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Programming Language

What is Functional Programming in Hindi

Author: admin | On:19th Nov, 2020 | 620 View

What is Functional Programming in Hindi

Definitions of Functional Programming Language in Hindi:-  फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में समस्त सोर्स कोड को शुद्ध गणितीय शैली में लिखने का प्रयास किया जाता है। इसमें सॉफ्टवेयर निर्माण के लिए लिखा गया सभी कोड अलग-अलग function के मदद से बिभाजित होता है।  इसके कोड में ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग की तरह shared state, mutable data जैसे विधियों का उपयोग नहीं किया जाता है। इतना ही नहीं इसमें Loop Statements और Conditional Statements जैसे की while loop, for loop, If-Else आदि का भी उपयोग नहीं होता।

Features of Functional Programming in Hindi





Features of Functional Programming in Hindi:- फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित रूप से है :-

  • फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग में सॉफ्टवेयर निर्माण के बारे में सोचते समय फ़ंक्शन के लिए दिए जाने वाले तर्कों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है क्योंकि इसमें पुरे प्रोग्राम का सोर्स कोड अलग-अलग फंक्शन में बाँटा होता है।
  • इस प्रोग्रामिंग में परिणामों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है न की समाधान की प्रक्रिया पर।
  • इसमें Flow Control के लिए function calls और recursion की तकनीक का उपयोग किया जाता है।
  • इसे पूरी तरह से गणितीय कार्यों की अवधारणा का उपयोग करके बनाया गया है, जिस प्रकार गणित में किसी समस्या का समाधान के लिए पुनरावृत्ति का उपयोग किया जाता है। Functional programming में भी वैसे ही किसी समस्या के समाधान के लिए गणना किया जाता है।
  • इसमें उपयोग किया जाने वाला डेटा अपरिवर्तनीय या स्थिर (immutable) होता है।
  • इसमें ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP) की तरह एब्सट्रैक्शन, इनकैप्सुलेशन, इनहेरिटेंस, और पॉलीमोर्फिज्म जैसी लोकप्रिय अवधारणाओं का उपयोग होता हैं।
  • फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज Loop Statements और Conditional Statements जैसे की while loop, for loop, If-Else, Switch Statements आदि को सपोर्ट नहीं करती हैं। इसमें सीधे functions और functional call का उपयोग करते हैं।

Example of Functional Programming in Hindi

Example of Functional Programming in Hindi:- फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित रूप से है :-

  • Haskell :- हास्केल एक फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे आदर्श रूप से डेटा विश्लेषण और बिज़नेस लॉजिक से संबंधित गणना के लिए उपयोग किया जाता है।
  • SML :- SML या Standard ML प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग compiler बनाने वाले सॉफ्टवेयर डेवलपर के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा शोधकर्ताओं और mathematical theorem को सिद्ध करने वाले के बीच काफ़ी लोकप्रिय है।
  • Clojure :- क्लोजर का उपयोग social networking industry (सोशल नेटवर्किंग इंडस्ट्री) से लेकर Big Data solutions (बिग डेटा सॉल्यूशंस) तक के लिये किया जा सकता है। हालाँकि शुरुआत में क्लोजर भाषा को Java Virtual Machine (JVM) के साथ काम करने के लिए बनाया गया था।
  • Erlang:- एरलैंग भाषा को मूल रूप से बड़े दूरसंचार प्रणालियों में उपयोग करने के लिए विकसित किया गया था। लेकिन अब धीरे-धीरे इसे ई-कॉमर्स, कंप्यूटर टेलीफोनी और बैंकिंग क्षेत्रों में भी इसका उपयोग होने लगा।
  • F#:- F# (इसका उच्चारण F sharp किया जाता है). यह  .NET Core फ्रेमवर्क के लिए माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के द्वारा बनाया गया लैंग्वेज है। यह अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम पर सामान रूप से चलने योग्य एप्लीकेशन बनाने में मदद करता है।
  • SQL:- SQL का पूरा नाम Structured Query Language है, इसका उपयोग relational database को मैनेज करने के लिए किया जाता है।
  • Mathematica:- यह मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, न्यूरल नेटवर्क के लिए उपयोग किया जाने वाला प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।
  • XSLT:- XSLT का पूरा नाम eXtensible Stylesheet Language Transformations है। यह XSL का एक भाग है जिसका उपयोग एक प्रकार के डॉक्यूमेंट को दूसरे प्रारूप में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।

