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Coaxial Cable in Computer Network Hindi

Author: admin | On:19th Nov, 2020| Comments: 0

Definition of Coaxial Cable in Hindi:- कोऐक्सीअल केबल एक प्रकार का electrical cable है, जिसका उपयोग networking में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे की computer, television, telephone आदि के बीच महत्वपूर्ण जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है।

Coaxial cable को coax के नाम से भी जाना जाता है, यह नाम इसे इसके आंतरिक संरचना या बनावट के कारण दिया गया है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच जानकारियों को हस्तांतरित करने के लिए या Communications Line के रूप में इसलिए किया जाता है, क्योंकि यह बहुत ही उच्च गति से, बहुत ही कम नुकसान के साथ data signal को Transfer करने में सक्षम है।




यही कारण है कि internet broadband ( इंटरनेट ब्रॉडबैंड ), computer data busses, television signals ( टेलीविज़न सिग्नल ), radio transmitters ( रेडियो ट्रांसमीटर ) जैसे महत्वपूर्ण स्थानों में भी इसका बहुत अधिक उपयोग किया जाता है।

Contents hide
1 Internal structure of Coaxial Cable in Hindi
1.1 Types of coaxial cables in Hindi

Internal structure of Coaxial Cable in Hindi

Internal structure of Coaxial Cable in Hindi:- यह चार परतों से मिलकर बना होता है

structure of coaxial cable
Structure of Coaxial Cable in Hindi
  • इसके सबसे आंतरिक हिस्से तांबे के तार (copper wire) से बना होता है जोकि कोऐक्सीअल केबल का सबसे मुख्य भाग होता है।
  • इसके ऊपर एक dielectric insulator होता है जो प्लास्टिक या कांच का हो सकता है।
  • उसके ऊपर एक तांबे / अल्युमीनियम का कवच (copper/ aluminium shield) होती है ।
  • इन सब के ऊपर एक प्लास्टिक का आवरण या Cover जो पुरे केवल को बाहर से सुरक्षा प्रदान करती है।

History of Coaxial Cable in Hindi:- ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले का उपयोग में किया गया था लेकिन आधिकारिक रूप से उस समय इसका कोई सिद्धांत उपलब्ध नहीं था। 1880 में इंगलैंड के एक अंग्रेज इंजीनियर और गणितज्ञ Oliver Heaviside ( ओलिवर हीविसाइड ) ने सबसे पहले बार कोऐक्सीअल केबल का सिद्धांत पारित किया और इसका पैटर्न अपने नाम करवाया। इसलिए आधिकारिक रूप से को विकसित करने का श्रेय ओलिवर हीविसाइड को ही जाता है।



Types of coaxial cables in Hindi

  • Hard Line Coaxial Cable:- हार्डलाइन केबल्स का उपयोग आमतौर पर उच्च-शक्ति सिग्नल के ट्रांसमिशन में किया जाता है, जैसा कि रेडियो ट्रांसमीटर को एंटीना से जोड़ने के लिए। इसका व्यास 1 से 2 इंच तक हो सकता है जो अन्य coaxial cables की तुलना में अधिक मोटा है।
  • Tri-axial Cable :- यह कोऐक्सीअल केबल का सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाला प्रकार है। घरों में उपयोग होने वाले वीडियो उपकरण और टीवी के कनेक्शन के लिए उपयोग होने वाले नेटवर्क केबल में इसी का उपयोग होता है। इस केबल के आंतरिक कॉपर वायर के ऊपर एक अतिरिक्त कवर होता है जो इससे ज्यादा सुरक्षा प्रदान करता है।
  • Rigid-line coaxial cables:- इस केबल का आंतरिक हिस्सा दो copper tubes से मिलकर बना होता है। इसका उपयोग हाई-पावर रेडियो फ़्रीक्वेंसी (radio frequency) ट्रांसमीटरों के बीच किया जाता है।
  • Radiating cable:- इससे कुछ स्पेशल रेंज के हाई फ्रिकवेंसी रेडियो सिगनल को हस्तांतरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें भी Rigid-line cables की तरह दो copper tubes होते है। इसका उपयोग elevators (लिफ्ट), सैन्य उपकरण और भूमिगत सुरंगों में होता है।
  • Flexible coaxial cable:- जैसा कि किसके नाम से ही पता चलता है की flexible cable बहुत लचीला होता है और इसे आवश्यकता के अनुसार आसानी से adjust किया जा सकता है।

