग ने मनुष्य और कंप्यूटर के बीच की खाई को भरने में मदद की है क्योंकि पहले कंप्यूटर को कोई निर्देश देने के लिए Keyboard से text को लिखना होता था लेकिन अब हम बोलकर भी कंप्यूटर को कोई निर्देश दे सकते है और कंप्यूटर हमारे द्वारा बोले जा रहे शब्दों को समझकर उसके अनुसार हमारे समक्ष output प्रदर्शित करता है।

History of Natural Language Processing in Hindi:- 1950 में Alan Turing (एलन ट्यूरिंग) ने “मशीन और इंटेलिजेंस” नामक एक लेख प्रकाशित किय था, जिसमें उन्होंने NLP से संबंधित बुनियादी बिचारों की चर्चा की थी। उसी समय नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग की तकनीक का उपयोग करते हुए Russian भाषा को English भाषा में परिवर्तित करने का प्रयास किया गया। 1980 से पहले तक  NLP पूरी तरह से पूर्व निर्धारित नियमों पर काम कर रहा था लेकिन 1980 के बाद NLP के साथ Machine learning के एल्गोरिथम का उपयोग किया जाने लगा जिसके बाद इस छेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हो गई।

इस क्षेत्र में दूसरी क्रांति 2010 में deep learning के कारण आई क्योंकि इसके बाद मशीने डेटा में मौजूद पैटर्न की मदद से लगातार अपने छमताओं में सुधार करते रहता था।  2014 में Amazon Alexa, 2017 में Google Assistant जैसे बहुचर्चित उत्पाद बाजार में आ गए जिनमें नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग की तकनीक का बहुत ही बेहतर तरीके से उपयोग किया गया था।

Use of Natural Language Processing in Hindi 




  • मशीन के उपयोग से किसी एक भाषा को दूसरे भाषा में translate करने की प्रक्रिया को NLP के कारण सटीकता और दक्षता से किया जा सकता है।
  • यह नए प्रकार के उत्पाद बनाने की सुबिधा देता है जो इंसानों द्वारा बोले जा रहे शब्दो को समझकर उन निर्देशों के अनुसार काम करने में सक्षम है।
  • इसके मदद से किसी मैसेज और ईमेल में मौजूद Text का विश्लेषण करके Spam मेसेजों को पहचाना जा सकता है।
  • नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग लोगों के भावनाओं का विश्लेषण (Sentiment analysis) के लिए भी किया जाता है। विभिन्न प्रकार के Social Media पर लोगों द्वारा उपयोग किये जा रहे शब्दो का विश्लेषण करके यह पता लगाने का प्रयास किया जाता है की वर्त्तमान स्थितियों में कोई इंसान क्या सोच रहा है।
  • इसका उपयोग किसी sentence या paragraph में मौजूद grammatical mistake की पहचान करने के लिए भी किया जाता है। इसके उपयोग से spelling mistake की पहचान भी हो सकती है।
  • इसके उपयोग से automatic Chatbots बनाया जा सकता है जिसके उपयोग से ग्राहकों द्वारा पूछे जा रहे प्रश्नों का उत्तर मशीन के उपयोग से दिया जा सकता है।

Advantages And Disadvantages of natural language processing in Hindi

Advantages of natural language processing in Hindi :-

  • यह मार्केट रिसर्च और विश्लेषण करने में मदद करता है।
  • एक भाषा को दूसरे में आसानी से अनुवादित करने में सहायक है।
  • Speech-to-text और text-to-speech रूपांतरण में सहायक है।
  • यह सामान्य लोगों के रोजमर्रा की समस्या के समाधान के लिए उन्नत श्रेणी के उत्पादों जैसे की Google Alexa और Siri जैसे उत्पाद का निर्माण करने में मदद करता है।
  • इसके मदद से निर्मित उत्पाद जैसे की आधुनिक Chatbot ग्राहकों की संतुष्टि के स्तर को बढ़ाता है।
  • यह किसी काम को जल्दी और कम खर्चे में पूरा करने में मदद करता है।
  • यह मशीन द्वारा Text को प्रोसेस करने और उन्हें समझने की क्षमता को बढ़ाता है, जिसके कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे तकनीक के लिए बहुत उपयोगी है।