Note:- ऊपर आप ने फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग के जितने भी उदाहरण देखे है ये सभी शुद्ध रूप से फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, क्योंकि इनमें फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग से सभी गुण पूरी तरह से मौजूद है । वैसे वर्त्तमान समय की लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज Javascript और Python में भी फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग के कुछ गुण मौजूद है लेकिन चूँकि ये दोनों ही भाषा Loop Statements और Conditional Statements जैसे की while loop, for loop, If-Else, Switch Statements आदि को सपोर्ट करती है। इसी कारण Javascript और Python को पूरी तरह से Functional Programming Language नहीं कह सकते।

History of Functional Programming in Hindi




  • फंक्शनल प्रोग्रामिंग की शुरुआती आधारशिला 1930 के दशक में Alonzo Church (अलोंजो चर्च) द्वारा विकसित lambda calculus (लैम्ब्डा कैलकुलस) से हो गई थी।
  • सबसे पहला फंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज LISP था जिसे 1950 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के कंप्यूटर वैज्ञानिक John McCarthy (जॉन मैकार्थी) के द्वारा विकसित किया गया था। इस लैंग्वेज को IBM 700/7000 मशीन में उपयोग किया गया था।
  • 1956 में Information Processing Language (IPL) कंप्यूटर-आधारित फंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बनाया गया जोकि एक लो-लेवल assembly language प्रोग्राम था।
  • 1960 के दशक की शुरुआत में Kenneth E. Iverson (केनेथ ई इवरसन) ने APL प्रोग्रामिंग लैंग्वेज विकसित किया जोकि FP से प्रभावित था।
  • 1970 में University of Edinburgh (एडिनबर्ग विश्वविद्यालय) के शोधकर्ताओं ने ML(Meta Language) को विकसित किया था ।
  • 2004 में data analysis के लिए लोकप्रिय फंक्शनल लैंग्वेज Scala को विकसित किया गया जोकि ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग और फंक्शनल प्रोग्रामिंग के संयोग से बनाया गया है।

Difference Between Object Oriented Programming and Functional Programming in Hindi:- हालाँकि फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग (FP) लैंग्वेज में ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP) लैंग्वेज की कुछ उपयोगी अवधारणा जैसे की Abstraction (एब्सट्रैक्शन), Encapsulation (इनकैप्सुलेशन), Inheritance (इनहेरिटेंस), और Polymorphism (पॉलीमोर्फिज्म) का उपयोग किया गया है लेकिन इसके बाबजूद  फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग और ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग में कई असमानताएँ है जिसके उदाहरण निम्नलिखित रूप से है।

Object Oriented ProgrammingFunctional Programming
यह Mutable (परिवर्तनशील) डेटा का उपयोग करता है।

 

यह Immutable (अपरिवर्तनीय या स्थिर) डेटा का उपयोग करता है।
यह Imperative Programming Model (आदेशात्मक प्रोग्रामिंग मॉडल) का अनुसरण करता है।यह Declarative Programming Model (घोषणात्‍मक प्रोग्रामिंग मॉडल) का अनुसरण करता है।
“हमें काम को कैसे करना है”  इस पर फोकस करता है।“हमें क्या करना है” इस पर फोकस करता है।
लूप्स और कंडीशनल स्टेटमेंट्स के उपयोग से फ्लो कंट्रोल किया जाता है।फंक्शन कॉल्स और रिकर्सियन के उपयोग से फ्लो कंट्रोल किया जाता है।
इसमें सोर्स कोड में लिखे statements के निष्पादन का क्रम बहुत महत्वपूर्ण है।इसमें सोर्स कोड में लिखे statements के निष्पादन के क्रम का कोई महत्त्व नहीं है ।

