Definition of Contiguous Memory Allocation (CMA) in Hindi :- कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन (सन्निहित मेमोरी आवंटन) में प्राइमरी मेमोरी जैसे की RAM के एक ब्लॉक (Block) में केवल एक ही process या प्रक्रिया को जमा किया जाता है।
इसके लिए Primary Memory ( प्राइमरी मेमोरी ) RAM को कई निश्चित आकार के Block में विभाजित कर दिया गया है और इसके प्रत्येक ब्लॉक में ठीक एक प्रक्रिया को जगह दिया जाता है। जब किसी एक ब्लॉक के अंदर निष्पादित हो रहे प्रोसेस का काम पूरा हो जाता है तो ऐसे खाली मेमोरी ब्लॉक को hole (छेद) कहा जाता है। प्रत्येक खाली पड़े memory hole में किसी नए process को जगह आवंटित किया जाता है।
Type of Contiguous Memory Allocation in Hindi
Type of Contiguous Memory Allocation in Hindi :- कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन में किसी भी Process को मेमोरी में आवंटित (allocate) करने के लिए मेमोरी को दो प्रकार से बाँट जा सकता है :-
- Fixed-Sized Partition :- इसमें मेमोरी को पहले से ही Fixed Sized के Partition या ब्लॉकों में विभाजित कर दिया जाता है, इन Partition का आकर एक दूसरे से अलग हो सकता है। हालांकि Fixed-Sized Partition सबसे पुरानी और सरल तकनीक है जिसका उपयोग प्रक्रियाओं को मेमोरी में आवंटित करने के लिए किया जाता है।
लेकिन इसमें कई प्रकार के समस्या भी होती है
- Partition की संख्या के आधार पर यह निर्धारित होता है की एक समय पर कितने प्रक्रिया को मेमोरी में जगह दिया जायेगा क्योंकि एक Partition में एक ही प्रक्रिया को जगह दिया जाता है। इसके कारण एक समय पर बहुत ही कम संख्या में program का निष्पादन संभव हो पता है, जिससे पुरे कंप्यूटर सिस्टम की गति धीमी ही जाती है।
- अगर ब्लॉक का size, प्रक्रिया size से बड़ा होता है तो मेमोरी का एक बहुत जरुरी भाग बर्बाद हो जाता है।
इन समस्याओं के समाधान के लिए Variable-Size Partition का उपयोग किया जाता है।
- Variable-Size Partition:- इसमें प्रक्रिया को परिवर्तनीय-आकार या variable-sized के ब्लॉक में बाँट दिया जाता है। इसमें मेमोरी को पहले से विभाजित नहीं किया जाता बल्कि आने वाले प्रक्रिया के आकर के आधार पर उन्हें मेमोरी में ब्लॉक आवंटित किया जाता है। इसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम एक तालिका रखता है जिसमें उन सभी मेमोरी भागों के बारे में जानकारी होती है जिनपर प्रक्रियाओं द्वारा कब्जा कर लिया गया है और वे सभी मेमोरी पार्ट्स जो अभी भी प्रक्रियाओं के लिए उपलब्ध हैं।
Advantages and Disadvantages of CAM in Hindi
Advantages of CAM in Hindi :-
- इसे implement या कार्यान्वित करना बहुत आसान है।
- यह मेमोरी आवंटन के काम को बहुत ही आसान और प्रत्यक्ष बनता है।
- Contiguous memory allocation के उपयोग से आवंटीत की गई process को cpu बहुत आसानी से Access कर लेता है। इसी कारण CPU का कुल processing speed बढ़ जाता है, और program जल्दी निष्पादित होता है।
- यह फ़ाइलों को बिना किसी क्रम के पालन किये Access करने की अनुमति देता है।
Disadvantages of Contiguous Memory Allocation in Hindi :-
- इसमें नई Process के लिए यहां ख़ाली स्थान ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
- Contiguous Memory Allocation के कारण मेमोरी में fragmentation की समस्या उत्पन्न हो जाती है मतलब की मेमोरी में बहुत सारे छोटे-छोटे ब्लॉक बन जाते है, जिनका आकर इतना छोटा होता है की उनमे हम किसी भी process को जमा नहीं कर सकते इसके कारण main memory जैसे की RAM का बहुत सारा महत्वपूर्ण area बर्बाद हो जाता है।
- इसकी बहुत बड़ी समस्या ये है की अगर प्रक्रिया अपने निष्पादन के दौरान अपेक्षा से ज़्यदा बड़ी हो जाती है और उसे आवंटित किये गए मेमोरी ब्लॉक में जगह नहीं बचता है तो “नो डिस्क स्पेस” के मैसेज के साथ Operating System उस process का निष्पादन रोक देगा।
Conclusion of Contiguous Memory Allocation in Hindi:-
- आज के लेख में हमने Contiguous Memory Allocation के बारे में पढ़ा जोकि बहुत ही प्रचलित File allocation methods (फाइल एलोकेशन मेथड) है। कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन का उपयोग मेमोरी में डाटा आवंटित करने के लिए किया जाता है।
- CMA में process को कंप्यूटर के प्राइमरी मेमोरी में आबंटित करने के दो तरीके होते है।
- पहला तरीका fixed-sized partition scheme का है अर्थात इसमें RAM को निश्चित-आकार के मेमोरी ब्लॉक में बाँटकर , प्रत्येक ब्लॉक में एक process को आबंटित किया जाता है।
- दूसरा तरीका variable-sized partition scheme का है अर्थात इसमें RAM को परिवर्तनशील मेमोरी ब्लॉक में बाँटकर , प्रत्येक ब्लॉक में एक process को आबंटित किया जाता है।
- हालांकि बर्तमान समय में कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन (CMA) को अन्य फाइल एलोकेशन तकनीक जैसे कि Linked Allocation या Indexed Allocation के तुलना में अधिक धीमा और मेमोरी बर्बाद करने वाला पद्धति माना जाता है। इसलिए अब कन्टिग्यूअस मेमोरी एलोकेशन की पद्धति का उपयोग बहुत ही कम किया जाता है।
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