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Electonics

What is Compact disc in Hindi?

Author: admin | On:19th Nov, 2020 | 478 View

What is Compact disc in Hindi?

Definition of Compact disc in Hindi :- कॉम्पैक्ट डिस्क CD के नाम से बहुत अधिक प्रचलित है, यह एक प्रकार का उपकरण है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के डिजिटल जानकारी जैसे की Audio, Video, Images  आदि को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।




कॉम्पैक्ट डिस्क एक तश्तरी नुमा, गोलाकार डिस्क होता है। जिसके एक तरफ का हिस्सा चमकीला तथा दूसरा सुस्त होता है। इसके चमकीले भाग में जानकारिय या डाटा को संग्रहित किया जाता है जबकि दूसरा हिस्सा पूरी तरह से खाली होता है।

What is a compact disc made of?

Compact Disc in Hindi
Compact Disc in Hindi

एक कॉम्पैक्ट डिस्क एक पतला, गोलाकार डिस्क है जो धातु और प्लास्टिक से मिलकर बना होता है। इसका कुल व्यास 12 सेंटीमीटर (4.5 इंच) का होता है। इसमें कुल तीन परत होते है।

  • इसका अधिकांश हिस्सा पॉली कार्बोनेट (polycarbonate) नामक एक कठोर प्लास्टिक से बना होता है।
  • इसके बीच के हिस्से में एल्यूमीनियम की एक पतली परत होती है।
  • अंत में एल्यूमीनियम के ऊपर प्लास्टिक और लाह (lacquer) की एक सुरक्षात्मक परत है।

अगर हम compact disc को देखे तो इसका एक हिस्सा चमकदार धातु तथा दूसरा हिस्सा प्लास्टिक जैसा दिखता है इसका चमकदार हिस्सा बहुत आवश्यक है क्योंकि सभी जानकारियां इसी हिस्से में जमा होती है।  इसका प्लास्टिक वाले हिस्सा पूरी तरह से खाली होता है।

Type of CD in Hindi

Types of CD in Hindi:- कंपनियों द्वारा अलग-अलग प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के कॉम्पैक्ट डिस्क बनाए गए हैं, इनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित रुप से हैं :-

  • Compact Disc Read Only Memory (CD-ROM):- सामान्य Compact Disc को CD-ROM भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें एक बार data को जमा करने के बाद उससे बदला नहीं जा सकता है।
  • Recordable CD (CD-R):- यह खाली या blank कॉम्पैक्ट डिस्क होता है, जिसका उपयोग कंप्यूटर सीडी burner द्वारा डाटा जमा करने के लिए किया जाता है।
  • ReWriteable CD (CD-RW) :- ReWritable CD के अंदर जमा data को बदला जा सकता है, मतलब कि इसमें जमा डाटा को delete करके इसमें फिर से नया data add किया जा सकता है।




History of Compact disc in Hindi

History of Compact disc in Hindi :- कॉम्पैक्ट डिस्क को बनाने का श्रेय अमेरिका के वैज्ञानिक James T. Russell ( जेम्स टी रसेल ) को जाता है। उन्होंने 1966 में इसके पेटेंट के लिए अप्लाई किया था और उन्हें 1970 में इसका लाइसेंस मिल गया।

लेकिन उस समय के दो बहुत पड़े इलेक्ट्रॉनिक निर्माता कंपनी Sony और Philips कॉम्पैक्ट डिस्क का लाइसेंस लेने के लिए आपस में झगड़ पड़े थे। इसके बाद 1980 में इन दोनों कंपनीयों के बीच एक समझौता हुआ और दोनों ही कंपनियां कॉम्पैक्ट डिस्क बनाने लगी। आगे जाकर इन दोनों कंपनियों ने Compact disc के डिज़ाइन और गुणवत्ता में कई सुधार किए।

1970 के दशक में कॉम्पैक्ट डिस्क एक बहुत ही क्रांतिकारी आविष्कार था, क्योंकि उससे पहले जितने भी storage devices (मतलब ऐसे उपकरण जिसमें डाटा को संग्रहित करने की क्षमता हो ) उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से लाना या ले जाना संभव नहीं था। लेकिन कॉम्पैक्ट डिस्क ऐसा उपकरण था जिसमें जानकारियों को संगठित करके एक स्थान से दूसरे स्थान तक बहुत आसानी से लाया या ले जाया जा सकता था।