 

Summery of Functional Programming in Hindi:- फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज मुख्य रूप से Function पर आधारित प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, आमतौर पर इन लैंग्वेज का उपयोग न्यूरल नेटवर्क, मशीन लर्निंग, इमेज प्रोसेसिंग, डेटा साइंस, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन जैसे क्षेत्रों में किया जाता है।

इस लेख में हमने फ़ंक्शनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Functional Programming Language in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप Functional Programming पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

 

Python Tutorial in Hindi

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 395 View

Python Tutorial in Hindi

What is Python in Hindi:- पायथन एक प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसका उपयोग वेब-डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट जैसे कामों में किया जाता है। Python कोई नई भाषा नहीं है बल्कि इसका पहला संस्करण 1990 के दशक में ही आ गया था। लेकिन आज के समय में यह बहुत ही लोकप्रिय भाषा बन गई है।  विशेष रूप से Web Development (वेब डेवलपमेंट), Hacking (हैकिंग), Machine Leaning (मशीन लर्निंग), Artificial intelligence (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस) सम्बंदि कामों में इसका बहुत अधिक उपयोग किया जाने लगा है।




आज के समय में पाइथन दुनिया के सबसे अधिक लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बन गया है। किसी भी दूसरे प्रोग्रामिंग भाषा की तुलना में पाइथन की मांग बाजार में सबसे अधिक है। बड़ी-बड़ी सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन निर्माता कंपनियां अपने प्रोजेक्ट के निर्माण में पाइथन का उपयोग करते हैं, उदाहरण के लिए Uber, reddit,  Pinterest, Dropbox, Netflix, Google, Instagram जैसी बड़े-बड़े प्रोजेक्ट में Python programming language का उपयोग किसी न किसी प्रकार से हुआ है।

Why to Learn Python Tutorial in Hindi

Why to Learn Python Tutorial in Hindi:-  जैसा कि आप सभी जानते हैं बाजार में अलग-अलग प्रकार के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज उपलब्ध है, ऐसे में निर्माण संबंधी प्रक्रियाओं में  Python का उपयोग करने के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित रुप से है :-

