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Technology

What is Critical Section Problem in Hindi?

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 1025 View

What is Critical Section Problem in Hindi?

Definition of Critical Section Problem in Hindi:- क्रिटिकल सेक्शन प्रोग्राम कोड का एक हिस्सा है, जिन्हे निष्पादित होने के लिए दो या दो से अधिक program के साथ साझा किये गए संसाधनों (resource ) की आवश्यकता होती है। इन संसाधन में किसी कंप्यूटर का मेमोरी लोकेशन, data structure , CPU या अन्य hardware device हो सकता है। मतलब की Critical Section उन महत्वपूर्ण संसाधनों को साझा करता है जिनका उपयोग अगर एक साथ दो या दो से अधिक program करना चाहे तो दोनों प्रोग्राम का output प्रभावित हो सकता है या पूरा कंप्यूटर सिस्टम हैंग हो सकता है। operating system ( ऑपरेटिंग सिस्टम ) या OS के लिए यह निर्धारित करना बहुत ही महत्वपूर्ण है कि क्रिटिकल सेक्शन की परिस्थिति में वह प्रोग्राम को किस प्रकार से प्रबंधित (Manage) करेगा।



Example of Critical Section in Operating System in Hindi

अगर दो प्रोग्राम एक साथ दो अलग-अलग फाइल को Print करना चाहते हैं तो उन्हें एक क्रम में यह काम करना होगा क्योंकि Printer एक बार में केवल एक ही फाइल को प्रिंट कर सकता है

ठीक उसी प्रकार अगर दो अलग-अलग प्रोग्राम अगर कंप्यूटर के Speaker का उपयोग करना चाहे तो यह संभव नहीं है, जिस समय पर एक प्रोग्राम कंप्यूटर के स्पीकर का उपयोग करता है तो दूसरे प्रोग्राम को स्पीकर के खाली होने का इंतजार करना होगा ।

अगर दोनों प्रोग्राम एक साथ Printer या Speaker  का उपयोग करना चाहे तो पूरा Computer System में deadlock की की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, मतलब कितना कंप्यूटर सिस्टम हैंग हो सकता है या गलत और अजीब आउटपुट प्राप्त हो सकता है।




Critical Section Problem ( क्रिटिकल सेक्शन प्रॉब्लम ) :- क्रिटिकल सेक्शन प्रॉब्लम का उपयोग ऐसा प्रोटोकॉल (नियमों का सेट) डिजाइन करने के लिए किया जाता है, जिससे कि दो या दो से अधिक प्रोग्राम के बीच सामंजस्य (coordination) स्थापित किया जा सके और और सभी प्रोग्राम एक दूसरे को प्रभावित किए बिना ठीक से निष्पादित (execute) हो सके।

Solution to Critical Section Problem in Hindi

Solution to Critical Section Problem in Hindi:- क्रिटिकल सेक्शन प्रॉब्लम के समाधान को निम्नलिखित तीन स्थितियों को पूरा करना चाहिए

  • Mutual Exclusion (आपसी बहिष्कार):- इसका अर्थ यह है कि जब एक process या प्रोग्राम Critical Section में निष्पादित हो रहा हो तो कोई दूसरा प्रोग्राम क्रिटिकल सेक्शन में दाख़िल नहीं होगा।  मतलब की दो या दो से अधिक प्रोग्राम एक समय पर क्रिटिकल सेक्शन में दाखिल नहीं हो सकता है।
  • Progress (प्रगति) :- इसका अर्थ है कि यदि किसी एक प्रक्रिया को critical section में निष्पादित करने की आवश्यकता नहीं है, तो उसे किसी अन्य प्रक्रियाओं को critical section में आने से नहीं रोकना चाहिए।
  • Bounded Waiting:- जब किसी प्रोग्राम के द्वारा क्रिटिकल सेक्शन में आने के लिए अनुरोध करता है तो उससे क्रिटिकल सेक्शन तक पहुँचकर निष्पादित होने के लिए कितने समय तक प्रतीक्षा करनी होगी system को इसका अनुमान लगाने में सक्षम होना चाहिए।  ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी प्रोग्राम को क्रिटिकल सेक्शन तक पहुंचने के लिए अनंत काल तक प्रतीक्षा करना पड़े।