Disadvantages of natural language processing in Hindi :-

  • इसमें कोई दो राय नहीं है कि NLP एक बड़े ही उन्नत किस्म की तकनीक है, जिसने इंसान और मशीन के बीच की दूरियों को बहुत हद तक कम कर दिया है। लेकिन इसकी अपनी एक सीमा है क्योंकि मशीन किसी इंसान द्वारा बोले जा रहे हैं शब्दों के पीछे के भावना को नहीं समझ सकता। उदाहरण के लिए कोई इंसान अगर गुस्सा होकर कुछ बोल देता है या ख़ुश होकर बोल रहा है मशीन इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता वह केवल इंसान के शब्दो को समझ सकता है।
  • कई बार ऐसा देखा गया है कि रीजनल लैंग्वेज जैसे कि Hindi, Russian, Mexican आदि में NLP के मदद से किए गए अनुवाद या अन्य कामों की सटीकता में काफी गलतियां होती है, क्योंकि ये भाषा काफी जटिल है। इसलिए किसी मशीन के उपयोग से किये गए कामों में काफ़ी गलतियां होती है।

Summary of natural language processing in Hindi :- इस लेख में हमने  नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग  को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि NLP in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप NLP पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

What is Supervised Learning in Hindi

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 440 View

What is Supervised Learning in Hindi

Definition of Supervised Learning in Hindi:- मशीन लर्निंग के तीन प्रमुख प्रकारों में से एक सुपरवाइज्ड लर्निंग होता है। इसमें किसी मशीन के अंदर कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकसित करने के उदेश्य से सभी संभावित Input और Output संबंधी डेटा के समूह का उपयोग करके मशीन को किसी विषय से संबंधी जानकारियों को सिखाया जाता है।




साधारण शब्दों में कहें तो जैसे एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को किसी विषय से संबंधित जानकारियों को सिखाने के लिए उदाहरणों का उपयोग करता है, सुपरवाइज्ड लर्निंग में ठीक उसी प्रकार मशीन को किसी विषय का ज्ञान देने के लिए सभी संभावित इनपुट / आउटपुट से संबंधी डेटा का उपयोग किया जाता है। यह मशीन लर्निंग की सबसे साधारण तकनीक  जिसमें किसी मशीन को उदाहरणों का उपयोग करके प्रशिक्षित जाता है।

Example of Supervised Learning in Hindi:- मान लीजिए कि एक डिजिटल मैप से संबंधित मोबाइल एप्लीकेशन को आप सुपरवाइज्ड लर्निंग की मदद से प्रशिक्षित करना चाहते हैं, तो सबसे पहले ऐप में इनपुट के रूप में चार प्रकार की जानकारियां देनी होगी

  • दिन के अलग-अलग समय पर ट्रैफिक हाल ।
  • मौसम की स्थिति के अनुसार ट्राफिक का हाल।
  • holiday और Working Day पर रोड में ट्रैफिक का हाल।
  • और इन उप्युक्त तीनों परिस्थितियों के अनुसार दुरी तो तय करने में लगने वाला समय।

जिसके बाद इन उदाहरणों से सीख कर एप्लीकेशन इस बात का अनुमान लगा सकता है कि किसी समय विशेष पर मैप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए कुल कितना समय लग सकता है।

Type of Supervised Learning in Hindi





Type of Supervised Learning in Hindi:- सुपरवाइज्ड लर्निंग के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित रूप से है :-