  1. High-Level Language:- पाइथन एक हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसलिए इसका सिंटेक्स एवं कीवर्ड अंग्रेजी भाषा से बहुत मिलता-जुलता होता है, जिसके कारण इसका उपयोग करके कोड लिखना एवं इसे समझना काफ़ी आसान होता है।
  2. Interpreted Language:- पाइथन एक इन्टर्प्रिटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसका मतलब ये है, की इसमें लिखे गए सोर्स कोड को चलने के लिए C, C++ programming की तरह compiler की मदद से कोड को निष्पादित नहीं करना पढ़ता, वल्कि पाइथन में PHP और Perl की तरह कोड Runtime में interpreter की मदद से निष्पादित किये जाते है।
  3. Object Oriented Programming Languages:- इसे पूरी तरह से ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग सिस्टम को आधार बनाकर डिजाइन किया गया है। इसी कारण जब हम इसका उपयोग करके किसी प्रोग्राम का निर्माण करते हैं तो इससे हमें ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग की सभी सुविधाएं जैसे कि क्लास, ऑब्जेक्ट, पॉलीमोरफ़िज्म, डाटा एनकैप्सूलेशन, डाटा हइडिंग इत्यादि का लाभ मिलता है।
  4. Free and Open Source:- कोई भी व्यक्ति पाइथन को स्वतंत्र रूप से अपने कंप्यूटर पर बिल्कुल निशुल्क डाउनलोड करके उपयोग कर सकता है। इसके साथ ही यह एक ओपन-सोर्स प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसके कारण कोई भी व्यक्ति इसे बेहतर बनाने के लिए इसके विकास की प्रक्रिया में अपना योगदान दे सकता है।
  5. Support for GUI:- पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में ऐसे बहुत सरे libraries उपलब्ध है जिनका उपयोग करके Graphical user interface (ग्राफिकल यूजर इंटरफेस) अर्थात GUI आधारित सॉफ्टवेयर का निर्माण आसानी से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए Tkinter, wxPython और JPython कुछ ऐसे ही लाइब्रेरीज के नाम है जिनका उपयोग करके पाइथन प्रोग्रामिंग में बड़े ही आसानी से GUI आधारित सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जा सकता है।
  6. Highly Portable:- पाइथन की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक है, इसकी पोटेबिलिटी अर्थात जब हम पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के कोड को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम बाले कंप्यूटर के लिए लिखते हैं तो इसी कोड को हम आवश्यकता पड़ने पर मैकिंटोश या लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम वाले कंप्यूटर पर भी चला सकते हैं। लेकिन C या C++ Programming Language का उपयोग करके बनाए गए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में यह सुविधा नहीं होती है, इसलिए पाइथन को बहुत ही portable लैंग्वेज माना जाता है, क्योंकि यह हमें ऐसा एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर बनाने की सुविधा देता है जो कि किसी विशिष्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर नहीं होता है।
  7. Easy to Learn and Code :- इस लैंग्वेज को सीखना एवं इसके मदद से प्रोग्राम लिखना बहुत ही आसान है, उदाहरण के लिए पाइथन प्रोग्रामिंग में वेरिएबल डिक्लेयर करने के लिए किसी भी प्रकार के डाटा टाइप के उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती। इसमें किसी भी दूसरे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तुलना में बड़े ही आसानी से वेरिएबल डिक्लेरेशन किया जा सकता है। यह कोड लिखने की प्रक्रिया को आसान बना देता है एवं एवं बहुत सारे Syntax Error के संभावनाओं को पैदा होने से पहले ही रोक देता है।
  8. Support for Other Languages:- पाइथन C, C++, C#, java जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के साथ मिलकर काम करने की क्षमता रखता है। इसकी मदद से अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखे गए कोड के बीच बड़ी आसानी से सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है।





History of Python in Hindi:- इसे Guido van Rossum नाम के कंप्यूटर प्रोग्रामर के द्वारा 1991 में बनाया गया था, जो कि मूल रूप से नीदरलैंड के निवासी हैं। Rossum ने नीदरलैंड के राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र जिसे सेंट्रम विस्कंडे एंड इंफोर्मेटा (CWI) के नाम से भी जाना जाता है उसमें  1980 के दशक में पाइथन की कल्पना की थी। पाइथन मूल रूप से ABC language से प्रेरित है।  पाइथन के सबसे पहले संस्करण को February 1991 में प्रकाशित किया गया था। इसका दूसरा संस्करण Python 2.0 को October 16, 2000 और तीसरा संस्करण Python 3.0 को December 3, 2008  में प्रकाशित किया गया था।

Real Life Applications of Python in Hindi:- वास्तविक जीवन में पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है:-

  • कंप्यूटर आधारित सॉफ्टवेयर का निर्माण।
  • मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।
  • डाटा साइंस और डाटा विजुलाइजेशन।
  • मोबाइल आधारित एप्लीकेशन का निर्माण।
  • जटिल गणितीय संबंधी गणना।
  • वेब डेवलपमेंट, उदाहरण के लिए YouTube, Instagram, Dropbox जैसे वेबसाइट में पाइथन का उपयोग होता हैं।
  • गेम डेवलपमेंट, उदाहरण के लिए Battlefield, Freedom Force, Disney Toontown जैसे गेम के निर्माण में पाइथन का उपयोग हुआ हैं।
  • इमेज और टेक्स्ट प्रोसेसिंग।
  • Arduino (आर्डिनो) और Raspberry Pi (रास्पबेरी पाई) जैसे छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणो में पाइथन का उपयोग किया जाता है।