Advantages of Critical Section Problem in Hindi :-

  • यह प्रोग्राम के बीच सामंजस्य स्थापित करता है और आपसी गतिरोध की परिस्थिति से बचाता है ।
  • यह पूरे कंप्यूटर सिस्टम के परफॉर्मेंस को इंप्रूव करने में ऑपरेटिंग सिस्टम या OS की सहायता करता है ।





Summery of Critical Section Problem in Hindi :- इस लेख में हमने ऑपरेटिंग सिस्टम या OS में होने वाले क्रिटिकल सेक्शन प्रॉब्लम को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि critical section problem in hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप critical section problem operating system in hindi पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

What is Process Synchronization in OS in Hindi?

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 1415 View

What is Process Synchronization in OS in Hindi?

Process Synchronization दो शब्दों को मिलाकर बना है Process और Synchronization.

Process :- जब कोई program निष्पादित (execute) हो रहा होता है तो उसे प्रोसेस या प्रक्रिया कहते है।

Synchronization :- सिंक्रोनाइज़ेशन का मतलब होता है सामंजस्य स्थापित करना या ऐसी गतिविधि जिससे कोई एक साथ काम करने के लिए सक्षम हो सकें।




Definition of Process Synchronization in Hindi:- प्रोसेस सिंक्रोनाइज़ेशन एक ऐसी तकनीक है, जिसके उपयोग से किसी ऑपरेटिंग सिस्टम या OS के CPU में निष्पादित होने वाले दो या दो से अधिक Process ( प्रक्रिया ) के बीच कंप्यूटर के संसाधनों को इस तरह से साझा किया जाता है की एक प्रोसेस साथ में निष्पादित हो रहे किसी दूसरे प्रोसेस के निष्पादन को प्रभावित करके अनुचित आउटपुट (inappropriate outputs) ना उत्पन्न करे ।

हम संक्षेप में ऐसा कह सकते हैं कि प्रोसेस सिंक्रोनाइजेशन के माध्यम से प्रक्रियाओं का या निष्पादित हो रहे प्रोग्राम का इस प्रकार से प्रबंधन (Management) किया जाता है, कि वह बिना किसी दूसरे Program के निष्पादन (Execution) को प्रभावित किए अच्छे से निष्पादित हो सके।

Types of Process in OS in Hindi

Types of process in os in hindi:- Process मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं Independent Process (इंडिपेंडेंट प्रोसेस) और Cooperative Process (को-ऑपरेटिंग प्रोसेस).

  • इंडिपेंडेंट प्रोसेस:- यह संसाधनों को साझा करने के बाद भी किसी दूसरे प्रक्रिया के निष्पादन को प्रभावित नहीं करता है।
  • को-ऑपरेटिंग प्रोसेस :- यह साथ में Execute हो रहे अन्य program के Output को प्रभावित करती है।

Process synchronization की समस्या Cooperative Process (को-ऑपरेटिंग प्रोसेस) के कारण उत्पन्न होती है।

Needs of Process Synchronization in Operating System in Hindi





Needs of Process Synchronization in Operating System in Hindi :- किसी multi-processing ऑपरेटिंग सिस्टम मतलब की ऐसा operating system जिसमें एक ही समय पर एक से अधिक प्रोसेस निष्पादत होती हो उसमे किसी भी समय पर दो या दो से अधिक प्रोसेस द्वारा computer के किसी संसाधन जैसे की मेमोरी में जमा कोई Data या जानकारी का या किसी अन्य Hardware Device का उपयोग करने की परिस्थिती उत्पन्न हो सकती है। अगर कोई प्रोसेस मेमोरी के डाटा में कोई बदलाव कर दे तो इससे दूसरे प्रोसेस का आउटपुट प्रभावित हो सकता है, वहीं अगर पहला प्रोसेस डाटा को पूरी तरह से डिलीट ही कर दे तो दूसरे प्रोसेस का निष्पादन पुरे तरह से बाधित हो सकता है, मतलब रुक सकता है । इस प्रकार की परिस्थिति से बचने के लिए सभी मल्टिप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम या OS में Process Synchronization का उपयोग करना बहुत आवश्यक है।