  • Regression:- इसका आउटपुट हमेशा एक निश्चित मान में होता है। जैसे की किसी वस्तु का मूल्य या किसी स्थान की दुरी आदि।
  • Classification:- इसमें डेटा को अलग-अलग श्रेणियों में समूहीकृत करके दर्शाया जाता है।
  • Naive Bayesian Model:- बायेसियन मॉडल का उपयोग बड़े डेटासेट के लिए किया जाता है। इसमें डेटा एक मुख्य नोड के नीचे कई चाइल्ड नोड के रूप में होता है और प्रत्येक नोड अपने परैंट नोड से अलग होता है।
  • Random Forest Model:- इसमें कई decision trees को मिलकर एक मुख्य डेटा समूह का निर्माण किया जाता है ताकि अधिक सटीक और स्थिर आउटपुट प्राप्त किया जा सके।
  • Neural Networks:- इस एल्गोरिथ्म को raw input से पैटर्न को पहचानने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • Support Vector Machines:- यह Vap Nick नाम के गणितज्ञ द्वारा विकसित statistical learning theory पर आधारित है। इसका उपयोग bioinformatics, pattern recognition जैसे कामो में होता है।

Advantages and Disadvantages of Supervised Learning in Hindi

Advantages of Supervised Learning in Hindi:-

  • सुपरवाइज्ड लर्निंग की प्रक्रिया काफ़ी सरल है, इसमें हम बड़ी आसानी से समझ सकते गई की मशीन के अंदर क्या हो रहा है और यह किसी काम को किस तरह से सीख रहा है आदि।
  • सुपरवाइज्ड लर्निंग के माध्यम से एक बार हम मशीन को प्रशिक्षित कर दे तो फिर डेटा को संगृहीत करके रखने की कोई जरुरत नहीं होता है, इसके बजाय आप एक गणितीय सूत्र के रूप में निर्णय सीमा को रख सकते हैं। जिसका उपयोग मशीन आगे के निर्णय लेने के लिए करता है।
  • ऐसे समस्या जिसे कई अलग-अलग प्रकार के परिस्थिति में विभाजित किया जा सकता है उनमें सुपरवाइज्ड लर्निंग बहुत सहायक हो सकती है।
  • सुपरवाइज्ड लर्निंग में समय के साथ-साथ नए-नए अनुभवों का उपयोग करते हुए मशीन की क्षमता में सुधार किया जा सकता है।
  • इसमें बहुत असनी से मशीन के प्रदर्शन की शुद्धता की जाँच की जा सकती है एवं उसमें सुधार भी किया जा सकता है।
  • इसकी मदद से मनुष्य के रोजमर्रा के जीवन में उत्पन्न होने वाली विभिन्न प्रकार की वास्तविक समस्याओं को हल किया जा सकता है।





Disadvantages of Supervised Learning in Hindi:-

  • आमतौर पर मशीन को प्रशिक्षित करने के लिए बहुत अधिक मात्रा में डेटा का उपयोग किया जाता है जिससे मैनेज करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • इसके मदद से किसी मशीन को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया काफी जटिल है इसी कारण इसमें बहुत अधिक समय की आवश्यकता होती है।
  • सुपरवाइज्ड लर्निंग कई मायनों में सीमित है क्योंकि इसमें मशीन को उदाहरण के साथ जिन विषयों को सिखाया गया है मशीन केवल उन्हीं विषयों के बारे में जानकारी देता है। इस तकनीक के मदद से प्रशिक्षित मशीन से अगर हम किसी नए विषय से संबंधी जानकारी मांगते है तो ये गलत उत्तर देता है।

 

Conclusion of Supervised Learning in Hindi:- इस लेख में हमने  सुपरवाइज्ड लर्निंग को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Supervised Learning in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप सुपरवाइज्ड लर्निंग पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

What is Deep learning in Hindi

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 390 View

What is Deep learning in Hindi

Definition of Deep learning in Hindi:- डीप लर्निंग मशीन लर्निंग की एक ब्रांच या शाखा है, जिसमें किसी मशीन को डेटा संसाधित कर के निर्णय लेना सीखाया जाता है। साधारण शब्दों में कहें तो ठीक उसी प्रकार जैसे की कोई इंसान अपने रोजमर्रा के जीवन में विभिन्न प्रकार के अनुभव एवं जानकारियों से सीखता है और निर्णय लेता है, डीप लर्निंग में किसी मशीन को data से सीख कर निर्णय लेना सिखाया जाता है।