Characteristics of Python Programming in Hindi :- पायथन प्रोग्रामिंग की प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित रूप से है :-

  • पाइथन स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज सिंटेक्स का किसी भी दूसरे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तुलना में काफी सरल एवं है, जिसके कारण इसे समझना एवं इसका उपयोग करना काफी आसान होता है।
  • यह एक प्लेटफॉर्म इंडिपेंडेंट स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है अर्थात यह किसी विशिष्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर नहीं होता है जिसके कारण किसी एक ऑपरेटिंग सिस्टम पर बनाया गए प्रोग्राम को बिना किसी परेशानी के किसी भी दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम वाले कंप्यूटर पर चलाया जा सकता है।
  • किसी भी दूसरे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तुलना में यह अधिक रन टाइम फ्लैक्सिबिलिटी की सुविधा देता है।
  • पाइथन बहुत सारे पूर्व निर्मित लाइब्रेरीज एवं क्लासेस की सुविधा देता है जिन्हें जिनका उपयोग करके सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं प्रोग्रामर बड़ी ही आसानी से अपने प्रोजेक्ट निर्माण के काम को जल्दी से जल्दी पूरा कर सकता है।
  • पाइथन में हम फंक्शनल और स्ट्रक्चर्ड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तरह भी उपयोग कर सकते हैं और इसे ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तरफ भी उपयोग कर सकते हैं।
  • पाइथन के code को कंपाइल करने की आवश्यकता नहीं होती जिसके कारण इसमें लिखे गए कोड को निष्पादित करने में समय बर्बाद नहीं करना पड़ता है।
  • इसमें एडिटिंग, डीबरिंग और टेस्टिंग की प्रक्रिया को बहुत ही कम समय में जल्दी से पूरा किया जा सकता है।

How to install Python in Hindi:- पाइथन को अपने निजी कंप्यूटर पर इंस्टॉल करने के लिए आपको सबसे पहले उसके आधिकारिक वेबसाइट python.org से पाइथन को डाउनलोड करना होगा। उसके आधिकारिक वेबसाइट पर आपको पाइथन के कई अलग-अलग संस्करण मिल जाएंगे जिसमें से आप अपनी इच्छा अनुसार किसी भी एक पाइथन के संस्करण को डाउनलोड कर सकते हैं, लेकिन सर्वोत्तम विकल्प के रूप में आपको पाइथन के नवीनतम संस्करण को चुनना चाहिए या फिर कई बार लोग स्कूल या कॉलेज के विद्यार्थी अपने शिक्षा के पाठ्यक्रम के अनुसार भी पाइथन के किसी संस्करण को डाउनलोड करते हैं। पाइथन के फाइल को डाउनलोड करने के बाद उसे इंस्टॉल करने से संबंधित जानकारी भी उसके आधिकारिक वेबसाइट पर ही विस्तार से बता दिया गया है।




Summery on Python Tutorial in Hindi:- आज के समय में पाइथन एक लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के तकनीको एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संबंधित प्रोग्रामिंग के लिए बहुत अधिक किया जाने लगा है। पाइथन में उपलब्ध लाइब्रेरी एवं इसके इंटेक्स की सरलता के कारण ने इससे आज की सबसे अधिक लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बना दिया है। यही कारण है कि आज के समय में चाहे वह Game Development, web Development, Ethical Hacking, software, mobile application development, artificial intelligence हो या machine learning सभी छेत्रों में पाइथन प्रोग्रामिंग का उपयोग किया जाने लगा है।