Example of Process Synchronization in Hindi

Example of Process Synchronization in Hindi :- किसी एक Printer को Networking ( नेटवर्किंग ) के माध्यम से कई सारे कंप्यूटर समूह के साथ जोड़ा जा सकता है, लेकिन एक समय पर सभी इसका उपयोग नहीं कर सकती हैं, क्योंकि प्रिंटर एक समय पर केवल एक ही कंप्यूटर के काम को पूरा करने में सक्षम है। अगर सभी एक साथ इसका उपयोग करना चाहे तो पूरा सिस्टम हैंग हो सकता है। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि प्रोसेस सिंक्रोनाइज़ेशन के माध्यम से प्रिंटर सभी कंप्यूटर के बीच साझा किया जाए और सभी कंप्यूटर एक-एक करके क्रम में प्रिंटर का उपयोग करे ।




Advantages of Process Synchronization in OS in Hindi :-

  • यह किसी दो प्रोसेस के बीच निष्पादन के समय टकराव से बचाता है।
  • data और सभी हार्डवेयर संसाधनों को आपस में साझा करने की सुविधा प्रदान करता है ।
  • इसके कारण किसी central processing unit (CPU) में दो या दो से अधिक प्रोग्राम एक साथ बिना किसी समस्या के निष्पादित हो सकते हैं, जिससे multi-programming ( मल्टी-प्रोग्रामिंग ) करके पुरे कंप्यूटर सिस्टम के performance को improve किया जा सकता है।
  • यह पूरे कंप्यूटर सिस्टम की गति को बढ़ाने में सहायक है।
  • यह computer hardware जैसे कि CPU और primary memory जैसे की RAM का पूरी तरह से उपयोग करने में मदद करता है।

Summery of Process Synchronization in Hindi :- इस लेख में हमने ऑपरेटिंग सिस्टम या OS में होने वाले प्रोसेस सिंक्रोनाइजेशन को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Process Synchronization in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप Process Synchronization in Hindi पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

Semaphore in Operating System in Hindi

Author: admin | On:6th Nov, 2020 | 602 View

Semaphore in Operating System in Hindi

Definition of Semaphore in OS in Hindi :- जब किसी मल्टीप्रोग्रामिंग operating system के CPU में दो या दो से अधिक प्रोग्राम निष्पादन के समय कंप्यूटर के संसाधन या resource जैसे की मेमोरी में जमा डेटा या हार्डवेयर डिवाइस को आपस में साझा करते हैं, तो साथ निष्पादित हो रहे प्रोग्राम का Output प्रभावित हो सकता है, इस प्रकार की समस्या को निपटाने के लिए semaphore ( सेमाफोर ) का उपयोग किया जाता है।



semaphore in os in hindi
Semaphore in OS in Hindi

Semaphore (सेमाफोर) की संकल्पना सबसे पहले Dijkstra नाम के कंप्यूटर वैज्ञानिक द्वारा 1965 में किया गया था। सेमाफोर एक positive integer variables (जैसे कि 0, 1, 2, 3, 4… इत्यादि) होता है, जिसका उपयोग एक इशारे या संकेत भेजकर साथ में निष्पादित हो रहे प्रोग्राम के बीच साझा किए गए कंप्यूटर के संसाधनों या resources  तक पहुंचने के क्रम को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है।  यह मुख्य रूप से दो तरह के संकेत भेजता है wait और signal.