डीप लर्निंग को डीप स्ट्रक्चर्ड लर्निंग के नाम से भी जाना जाता है, इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध डेटा के बीच पैटर्न बनाकर जानकारियों को समझता है और किसी काम को सीखता है। आज के समय में डीप लर्निंग के क्षेत्र में बहुत तेज़ी से काम हो रहा है और हमारे रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले कई तकनीक जैसे की Google Assistant, Amazon Alexa, Apple Siri आदि में इसका उपयोग किया जा रहा है।

Real Life application of Deep learning in Hindi

Real Life application of Deep learning in Hindi:-  रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले तकनीकों में  डीप लर्निंग का उपयोग निम्नलिखित प्रकार से किया जाता है :-

  • Self-Driving Cars :- आपने आज कल न्यूज़ में सेल्फ ड्राइविंग कार का नाम तो सुना ही होगा। इसका मतलब होता है ड्राइवर रहित गाड़ीयां अर्थात इन्हें चलने के लिए ड्राइवर की जरुरत नहीं होती। Tesla, Yandex, Google जैसे कंपनी सेल्फ ड्राइविंग कार का सफल मॉडल बनाने के लिए काफ़ी तेज़ी से काम कर रही है। विशेषज्ञों का ऐसा अनुमान है की सेल्फ ड्राइविंग तकनीक का उपयोग करने से गाड़ियों के कारण होने वाले एक्सीडेंट की संख्या में भारी गिरावट होगी तथा ट्रैफिक जाम जैसे समस्याओं से भी निपटने में मदद मिलेगी।
  • Fraud News Detection:- आजकल व्यक्तिगत लाभ के लिए इंटरनेट का उपयोग करके फेक न्यूज़ को काफी तेजी से फैलाया जाता है, जिसके कारण समाज में अव्यवस्था एवं अराजकता का माहौल भी पैदा हो जाता है। इस प्रकार के घटनाओं से बचने के लिए डीप लर्निंग एक बहुत ही उपयोगी तकनीक के रूप में सिद्ध हो सकता है क्योंकि इसके मदद से फेक न्यूज़ को फिल्टर करके फैलने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही Deep Learning का उपयोग करके प्रत्येक उपयोगकर्ता के पसंद एवं ना पसंद के अनुसार केवल उन्हीं जानकारियों को प्रस्तुत किया जा सकता है जिस प्रकार की जानकारियों को देखने के लिए वह इच्छुक है।
  • Predicting Earthquakes:- हार्वर्ड युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने डीप लर्निंग का इस्तेमाल करके विस्कोसैस्टिक कम्प्यूटेशन करने वाले कंप्यूटर को विकसित किया जिनके मदद से भूकंप की भविष्यवाणियों बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। भूकंप संबंधी गणना के क्षेत्र में समय का एक छोटा सा हिस्सा भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में डीप लर्निंग का उपयोग करके 50,000% ज़्यादा बेहतर लाभ होता है।
  • Natural Language Processing:- किसी भाषा से जुड़ी बारीकियाँ जैसे की वाक्य रचना, शब्दार्थ, व्यंग्य आदि को समझना सबसे कठिन कार्यों में से एक है। डीप लर्निंग के माध्यम से मशीनों को इस योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि वह किसी इंसान के द्वारा बोले जाने वाले भाषाओं को बेहतर से बेहतर तरीके से प्रोसेस कर पाए।