Compact disc का शुरुआती संस्करण में केवल Sound को ही Store करने में सक्षम था, लेकिन 1982 में Sony और Philips जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक निर्माता कंपनी द्वारा इसमें कई नए गुणों को जोड़ा गया और इसे इसका वर्तमान रूप दिया गया।

Characteristics of compact disc in Hindi

  • एक सामान्य CD लगभग 700 MB (Megabyte) डाटा को संग्रहित करने में सक्षम होता है। हालांकि इसके कई और संस्करण है जिनमें इससे ज्यादा जानकारियों को भी संग्रहित किया जाता है।
  • ऐसी सामान्य compact disc में एक बार किसी डाटा को जमा कर दिया जाए तो उसे मिटाया नहीं जा सकता। मतलब कि इसमें जमा data को कभी delete नहीं किया जा सकता। लेकिन इसके विशेष संस्करण CD-RW (Compact Disc-ReWritable) में लिखित डाटा को delete करके फिर से नए data में जमा किया जा सकता है।
  • यह एक Non-volatile memory device है। इसका मतलब की इसमें संग्रह data इलेक्ट्रिसिटी ना रहने के बाद भी सुरक्षित रहता है। इसलिए इसमें डाटा को जमा करने के बाद बहुत ही आसानी से disc को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाया या ले जाया जा सकता है।
  • हालांकि CD में जमा डाटा को काफी लंबे समय तक बिना किसी समस्या के उपयोग किया जा सकता है। लेकिन आमतौर पर जब कंप्यूटर या सीडी प्लेयर में CD को चलाया जाता है, तो डिस्क के चमकदार हिस्सा से होने वाले घर्षण से डिस्क में जमा डाटा खराब हो जाता है।

Application of CD in Hindi

Application of CD in Hindi :- हमारे रोजमर्रा के जीवन में कॉम्पैक्ट डिस्क

का उपयोग निम्नलिखित रुप से किया जाता है

  • Entertainment Video:- विभिन्न प्रकार के फिल्म, Movies Video और गानों को जमा करने के लिए इसका बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है। क्योंकि एक सस्ता और लंबे समय तक उपयोग करने योग्य उपकरण है।
  • Software Application:- सॉफ्टवेयर कंपनी जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट आदि अपने सॉफ्टवेयर उत्पाद जैसे की Operating System आदि को कॉम्पैक्ट डिस्क में जमा करके बेचती है।





Advantages of Compact Disc in Hindi :-

  • यह बहुत ही कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध हो जाता है, भारत में यह 15 से ₹25 के बीच में बड़े आराम से मिल जाता है।
  • यह आकार में छोटा पतला और बहुत आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने योग्य होता है।
  • इसके अंदर जमा किए गए डेटा को बहुत ही तेजी से Access किया जा सकता है।
  • इसका उपयोग सभी प्रकार के डिजिटल data जैसे की audio, video, Image, Software Product, Text को जमा करने के लिए किया जा सकता है।

Disadvantages of CD in Hindi :-

  • सीडी में केवल 700mb डाटा को जमा किया जा सकता है।
  • एक बार किसी data को disc में जमा करने के बाद उस data को बदला नहीं जा सकता है।
  • इसके जिस भाग में data जमा किया जाता है, वह काफी नाजुक होता है तथा खरोंच लगने से या चोट लगने से खराब हो सकता है।
  • कॉम्पैक्ट डिस्क का उपयोग एक निश्चित अवधि के लिए ही किया जा सकता है क्योंकि प्रत्येक बार उपयोग के बाद डिस्क में लगने वाले खरोंच के कारण इसकी क्वालिटी ख़राब होते जाती है और एक समय के बाद डिस्क पुरे तरह से खरब हो जाता है।