Wait:- ये सेमाफोर के variable में 1 जोड़ ( + ) देता है।

Signal:- ये सेमाफोर के variable से 1 घटा ( – ) देता है।

Type of Semaphore in OS in Hindi

Type of Semaphore in OS in Hindi:- सेमाफोर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-




Counting Semaphores (काउंटिंग सेमाफोर) :- इनका उपयोग Bounded Waiting के लिए किया जाता है मतलब की प्रोग्राम द्वारा संसाधन या Resource तक पहुंचने में लगने वाले time को दर्शाने के लिए किया जाता है। इनका मान integer नंबर में, उपलब्ध संसाधनों की संख्या के बराबर होता है। यदि कोई संसाधन खाली होता हैं, तो इसके value को घटा दिया जाता है और यदि संसाधन बढ़ जाता हैं तो काउंट स्वचालित रूप से बढ़ जाते हैं।

Binary Semaphores (बाइनरी सेमाफोर) :- इनका उपयोग निस्पादित हो रहे प्रोग्राम के बीच आपसी टकराव या Mutual Exclusion को रोकने के लिए किया जाता है, मतलब की कोई प्रोग्राम इस समय निष्पादन में महत्वपूर्ण संसाधनों का उपयोग कर रहा है की नहीं ये जांनने के लिए इसका उपयोग होता है।  इसका मान 0 और 1 में हो सकता है। 0 का मतलब होता है, अभी कोई प्रोग्राम कर Critical Section में निष्पादित नहीं हो रहा है मतलब की अगले प्रोग्राम को निष्पादित होने के लिए भेजा जा सकता है और 1 उनका मतलब होता है कोई दूसरा प्रोग्राम निष्पादित हो रहा है इसलिए अभी प्रतीक्षा करना है।

Advantages and Disadvantages of Semaphore in Operating System in Hindi

Advantages of Semaphore in Operating System in Hindi :-

  • सेमाफोरस संकेत के माध्यम से एक-एक करके प्रोग्राम को संसाधनों तक पहुंचने की अनुमति देता है, इससे प्रोग्राम के बीच आपसी टकराव या Mutual Exclusion की परिस्थिति को उत्पन्न होने से बचाता है। हालांकि वे एक से अधिक प्रोग्राम को संसाधन साझा करने की अनुमति दे सकता हैं।
  • जब तक प्रोग्राम के Execution के लिए Resources मुक्त नहीं हो जाता तब तक उन्हें Execute होने की अनुमति नहीं दी जाती है, इससे Execution में अधिक समय बर्बाद नहीं होता।
  • सेमाफोरस पर hardware की संरचना का कोई प्रभाव नहीं पढ़ता है, ये पुरे तरह से machine-independent होते है।

Disadvantages of Semaphore in Operating System in Hindi :-

  • सेमाफोर की सबसे बड़ी समस्या यह है की ये कम प्राथमिकता प्रोग्राम को पहले signal देता है और अधिक प्राथमिकता वाले program को बाद में।
  • Wait और Signal operations में छोटी सी गलती से एक प्रक्रिया अनिश्चित काल तक अवरुद्ध हो सकती है, ऐसी स्थिति को deadlocks कहा जाता है।
  • इनका उपयोग करना बहुत जटिल है और बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए कोई व्यावहारिक तरीका भी नहीं है।
  • प्रोग्रामिंग में गलती के कारण deadlock या यह तो प्रोग्राम के बीच mutual exclusion की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।





Summery of Semaphore in OS in Hindi:-

इस लेख में हमने ऑपरेटिंग सिस्टम या OS में होने वाले सेमाफोर को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Semaphore in Operating System in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप Semaphore in OS in Hindi पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

What is Contiguous Memory Allocation in Hindi

Author: admin | On:6th Nov, 2020 | 1001 View

What is Contiguous Memory Allocation in Hindi

Definition of Contiguous Memory Allocation (CMA) in Hindi :- कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन (सन्निहित मेमोरी आवंटन) में प्राइमरी मेमोरी जैसे की RAM के एक ब्लॉक (Block) में केवल एक ही process या प्रक्रिया को जमा किया जाता है।




इसके लिए Primary Memory ( प्राइमरी मेमोरी ) RAM को कई निश्चित आकार के Block में विभाजित कर दिया गया है और इसके प्रत्येक ब्लॉक में ठीक एक प्रक्रिया को जगह दिया जाता है। जब किसी एक ब्लॉक के अंदर निष्पादित हो रहे प्रोसेस का काम पूरा हो जाता है तो ऐसे खाली मेमोरी ब्लॉक को hole (छेद) कहा जाता है। प्रत्येक खाली पड़े memory hole में किसी नए process को जगह  आवंटित किया जाता है।