Advantages of Coaxial Cable in Hindi:- 

  • कोएक्जियल केबल को बहुत ही उच्च frequency वाले Signals को हस्तांतरित करने के लिए बनाया गया है, इसलिए आमतौर पर इसका उपयोग 50 MHz से ज्यादा के frequency वाले Signals को हस्तांतरित करने के लिए किया जाता है।
  • अन्य उच्च गति वाले केबल की तुलना में coaxial cable की कीमत बहुत कम है।
  • इसकी आंतरिक संरचना या डिजाइन बहुत ही प्रभावशाली होता है। इसमें कुल 4 परत होते हैं जो इस केवल को बहुत ही अधिक सुरक्षित और उच्च गति वाला बनाता है।
  • यह विभिन्न प्रकार के बाधा जैसे की noise आदि के प्रति अधिक अति संवेदनशील नहीं है। इसलिए इसमें प्रवाहित होने वाले सिग्नल सुरक्षित और error free होते हैं।
  • यह high bandwidth signal को ब्राडकास्ट करने में समर्थ है।
  • यह बहुत ही लचीला होता है इसलिए इसका उपयोग और विस्तार करना बहुत ही आसान है।
  • इसे बीच से काटकर जोड़ना बहुत आसान होता है, इसलिए इसके उपयोग से नेटवर्किंग में काम को बहुत जल्दी किया जा सकता है।
  • इसका आंतरिक भाग धातु से बना होता है और बाहर प्लास्टिक के उपयोग से ढका होता है। इसलिए यह जल्दी खराब नहीं होता यही कारण है कि भूमिगत कामों में इसका उपयोग बहुत किया जाता है क्योंकि इसका उपयोग काफी लंबे समय तक किया जा सकता है।

Disadvantages of Coaxial Cable in Hindi:-

  • आंतरिक मुख्य भाग तांबे से बना होता है और इसमें कुल 4 परत होते हैं, इसलिए यह मोटा होता है जिसके कारण यह अन्य केबल की तुलना में अधिक भारी होता है।
  • यह अन्य नेटवर्क केबल की तुलना में थोड़ा मोटा होता है इसलिए नेटवर्क इंजीनियर के लिए इसके साथ काम करना मुश्किल हो जाता है। इसके तुलना में पतले केवल जैसे की Optical Fibre का उपयोग करना थोड़ा आसान होता है।
  • इसकी मोटाई और कठोरता के कारण इसे लंबी दूरी के लिए स्थापित करना थोड़ा महंगा और कठिन होता है।
  • इसे बीच से काट कर बहुत ही आसानी से एक नया केबल जोड़ा जा सकता है इसके कारण सुरक्षा का खतरा उत्पन्न हो जाता है क्योंकि कभी भी किसी गलत इरादे से हैकर्स द्वारा केवल का दुरुपयोग किया जा सकता है।
  • साधारण कोऐक्सीअल केबल Low Power सिग्नल को हस्तांतरित करने में सक्षम होता है।  हालांकि इससे हाई पावर सिग्नल के लिए भी तैयार किया जा सकता है, लेकिन उसके लिए कुछ नए हार्डवेयर डिवाइस का उपयोग करना पड़ता है।

Summery of Coaxial Cable in Hindi:- इस लेख में हमने कोऐक्सीअल केबल को सरल हिंदी भाषा में समझने का प्रयास किया है। इसमें हमने कोऐक्सीअल केबल की Definition, Internal structure, History, Types, Advantages और Disadvantages को विस्तार से जाना।  चाहे वह टेलेविज़न ब्रॉडकास्टिंग हो या इंटरनेट कनेक्शन सभी प्रकार के नेटवर्क कम्युनिकेशन में कोऐक्सीअल केबल का बहुत अधिक उपयोग होता है क्योंकि यह एक सस्ता और आसानी से उपयोग करने योग्य केबल है। उम्मीद है कि Coaxial Cable in Hindi  का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप कोऐक्सीअल केबल पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

 

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