Summery on Compact disc in Hindi:- इस लेख में हमने कॉम्पैक्ट डिस्क को सरल हिंदी भाषा में समझने का प्रयास किया है। कॉम्पैक्ट डिस्क को संक्षेप में सीडी भी कहते है। इसमें हमने सीडी की Definition, History, Application, Characteristics, Types, Advantages और Disadvantages को विस्तार से जाना। कॉम्पैक्ट डिस्क के उपयोग से काफ़ी कम लगत में डेटा को संग्रहित किया जा सकता है। 1990 के समय में इसे फ़िल्म देखने के लिए बहुत अधिक उपयोग किया जाता था। लेकिन फिर 1997 DVD का अविष्कार हो गया जिसमें 4.7 GB तक डेटा को जमा किया जा सकता था।
आजके इस आधुनिक युग में मोबाइल, SD Card (मेमोरी कार्ड), पेन ड्राइव जैसे उपकरणों के अविष्कार के बाद से सीडी का उपयोग कुछ कम हो गया है लेकिन इसका उपयोग आज भी बंद नहीं हुआ है। विषेस रूप से फ़िल्म देखने और गाना सुनने वाले लोग कॉम्पैक्ट डिस्क का उपयोग बहुत करते है।
उम्मीद है कि Compact Disc in Hindi  का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप कॉम्पैक्ट डिस्क पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

What is MOSFET in Hindi

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 756 View

What is MOSFET in Hindi

Definition of MOSFET in Hindi:- MOSFET का पूरा नाम मेटल ऑक्साइड सिलिकॉन फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर (Metal Oxide Silicon Field Effect Transistor) है। इसे IGFET अर्थात इंसुलेटेड गेट फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर (Insulated Gate Field Effect Transistor) भी कहा जाता है। इसके उपयोग से कंप्यूटर और लैपटॉप के motherboard में power supply को प्रबंधित किया जाता है। यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विद्युत धारा के वोल्टेज को प्रबंधित करता है।




इलेक्ट्रॉनिक स्विचिंग उत्पाद जैसे की BJT, MOSFET, IGBT, SCR, TRIAC आदि एक ही श्रेणी ने उपकरण हैं। इनका उपयोग सर्किट के डिजाइन में बिजली के वोल्टेज (Voltage) को प्रबंधित करने के लिए किया जाता हैं। MOSFET का निर्माण Field Effect Transistor (FET) में मौजूद कमियाँ जैसे की slower operation (धीमा संचालन), moderate input impedance (मध्यम इनपुट प्रतिबाधा), high drain resistance (उच्च निकास प्रतिरोध) आदि को दूर करने के लिए किया गया था। इसी कारण MOSFET को FET का उन्नत रूप भी कहा जा सकता है।

Features of MOSFET in Hindi

  • MOSFET ट्रांजिस्टर एक सेमीकंडक्टर डिवाइस है, जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को स्विच और एम्प्लीफाइ करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • MOSFET का इस्तेमाल इसे एनालॉग और डिजिटल सर्किट दोनों में किया जा सकता है, यह किसी सर्किट में उपयोग किया जाने वाला सबसे आम ट्रांजिस्टर है।
  • MOSFET में कुल तीन प्रमुख भाग होते है जैसे की source, gate और drain.
  • आजकल मॉसफेट के निर्माण में ‘मेटल आक्साइड’ के बजाय पॉलीसिलिकॉन का उपयोग किया जाता है, लेकिन फिर भी इसका पुराना नाम MOSFET अब भी उपयोग में लिया जाता है।
  • मॉस्फेट से पहले सर्किट निर्माण में बाईपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर ( BJT) का उपयोग बहुत अधिक होता था लेकिन आज के समय सभी प्रकार के सर्किट में मॉस्फेट का ही उपयोग होता है क्योंकि यह एक सस्ता और अधिक ‘packing density’ प्रदान करने वाला उत्पाद है।
  • मॉस्फेट के कुछ भाग पहले से ही insulated होता है जिसके कारण इसे चलने के लिए बहुत कम मात्रा में विद्युत धारा की जरूरत होती है।
Structure of MOSFET in Hindi
Structure of MOSFET in Hindi

Structure of MOSFET in Hindi:- कोई भी साधारण MOSFET गेट (gate), ड्रेन (drain), सोर्स (source) और बॉडी (body) नाम के चार हिस्सें से मिलकर बना होता है। गेट, ड्रेन, सोर्स को टर्मिनल के नाम से भी जाना जाता है। इसके अंदर डायोड होता है जो कि विधुत धारा को प्रवाहित करने से रोकता है, इसमें विधुत प्रवाहित करने के लिए इसे एक्टिवेट करना होता है जिसके लिए अलग से गेट में से विधुत धारा प्रवाहित करना होता है। गेट तार की मदद से ड्रेन और सोर्स के साथ जुड़ा होता है, जिससे ड्रेन से आ रहा विधुत धारा सोर्स की तरफ जाकर बाहर निकल जाता है |