Type of Contiguous Memory Allocation in Hindi

contiguous memory allocation in hindi
Contiguous Memory Allocation in Hindi

Type of Contiguous Memory Allocation in Hindi :- कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन में किसी भी Process को मेमोरी में आवंटित (allocate) करने के लिए मेमोरी  को दो प्रकार से बाँट जा सकता है :-

  • Fixed-Sized Partition :- इसमें मेमोरी को पहले से ही Fixed Sized के Partition या ब्लॉकों में विभाजित कर दिया जाता है, इन Partition का आकर एक दूसरे से अलग हो सकता है। हालांकि Fixed-Sized Partition सबसे पुरानी और सरल तकनीक है जिसका उपयोग प्रक्रियाओं को मेमोरी में आवंटित करने के लिए किया जाता है।

लेकिन इसमें कई प्रकार के समस्या भी होती है

  • Partition की संख्या के आधार पर यह निर्धारित होता है की एक समय पर कितने प्रक्रिया को मेमोरी में जगह दिया जायेगा क्योंकि एक Partition में एक ही प्रक्रिया को जगह दिया जाता है। इसके कारण एक समय पर बहुत ही कम संख्या में program का निष्पादन संभव हो पता है, जिससे पुरे कंप्यूटर सिस्टम की गति धीमी ही जाती है।
  • अगर ब्लॉक का size, प्रक्रिया size से बड़ा होता है तो मेमोरी का एक बहुत जरुरी भाग बर्बाद हो जाता है।

इन समस्याओं के समाधान के लिए Variable-Size Partition का उपयोग किया जाता है।

  • Variable-Size Partition:- इसमें प्रक्रिया को परिवर्तनीय-आकार या variable-sized के ब्लॉक में बाँट दिया जाता है। इसमें मेमोरी को पहले से विभाजित नहीं किया जाता बल्कि आने वाले प्रक्रिया के आकर के आधार पर उन्हें मेमोरी में ब्लॉक आवंटित किया जाता है। इसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम एक तालिका रखता है जिसमें उन सभी मेमोरी भागों के बारे में जानकारी होती है जिनपर प्रक्रियाओं द्वारा कब्जा कर लिया गया है और वे सभी मेमोरी पार्ट्स जो अभी भी प्रक्रियाओं के लिए उपलब्ध हैं।




Advantages and Disadvantages of CAM in Hindi

Advantages of CAM in Hindi :-

  • इसे implement या कार्यान्वित करना बहुत आसान है।
  • यह मेमोरी आवंटन के काम को बहुत ही आसान और प्रत्यक्ष बनता है।
  • Contiguous memory allocation के उपयोग से आवंटीत की गई process को cpu बहुत आसानी से Access कर लेता है। इसी कारण CPU का कुल  processing speed बढ़ जाता है, और program जल्दी निष्पादित होता है।
  • यह फ़ाइलों को बिना किसी क्रम के पालन किये Access करने की अनुमति देता है।

Disadvantages of Contiguous Memory Allocation in Hindi :-

  • इसमें नई Process के लिए यहां ख़ाली स्थान ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
  • Contiguous Memory Allocation के कारण मेमोरी में fragmentation की समस्या उत्पन्न हो जाती है मतलब की मेमोरी में बहुत सारे छोटे-छोटे ब्लॉक बन जाते है, जिनका आकर इतना छोटा होता है की उनमे हम किसी भी process को जमा नहीं कर सकते इसके कारण main memory जैसे की RAM का बहुत सारा महत्वपूर्ण area बर्बाद हो जाता है।
  • इसकी बहुत बड़ी समस्या ये है की अगर प्रक्रिया अपने निष्पादन के दौरान अपेक्षा से ज़्यदा बड़ी हो जाती है और उसे आवंटित किये गए मेमोरी ब्लॉक में जगह नहीं बचता है तो “नो डिस्क स्पेस” के मैसेज के साथ Operating System उस process का निष्पादन रोक देगा।