वर्तमान समय में पाइथन सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बन गया है। इसने दूसरे सभी Programming एवं Scripting लैंग्वेज जैसे कि Java, C++, JavaScript आदि को अपने उपयोगिता के क्षेत्र में काफी पीछे छोड़ दिया है। पाइथन के इसी बढ़ते मांग को देखते हुए भारत सरकार ने CBSE बोर्ड की स्कूली शिक्षा में Python Tutorial को जोड़ दिया है। इसी कारण आजकल कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के कंप्यूटर विषय में पाइथन लैंग्वेज को भी पढ़ाया जाने लगा है।

विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि भविष्य में पाइथन की मांग और अधिक बढ़ने वाली है, क्योंकि जैसे-जैसे मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा माइनिंग जैसे तकनीकों की मांग बढ़ेगी वैसे-वैसे पाइथन जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की मांग और अधिक बढ़ने वाली है, अर्थात पाइथन एक बहुत ही उपयोगी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बन गया है। जिसे सीखना बहुत ही लाभप्रद है।

इस लेख में हमने Python programming language को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Python Tutorial in Hindi का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अगर आप Python Tutorial के इस आर्टिकल से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने इस लेख में आवश्यक सुधार करके इसे और अधिक उपयोगी बना सकें।

 

C Language क्या है? What is C Language in Hindi

Author: admin | On:5th Nov, 2020 | 461 View

C Language क्या है? What is C Language in Hindi

C Programming Language in Hindi: आज के समय में कंप्यूटर का दौर बढता ही जा रहा है और कई ऐसे लोग जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते है या फिर अगर आप कोई programming language सीखना चाहते है तो आपको c language से शुरूआत करनी चाहिए।

C language एक general purpose programming language है इसको सन 1970 में Dennis Ritchie ने Bell Labs में develop की थी।




ये एक high level language है। जो पोर्टेबल application और firmware को develop करने में प्रयोग की जाती है।

अगर आप C language से अपने programming (What is C Language in Hindi) करियर को शुरू करना चाहते है तो ये सबसे अच्छा आप्शन होता है.

क्योंकि C language में आपको programming का structure अच्छे से समझ में आ जाता है और ये language सीखने में भी काफी आसान होती है।

इसके अलावा अगर आप कोई टेक्निकल इंटरव्यू देने जा रहे है तो आपसे C language के कोडिंग से सवाल ज़रुर पूछे जा सकते है।

इसलिए C language सीखना सबसे अच्छा आप्शन रहता है। जब आप C language सीख लेते है तो आपको बाकी कोई language सीखने में ज्यादा परेशानी नही होती है।

क्योंकि C language में आपको बाकि सभी programming language का grammar सीखने में कोई परेशानी नही होती है।

अगर आप भी C language सीखना चाहते है तो आपको C language से ही शुरुआत करनी चाहिए।

इसके बाद आप C++ programming language भी सीख सकते है।

ये C++ programming language प्रीवियस language C language का ही upgraded रूप है।

इस C++ programming language में OOP के feature को ऐड किया गया है।

What Is C Programming Language in Hindi? C language क्या है? 

C language एक general purpose programming language है जो सन 1970 में Dennis Ritchie के द्वारा Bell Labs में develop की गई थी।

इस language को develop करने का मुख्य कारण system programming language के लिए कोई programming language develop था।

इसलिए Dennis Ritchie ने 1970 में इस language को develop किया था।

आपको बता दु कि C language को मुख्य रूप से किसी भी machine में firmware को develop करना और operating system को develop करने में किया जाता है।

आपको बता दु कि C language को कई programming language के मुख्य feature को लेकर बनाया गया है।

C language में simple set of programming, low level access to memory, clean style जैसी चीज़े होती है जो इस programming language को बाकि अन्य programming language से बेहतर बनाता है।

C language बहुत ही ज्यादा Structured language है। इस C language का इस्तेमाल बहुत ही normal और efficient तरह से programming करने में किया जाता है।

दोस्तों आप आपने C Program Output लिकल ने के लिए आप हमारे दिए हुवे Steps को फॉलो करे:

STEP 1:

दोस्तों Programming Languages Code को लिखने के लिए तो आपको सबसे पहले एक Software के जरुरत होंगे जिससे आप Program लिखेंगे और Compile करेंगे यानि Program का Output निकालेंगे।

C Program के लिए सबसे अत्छा Software है Turbo C/C++:

Example of C Programming Language in Hindi




  1. #include <stdio.h>
  2. void main()
  3. {
  4. printf(“Hello, ComputerHindiNotes.com!”);
  5. }

Output: Hello World!