  • Virtual Assistants and Voice Search:- डीप लर्निंग का सबसे लोकप्रिय अनुप्रयोग वर्चुअल असिस्टेंट और वॉयस सर्च के क्षेत्र में हुआ है। Google Assistant, Alexa, Siri जैसे उत्पादों ने बहुत अधिक लोकप्रियता हासिल किया है और लोगों के रोजमर्रा के काम को भी सरल बना दिया है।
  • Market Price Forecasting:- stock market (शेयर बाजार) में कंपनी के शेयर की कीमतों का भविष्यावाणी करने के लिए Deep learning का उपयोग किया जाता है।
  • Automatic Machine Translation:- Deep learning की मदद से एक लैंग्वेज के लेख या वाक्य को किसी दूसरी भाषा में अनुवादीत किया जा सकता है। हालांकि इस तकनीक को डीप लर्निंग के बिना भी किया जा सकता है, लेकिन डीप लर्निंग के उपयोग से इस तकनीक की सटीक और अधिक बेहतर हो जाती है।
  • Entertainment:- नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन प्राइम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर सभी उपयोगकर्ता के पसंद एवं नपसंद के अनुसार बेहतर से बेहतर अनुभव देने के लिए डीप लर्निंग का उपयोग किया जाता है। कोई उपयोगकर्ता जिस प्रकार के सामग्री को देखता है उसी प्रकार के सामग्री एवं उनसे संबंधित विज्ञापनों को भी उपयोगकर्ता के समक्ष और ज्यादा से ज्यादा प्रस्तुत किया जाता है।
  • Visual or Voice Recognition:- विजुअल या वॉइस रिकॉग्निशन की तकनीक का उपयोग करके किसी चित्र में मौजूद वस्तु या मनुष्य के चेहरे की पहचान की जा सकती है। इसका उपयोग सरकारी संगठन जैसे कि पुलिस आदि के द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को ढूंढने जैसे कामों में किया जाता है।
  • Fraud Detection:- जबसे बैंकिंग और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के काम ऑनलाइन होने लगे हैं तब से ऑनलाइन फ्रॉड की मात्रा बहुत अधिक बढ़ गई है। ऐसे में ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए डीप लर्निंग की तकनीक बहुत ही मददगार है। इसकी मदद से बैंकों के द्वारा किसी संदेह प्रद money transaction की प्रक्रिया को होने से पहले ही रोक दिया जाता है, जिससे कि ग्राहकों के पैसे को गलत हाथों तक पहुंचने से पहले ही रोका जा सकता है।
  • Healthcare:- डीप लर्निंग का सबसे कारगर प्रयोग हेल्थ केयर के क्षेत्र में हुआ है। इसके मदद से कई जटिल बीमारियों का इलाज ढूंढने में मदद मिली है, कई ऐसी बीमारियां होती थी क्योंकि जिनका इलाज पहले संभव नहीं था लेकिन डीप लर्निंग के माध्यम से बहुत बड़े पैमाने पर लोगों की स्वास्थ्य को मॉनिटर किया जा सकता है, जिसके कारण उन बीमारियों का भी इलाज ढूंढा जा सकता है जिसका इलाज अब तक नहीं ढूंढा जा सका था।