Conclusion of Contiguous Memory Allocation in Hindi:-

  • आज के लेख में हमने Contiguous Memory Allocation के बारे में पढ़ा जोकि बहुत ही प्रचलित File allocation methods (फाइल एलोकेशन मेथड) है। कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन  का उपयोग मेमोरी में डाटा आवंटित करने के लिए किया जाता है।
  • CMA में process को कंप्यूटर के प्राइमरी मेमोरी में आबंटित करने के दो तरीके होते है।
  • पहला तरीका fixed-sized partition scheme का है अर्थात इसमें RAM को निश्चित-आकार के मेमोरी ब्लॉक में बाँटकर , प्रत्येक ब्लॉक में एक process को आबंटित किया जाता है।
  • दूसरा तरीका variable-sized partition scheme का है अर्थात इसमें RAM को परिवर्तनशील मेमोरी ब्लॉक में बाँटकर , प्रत्येक ब्लॉक में एक process को आबंटित किया जाता है।
  • हालांकि बर्तमान समय में कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन (CMA) को अन्य फाइल एलोकेशन तकनीक जैसे कि Linked Allocation या Indexed Allocation के तुलना में अधिक धीमा और मेमोरी बर्बाद करने वाला पद्धति माना जाता है। इसलिए अब कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन की पद्धति का उपयोग बहुत ही कम किया जाता है।

What is Fragmentation in OS in Hindi?

Author: admin | On:7th Nov, 2020 | 1124 View

What is Fragmentation in OS in Hindi?

Definition of Fragmentation in Hindi:- कंप्यूटर के operating system (OS) में Fragmentation एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी Data को storage device जैसे की Hard Disk Drive में एक जगह पर  संग्रहीत करने के बजाय, कई छोटे टुकड़ों में तोड़कर अलग-अलग स्थानों में संग्रहीत किया जाता है, लेकिन इससे ज्यादातर मामलों में storage device के मेमोरी में कुछ खाली जगह बच जाता है जिनका आकर इतना छोटा होता है की किसी भी डेटा को इन खाली जगह पर जमा नहीं किया जा सकता। जिससे memory space का ठीक से उपयोग नहीं हो पाता है और सिस्टम की क्षमता या प्रदर्शन ख़राब होता है।




अगर साधारण शब्दों में कहे तो Fragmentation एक ऐसी अनचाही समस्या है जिसके कारण मेमोरी में कुछ ऐसे छोटे-छोटे खाली जगह बच जाता है, जिसका  उपयोग किसी भी File के data को जमा करने के लिए नहीं किया जा सकता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) या OS के उपयोगकर्ता द्वारा लगातार विभिन्न प्रकार के फाइलों के डेटा को Hard Disk पर save, modify और delete  किया जाता है इसलिए सभी  कंप्यूटर में disk fragmentation समस्या का होना बहुत ही साधारण बात है।

Type of Fragmentation in hindi

Type of Fragmentation in hindi :- फ्रेगमेंटेशन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है:-

  • External fragmentation :- यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें Hard Disk में data को जमा करने के लिए जितनी जगह चाहिए उतनी जगह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बावजूद भी डाटा को Disk में जमा नहीं किया जा सकता क्योंकि Disk की सभी ख़ाली non-contiguous ( गैर-सन्निहित ) है। non-contiguous का मतलब है की डिस्क की मेमोरी में बची हुई खाली जगह छोटे-छोटे Block ( ब्लॉक ) में विभाजित होकर इस तरह से बिखरी हुई है कि उन छोटे ब्लॉक में किसी भी प्रकार से डेटा को जमा करना संभव नहीं हो पाता है। External fragmentation की समस्या से निपटने के लिए  segmentation और paging  जैसे तकनीकों का सहारा लिया जाता है।
  • Internal fragmentation :- यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब कंप्यूटर के हार्ड डिस्क को निश्चित आकार (Fixed Size) के ब्लॉक में विभाजित कर दिया जाता है क्योंकि जब किसी ऐसे डेटा को इन निश्चित करके ब्लॉक में जमा किया जाता है जिनका आकर डेटा के आकार से बड़ा है, तो डिस्क के ब्लॉक में खाली बची जगह बेकार में बर्बाद हो जाती है। Dynamic partition जैसे तकनीकी के उपयोग से Internal fragmentation की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
  • Data fragmentation :- कोई ऐसे हार्ड डिस्क जिसमें पहले से ही External fragmentation जैसी समस्या उत्पन्न हो गई हो उसके खाली पड़े ब्लॉक में अगर किसी नये डेटा को जमा करने के प्रयास किया जाये तो Data fragmentation की परिस्थिति उत्पन्न होती है। डेटा फर्मेंटेशन में कंप्यूटर के स्टोरेज डिवाइस में डेटा का संग्रह कई टुकड़ों में टूट कर हार्ड डिस्क में इस तरह से फ़ैल जाते है की एक डेटा के सभी अलग-अलग हिस्से डिस्क में एक दूसरे से काफ़ी दूर हो जाते है।