 

Features of C programming language in Hindi:

अगर आप C language में मुख्य features जानना चाहते है तो आपको बता दु कि इसमें बहुत से features होते है लेकिन यहाँ इस आर्टिकल में हम आपको C language के कुछ इम्पोर्टेन्ट features बतायेगे।

C language एक Procedural language है:

C language एक Procedural language है।

इसमें Predefined Instructions की एक लिस्ट को फॉलो किया जा सकता है। C language में किसी भी task को perform करने के लिए एक से ज्यादा बार function का इस्तेमाल किया जा सकता है।

C language में लिखा Program fast execute होता है : fast program execute करना भी C language का एक advantage है।

क्योंकि बाकि अन्य programming languages में ज्यादा features (Garbage collection, dynamic typing) दिए जाते है जिससे Program को execute होने में ज्यादा टाइम लगता है इसलिए C language में program जल्दी execute हो जाता है।

Programming Portability:

क्या आप जानते है कि आप C language में लिखा हुआ कोई भी program कही भी compile किया जा सकता है।

इनकी एक टैग लाइन भी है “write once, compile everywhere”। standard C program बहुत ही portable होते है।

इसका मतलब ये हुआ कि अगर आप एक c program windows 7 पर लिखते है तो आप उसे किसी भी अन्य operating system पर run करा सकते है,

जैसे कि Mac operating system पर या फिर Linux पर या फर किसी अन्य operating system पर आप उस कोड को compile कर सकते है।

Modularity का यूज़ कर सकते है:

जैसा कि आप जानते है कि जब आप कोई language सिख जाते है तो आपको कई बार program लिखने होते है तो आप Molecularity कांसेप्ट का यूज़ करके अपने इस काम को आसान बना सकते है।

जैसे कि अगर आप चाहे तो C language के कोड को section को libraries में fracture में यूज़ करने के लिए store कर सकते है।

C language में कई library होती है जिनको आप पाने program को आसान बनाने के लिए अपने program में ऐड कर सकते है जैसे कि “stdio.h” या फिर “Conio.h” इस तरह की कई libraries होती है।

जब आप इन लाइब्रेरीज को ऐड करते है तो आप C language के features को आसानी से यूज़ कर सकते है।

Statically type language:

C language एक Statically type language है और ये C language का सबसे बड़ा advantage है।

C language के इस feature का मतलब होता है कि variable का type compile time में check होता है ना कि run टाइम में।

इसका फायदा ये होता है कि जब आप अपने program को compile कराते है तो अगर आपके Program में कोई error होती है तो वो तभी show हो जाती है।

C language में एक लिमिट नंबर तक keyword होते है जिसकी वजह से आपको C language सीखने और उसमे कोडिंग करने में ज्यादा परेशानी नही होती है।

 

  • What is OSI Model in Hindi
  • What is DBMS in Hindi (Full Guide)
  • MS Word in Hindi (Full Guide)

 

Use of C language:

अगर आप ये जानना चाह रहे है कि C language का यूज़ कहाँ होता है तो चलिए आपको बताते है कि C language को programming में कहाँ यूज़ किया जाता है.

operating system develop करने में:

आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि Unix जो एक फेमस operating system है और ये operating system पूरा C language के द्वारा बनाया गया है।

इसके अन्य जितने भी operating system है उन सभी में C language का प्रयोग किया गया है जैसे windows, Android, iOS आदि।

Database:

आप database तो जानते ही होगे, अगर नही जानते तो आपको बता दु कि database वो स्टोरेज होते है जहाँ पर किसी कंपनी या फिर किसी organization का data स्टोर किया जाता है।