Type of MOSFET in Hindi

Type of MOSFET in Hindi:- परिचालन के प्रकार के आधार पर इसे दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है

  1. Depletion mode MOSFET (D-MOSFET):- डिप्लेशन मोड में जब गेट टर्मिनल पर शून्य वोल्टेज होता है, तो चैनल अपनी अधिकतम प्रवाहकत्त्व (conductance) दिखाता है। जब गेट पर वोल्टेज नकारात्मक या सकारात्मक होता है तो इसमें चैनल की चालकता कम हो जाती है। निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री के आधार पर डिप्लेशन मोड को कुल 2 भागों में वर्गीकृत किया गया है, N-Channel और P-Channel
    • N-Channel Depletion mode
    • P-Channel Depletion mode
  2. Enhancement mode MOSFET (E-MOSFET):- एन्हांसमेंट मोड में जब गेट टर्मिनल पर कोई वोल्टेज नहीं होता है तो डिवाइस आचरण नहीं करता है। गेट टर्मिनल पर अधिक वोल्टेज लागू किया जाता है, डिवाइस में अच्छी conductance होती है। निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री के आधार पर एन्हांसमेंट मोड को भी कुल 2 भागों में वर्गीकृत किया गया है, N-Channel और P-Channel
    • N-Channel Enhancement mode
    • P-Channel Enhancement mode

 

History of MOSFET in Hindi:- मॉसफेट का आविष्कार 1959 में Mohamed Atalla (मोहम्मद अटाला) और Dawon Kahng (दाऊन कहंग) ने अमेरिका के Bell Labs नाम के अनुसंधान केंद्र में किया था। आज के समय यह दुनिया में सबसे अधिक उपयोग होने वाला ट्रांजिस्टर और सेमीकंडक्टर डिवाइस है। हालाँकि मॉसफेट को बनाने का idea बाईपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर ( BJT) से लिया गया था जिसे 1947 में ही William Shockley (विलियम शॉक्ले) ने बनाया था। MOSFET को BJT का आधुनिक संस्करण या updated version भी कहते है।

लेकिन हम जब भी किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या उत्पाद के इतिहास पर चर्चा करते हैं तो हमें उससे बनाने या उसकी खोज करने का श्रेय किसी एक व्यक्ति या संगठन के कुछ लोगों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। आमतौर पर प्रत्येक इलेक्टॉनिक उत्पाद को किसी ना किसी दूसरे उत्पाद से प्रेरणा लेकर बनाया गया है और कई बार एक ही समय पर कई अलग-अलग लोग सामान प्रकार के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे होते है। इन्हीं सब कारणों से किसी उत्पाद को बनाने के श्रेय कुछ लोगों तक सिमित नहीं रखा जा सकता है। ठीक उसी प्रकार मॉसफेट को बनाने कि बना की प्रेरणा बीजटी से ली गई थी लेकिन बीजटी एक ट्रांजिस्टर है जिससे बनाने की प्रेरणा मौलिक ट्रांजिस्टर से ली गई थी।




Summery on MOSFET in Hindi:- मॉसफेट एक आधुनिक ट्रांजिस्टर और सेमीकंडक्टर डिवाइस है जिसने बाईपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर को रिप्लेस कर दिया है। अब के समय में एनालॉग और डिजिटल सर्किट दोनों के निर्माण में इसका उपयोग होता है। इसके उपयोग से किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के पावर सप्लाई को प्रबंधित किया जाता है। इसी कारण लगभग सभी मशीनों में इसका उपयोग होता है जैसे की लैपटॉप, मोबाइल आदि। यह विद्युत धारा को एंपलीफायर करता है और जिसके कारण अगर किसी समय विद्युत धारा का प्रवाह थोड़ा ज्यादा या कम हो जाए तो इसका दुष्प्रभाव मशीन को नहीं होने देता है और मशीन को उससे सुरक्षित बनाये रखता है। इसके साथ ही विद्युत के झटकों से भी मशीन को बचाता है, शार्ट सर्किट या बदल गरजने आदि की स्थिति में भी मशीन को बचाने का प्रयास करता है।

इस लेख में हमने मॉसफेट को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि MOSFET in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप मॉसफेट पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

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