Advantages and Disadvantages of Fragmentation in Hindi

Advantages of Fragmentation in Hindi :-

  • फर्मेंटेशन के कारण डेटा को hard disk में जमा करने की गति अक्सर तेज हो जाती है।
  • विभिन्न प्रकार के तकनीकों के उपयोग से फर्मेंटेशन के कारण होने वाली समस्याओं को कम करके इसका लाभ लिया जा सकता है।

Disadvantages of Fragmentation in Hindi :-

  • इसके हार्ड डिस्क का बहुत बड़ा हिस्सा पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है क्योंकि हम इसका कोई उपयोग नहीं कर पाते हैं।
  • हार्ड डिस्क में जमा होने वाले जानकारियों को प्राप्त करके उसका उपयोग करने में काफी समय लग जाता है।
  • किसी प्रोग्राम या उपयोगकर्ता के द्वारा किए जाने वाले निर्देशों के निष्पादन में काफी समय लगता है जिससे पूरे कंप्यूटर सिस्टम की गति धीमी हो जाती है।

How to avoid fragmentation problem in Storage Divice :- हार्ड डिस्क में उत्पन्न होने वाले फ्रेगमेंटेशन की समस्या से निपटने के लिए segmentation, paging  और Dynamic partition  जैसे तकनीकों का उपयोग किया जाता है।




इसके अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) जैसे की Windows में defragmentation की सुविधा भी होती है, जिसका उपयोग करके उपयोगकर्ता  को Storage Device में बिखरे हुए डेटा को एकत्र कर सकता है और व्यर्थ में खाली पड़े छोटे-छोटे मेमोरी ब्लॉक को आजाद कर सकता है। उपयोगकर्ता को समय-समय पर अपने कंप्यूटर के Storage Device को defragment करना चाहिए इससे कंप्यूटर के सभी प्रक्रियाओं की गति तेज हो जाती है और हार्ड डिस्क में data को स्टोर करने के लिए बहुत सारा जगह भी खाली हो जाता है।

Summery of fragmentation in Hindi:- इस लेख में हमने मेमोरी उपकरणों में होने वाले फ्रैग्मन्टेशन को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि fragmentation in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप फ्रैग्मन्टेशन पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

What is Paging in Operating System in Hindi?

Author: admin | On:4th Nov, 2020 | 1345 View

What is Paging in Operating System in Hindi?

Definition of Paging in Hindi:-  ऑपरेटिंग सिस्टम या OS में पेजिंग मेमोरी या डेटा को प्रबंधित (Manage) करने का एक तरीका या तकनीक है, जिसका उपयोग करके operating system किसी प्रोग्राम या process के निष्पादन के समय computer के primary storage या Main Memory जैसे की RAM और ROM  को इस तरह से विभाजित कर देता है, कि एक ही समय पर कई अलग-अलग प्रोग्राम Main Memory के अलग-अलग भागों में निष्पादित हो सके।




Paging के लिए operating system (OS) कंप्यूटर के process या program को एक निश्चित आकार के ब्लॉक (Block) में विभाजित कर देता है, जिसे pages ( पेज ) कहते हैं और Main Memory मतलब की RAM और ROM  को भी ब्लॉक (Block) में विभाजित करता है जिसे Frame कहते है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑपरेटिंग सिस्टम process को page में और मेमोरी को frame में इस प्रकार से बांटता है कि दोनों का आकार समान हो।