और ये database बनाने में C language का यूज़ किया जाता है।

कुछ फेमस database जो C language से बनाये गये है जैसे Oracle, MySQL, MS SQL server आदि कुछ फेमस database है।

Firmware develop करने में:

C language एक ऐसी language है तो हार्डवेयर के के साथ अच्छे से पैच हो जाती है इसीलिए सभी system या फिर machines की firmware को C language में ही develop किया जाता है।

C++ क्या है? || What is C++ Language in Hindi:

ये भी एक programming language है जो C language का एक upgraded version है। इस C++ language को C language की कुछ कमी के चलते बनाया गया था।

C++ language एक object oriented programming language है। इस C++ language को 1979 में develop किया गया था।

C++ language एक high लेवल language और low लेवल language से मिलकर बनी हुई है।

ये C++ language काफी हद तक C language की तरह ही है बस इसमें कुछ एक्स्ट्रा चीज़े ऐड की गई है जिनकी नीचे बताया जा रहा है

Inheritance:

Inheritance object oriented programming का एक feature होता है जिसमे किसी एक कोड को अन्य किसी जगह यूज़ किया जा सकता है।

ये code Re-usability Implement feature को यूज़ करता है।

जैसे कि अगर आपने कोई class बनाया है और उस class के feature को अन्य किसी class में यूज़ करना चाहते है.

तो आप Inheritance feature के द्वारा ऐसा कर सकते है और आपको पुरे function को लिखने की जरुरत नही पड़ती है।

Polymorphism:

Polymorphism भी object oriented programming का एक feature है इस feature के द्वारा आप एक नाम से कई तरह के काम कर सकते है।

जैसे कि Polymorphism के द्वारा आप Polymorphism function overloading का काम कर सकते है।

इससे एक नाम के कई function को अलग अलग condition में execute किया जाता है।

Abstraction:

इस का मतलब होता है end user मतलब ये कि यूजर को सिर्फ वही दिखाया जाये जो वो देखना चाहता है और background फंक्शनलिटी को हाईड कर दिया जाता है।

Encapsulation:

Encapsulation का मतलब होता है Data Hiding।

जिसका मतलब ये है कि object oriented programming में variables और उससे related function को एक दुसरे के साथ bind करता है।

एक class को Encapsulation की हेल्प से data और function को किसी तरह के outside access होने से बचाया जा सकता है।

Encapsulation में आपको data hiding की तीन तरह की प्रोटेक्शन मिलती है इसमें आप “Public, private, और Protected” feature का यूज़ करके आप data को secure कर सकते है।



What is Loop in C Language in Hindi:

अगर आप कोई programming language जानते है तो आपको loop के बारे में पता होगा, और अगर आप नही जानते है कि programming language में loop क्या होता है तो आपको बता दू कि loop का मतलब होता है “किसी चीज़ को बार बार करना”।

इस लिए जब भी किसी program लिखने वाले को कोई ऐसा काम करना होता है जो कई बार रिपीट हो तो अपने program में loop चलता है।

जिससे प्रोग्रामर का काम आसान हो जाता है और उसको किसी भी लाइन को बार बार नही लिखना पड़ता है।

While Loop और Do-While Loop और For loop ये तीन प्रकार का होता है।

program में कोई भी loop चलने के लिए आपको पहले variable को declare करना पड़ता है इसके बाद आपको condition अप्लाई करनी होती है.

इसके बाद आप Loop को किस प्रकार चलाना चाहते है और कब तक चलाना चाहते है ये Declare करना होता है।



Conclusion:

दोस्तों आज के इस आर्टिकल पे बस इतना ही था. I Hope आप सबको C Language in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गए होंगे। अगर आपको C Language के बारे मई और भी जानकारी सहिये तो हमे Comments पे जरूर बताये।

अगर आर्टिकल Helpful लगा तो आप आपने दोस्तों के साथ Share करना न भूले।

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