Advantages and Disadvantages of Deep learning in Hindi





Advantages of Deep learning in Hindi:-

  • Better Product Creation:- किसी भी बिजनेस या नॉन-बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन में रोजमर्रा के काम के दौरान बहुत अधिक मात्रा में data पैदा होता है। इसके अलावा संगठनों के पास ग्राहक द्वारा किए जाने वाले गतिविधियों से भी बहुत अधिक मात्रा में डाटा पहुंचता है, लेकिन संगठनों को इन डेटा से तभी कोई लाभ मिलेगा, जब वह इन डाटा में छुपे हुए पैटर्न का विश्लेषण करके उन पैटर्न के अनुसार कोई निर्णय ले एवं ऐसे उत्पादों का निर्माण करें जो कि ग्राहक के आवश्यकता को और अधिक बेहतर तरीके से पूरा करता हो। ऐसे में डीप लर्निंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीक है जिसका उपयोग करके सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप्लीकेशन का निर्माण करने पर वह उत्पाद लगातार ग्राहकों से मिलने वाले डेटा से नए-नए जानकारियों से सीखता है एवं ग्राहक को और अधिक बेहतर अनुभव प्रदान करने में मदद करता है।
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What is Deep Learning in Computer in Hindi
  • Reduced Mistakes:- गलती करना इंसान की नियति है लेकिन आधुनिक मशीनों के उपयोग से इंसान अपने रोजमर्रा के कामों में होने वाले गलती की मात्रा को कम कर सकता है।
  • उदाहरण के लिए मान लीजिए कि अगर कोई इंसान गाड़ी को ड्राइव करें तो एक्सीडेंट होने की संभावना हमेशा बनी रहती है, लेकिन अगर सभी इंसान ड्राइवरलेस गाड़ियों का उपयोग यातायात के लिए करने लगे तो इंसानों की गलती के कारण होने वाले एक्सीडेंट बंद हो जाएंगे। इसी प्रकार के फैक्ट्री में काम के लिए उपयोग होने वाले आधुनिक रोबोट एवं उत्तम श्रेणी के मशीनों का निर्माण करने के लिए डीप लर्निंग की तकनीक का उपयोग किया जाता है।
  • Continues Improvements :- डीप लर्निंग मशीनों को खुद ब खुद सीख कर अपने गुणों एवं क्षमताओं में सुधार करने की सुविधा प्रदान करता है, जिसके कारण डीप लर्निंग का उपयोग करके बनाए गए उत्पाद का प्रदर्शन धीरे-धीरे बढ़ता ही जाता है।
  • Problem Solving approach:- डीप लर्निंग के तकनीक का उपयोग करके कई ऐसे जटिल समस्याओं का समाधान निकाला जा सका है जिनका पहले समाधान नहीं हो सकता था। उदाहरण के लिए एक भाषा को किसी दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करना काफी जटिल काम है, क्योंकि किसी भी भाषा की अपनी एक मूल वाक्य संरचना की पद्धति होती है और किसी मशीन के लिए इन्हें सझना मुश्किल है लेकिन डीप लर्निंग का उपयोग करके बनाये गए उपकरण जैसे की Google Translate आदि बड़े सहजता से एक भाषा को दूसरी भाषा में परिवर्तित कर देता है और इससे भी अच्छी बात यह है कि इनके सटीकता में लगातार सुधार हो रहे हैं क्योंकि इन दोनों के निर्माण में डीप लर्निंग के तकनीक का उपयोग हुआ है जिसके कारण यह टूल अपनी गलतियों को ठीक करते रहते हैं और लगातार अपनी सटीकता में सुधार करते रहते हैं।
  • Time Saving:- डीप लर्निंग की तकनीक का उपयोग करके इंसान द्वारा किए जाने वाले कामों में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है। उदाहरण के लिए कोई भी दो-दोस्त social media पर आपस में बात करते समय उपयोग करने वाले भाषा एवं शब्दो बार-बार रिपीट करते है। इतना ही नहीं उनके ६०% वाक्य भी एक जैसे ही होते है इसी कारण डीप लर्निंग के उपयोग से ऐसे कीवर्ड बन चुके है जिसके उपयोग से जब कोई इंसान एक शब्द लिखता है तो उस शब्द से मिलता जुलता पूरा का पूरा सेंटेंस यूज़ के समक्ष आ जाता है जिसके कारण से पूरा सेंटेंस टाइप नहीं करना पड़ता और उसका समय बच जाता है।





Disadvantages if Deep learning in Hindi:-

  • इसकी मदद से बनाए गए उत्पाद के पास इंसानों के पसंद-नापसंद से संबंधित विस्तृत जानकारी होती है। इन निजी जानकारियों का उपयोग करके इंसान के पूरे साइकोलॉजि को Hack किया जा सकता है और उनके मन में किसी वस्तु के प्रति आकर्षण या घृणा पैदा किया जा सकता है। इनका उपयोग राजनैतिक या व्यवसायिक लाभ के लिए किया जाता है।
  • इसके कारण इंसानों के रोजगार में कमी आई है क्योंकि इसके उपयोग से ऐसे मशीनों का निर्माण हो रहा है, जो इंसानों से भी बेहतर तरीके एवं कम खर्चे में किसी काम को करने में सक्षम है।
  • कुछ वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि इसके कारण भविष्य में इंसान के अस्तित्व पर भी खतरा उत्पन्न हो सकता है क्योंकि अगर मशीन इंसान से ज्यादा समझदार हो जाए तो यह इंसान के लिए बहुत ही खतरनाक परिणाम लेकर आ सकता है।

Summery on Deep learning in Hindi:- इस लेख में हमने डीप लर्निंग को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Deep learning in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप डीप लर्निंग पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

 

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