इसके बाद जब किसी Program या process का निष्पादन शुरू होता है, तो process को जितने pages में विभाजित किया गया था, main memory से pages को उतना Frame आवंटित कर दिया जाता है और और अगर मेन मेमोरी में कुछ और frame बच जाता है तो किसी दूसरे प्रोग्राम के page को भी आवंटित किया जा सकता है, जिससे मेमोरी का पूरा उपयोग अच्छे से किया जा सकता है क्योंकि process उतना ही जगह लेता है जितना उसे चहिये और कोई भी जगह बर्बाद नहीं होता।

Main Need of Paging in Hindi

Main memory  को अलग-अलग ब्लॉक में विभाजित करने के बाद भी कई बार ऐसा होता है कि कुछ ब्लॉक में चल रहे Process या Program के पूरा हो जाने के बाद वह ब्लॉक पूरी तरह से खाली रह जाता है, इस परिस्थित को external fragmentation कहते है।  external fragmentation के कारण मेमोरी का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पाता और प्रोग्राम को निष्पादित (Execute) होने  के लिए भी बहुत समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है, इससे पुरे Computer के परफॉर्मेंस पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन Paging के कारण Process या Program को भी page में बांट दिया जाता है जिससे जब भी main memory में कोई खाली Frame मिलता है उस Frame के अनुसार किसी दूसरे Process के page को मेमोरी में निष्पादित होने  के लिए भेज दिया जाता है। इससे जल्दी-जल्दी प्रोग्राम का निष्पादन शुरू हो पाता है और पुरे कंप्यूटर सिस्टम का परफॉर्मेंस improve होता है।

Advantages and Disadvantages of Paging in Hindi





Advantages of Paging in Hindi :-

  • यह किसी एक Process ( प्रक्रिया ) के अलग-अलग हिस्सों को अलग-अलग memory location पर संग्रहीत करने की अनुमति देता है जिससे पुरे system की उपयोगिता बढ़ जाती है।
  • पेजिंग मेमोरी आवंटन ( Memory allocation ) के काम को आसान बना देता है क्योंकि Process को Page में और memory को Frame में बांट दिया जाता है और दोनों का आकार भी सामान रखा जाता है।
  • मेमोरी के किसी भी फ्रेम में पेजों को जोड़ा जा सकता है, मतलब कि उन्हें क्रमबद्ध तरीके से जोड़ना अनिवार्य नहीं है।
  • यह external fragmentation की समस्या को पूरी तरह से समाप्त कर देता है, जिससे मेमोरी में पड़े खाली ब्लॉक्स या Frame का अच्छे से उपयोग किया जा सकता है।
  • जब मेमोरी ब्लॉक में किसी एक Process का निष्पादन पूरा हो जाता है तो उसके जगह किसी दूसरे प्रोसेस का निष्पादन शुरू किया जा सकता है इसके सिस्टम की परफॉर्मेंस improve होता है।
  • खाली पड़े मेमोरी ब्लॉक को पेज के साथ swap करना या अदला-बदली करना बहुत आसान है।

Disadvantages of Paging in Hindi:-

  • प्रोसेस को pages में बाँटने के बाद एक टेबल में इनकी जानकारियों को जमा किया जाता है, इससे मेमोरी पर अतिरिक्त दबाव उत्पन्न हो जाता है।
  • कई बार एक साथ बहुत सारे पैसे से मेमोरी में बहुत सारे प्रोसेस निष्पादित हो रहा होता है, ऐसे समय पर किसी नए प्रोसेस के द्वारा मेमोरी फ्रेम का उपयोग करने से पहले को जांचने में बहुत लंबा समय लगता है। इसलिए कई बार नए प्रोसेस के शुरू कोने में काफी टाइम लग जाता है।
  • Paging का memory management algorithm थोड़ा जटिल है।





Summery of Paging in Hindi:- इस लेख में हमने पेजिंग को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Paging in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप पेजिंग पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

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