Definition of Deep learning in Hindi:- डीप लर्निंग मशीन लर्निंग की एक ब्रांच या शाखा है, जिसमें किसी मशीन को डेटा संसाधित कर के निर्णय लेना सीखाया जाता है। साधारण शब्दों में कहें तो ठीक उसी प्रकार जैसे की कोई इंसान अपने रोजमर्रा के जीवन में विभिन्न प्रकार के अनुभव एवं जानकारियों से सीखता है और निर्णय लेता है, डीप लर्निंग में किसी मशीन को data से सीख कर निर्णय लेना सिखाया जाता है।
डीप लर्निंग को डीप स्ट्रक्चर्ड लर्निंग के नाम से भी जाना जाता है, इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध डेटा के बीच पैटर्न बनाकर जानकारियों को समझता है और किसी काम को सीखता है। आज के समय में डीप लर्निंग के क्षेत्र में बहुत तेज़ी से काम हो रहा है और हमारे रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले कई तकनीक जैसे की Google Assistant, Amazon Alexa, Apple Siri आदि में इसका उपयोग किया जा रहा है।
Real Life application of Deep learning in Hindi
Real Life application of Deep learning in Hindi:- रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले तकनीकों में डीप लर्निंग का उपयोग निम्नलिखित प्रकार से किया जाता है :-
- Self-Driving Cars :- आपने आज कल न्यूज़ में सेल्फ ड्राइविंग कार का नाम तो सुना ही होगा। इसका मतलब होता है ड्राइवर रहित गाड़ीयां अर्थात इन्हें चलने के लिए ड्राइवर की जरुरत नहीं होती। Tesla, Yandex, Google जैसे कंपनी सेल्फ ड्राइविंग कार का सफल मॉडल बनाने के लिए काफ़ी तेज़ी से काम कर रही है। विशेषज्ञों का ऐसा अनुमान है की सेल्फ ड्राइविंग तकनीक का उपयोग करने से गाड़ियों के कारण होने वाले एक्सीडेंट की संख्या में भारी गिरावट होगी तथा ट्रैफिक जाम जैसे समस्याओं से भी निपटने में मदद मिलेगी।
- Fraud News Detection:- आजकल व्यक्तिगत लाभ के लिए इंटरनेट का उपयोग करके फेक न्यूज़ को काफी तेजी से फैलाया जाता है, जिसके कारण समाज में अव्यवस्था एवं अराजकता का माहौल भी पैदा हो जाता है। इस प्रकार के घटनाओं से बचने के लिए डीप लर्निंग एक बहुत ही उपयोगी तकनीक के रूप में सिद्ध हो सकता है क्योंकि इसके मदद से फेक न्यूज़ को फिल्टर करके फैलने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही Deep Learning का उपयोग करके प्रत्येक उपयोगकर्ता के पसंद एवं ना पसंद के अनुसार केवल उन्हीं जानकारियों को प्रस्तुत किया जा सकता है जिस प्रकार की जानकारियों को देखने के लिए वह इच्छुक है।
- Predicting Earthquakes:- हार्वर्ड युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने डीप लर्निंग का इस्तेमाल करके विस्कोसैस्टिक कम्प्यूटेशन करने वाले कंप्यूटर को विकसित किया जिनके मदद से भूकंप की भविष्यवाणियों बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। भूकंप संबंधी गणना के क्षेत्र में समय का एक छोटा सा हिस्सा भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में डीप लर्निंग का उपयोग करके 50,000% ज़्यादा बेहतर लाभ होता है।
- Natural Language Processing:- किसी भाषा से जुड़ी बारीकियाँ जैसे की वाक्य रचना, शब्दार्थ, व्यंग्य आदि को समझना सबसे कठिन कार्यों में से एक है। डीप लर्निंग के माध्यम से मशीनों को इस योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि वह किसी इंसान के द्वारा बोले जाने वाले भाषाओं को बेहतर से बेहतर तरीके से प्रोसेस कर पाए।
- Virtual Assistants and Voice Search:- डीप लर्निंग का सबसे लोकप्रिय अनुप्रयोग वर्चुअल असिस्टेंट और वॉयस सर्च के क्षेत्र में हुआ है। Google Assistant, Alexa, Siri जैसे उत्पादों ने बहुत अधिक लोकप्रियता हासिल किया है और लोगों के रोजमर्रा के काम को भी सरल बना दिया है।
- Market Price Forecasting:- stock market (शेयर बाजार) में कंपनी के शेयर की कीमतों का भविष्यावाणी करने के लिए Deep learning का उपयोग किया जाता है।
- Automatic Machine Translation:- Deep learning की मदद से एक लैंग्वेज के लेख या वाक्य को किसी दूसरी भाषा में अनुवादीत किया जा सकता है। हालांकि इस तकनीक को डीप लर्निंग के बिना भी किया जा सकता है, लेकिन डीप लर्निंग के उपयोग से इस तकनीक की सटीक और अधिक बेहतर हो जाती है।
- Entertainment:- नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन प्राइम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर सभी उपयोगकर्ता के पसंद एवं नपसंद के अनुसार बेहतर से बेहतर अनुभव देने के लिए डीप लर्निंग का उपयोग किया जाता है। कोई उपयोगकर्ता जिस प्रकार के सामग्री को देखता है उसी प्रकार के सामग्री एवं उनसे संबंधित विज्ञापनों को भी उपयोगकर्ता के समक्ष और ज्यादा से ज्यादा प्रस्तुत किया जाता है।
- Visual or Voice Recognition:- विजुअल या वॉइस रिकॉग्निशन की तकनीक का उपयोग करके किसी चित्र में मौजूद वस्तु या मनुष्य के चेहरे की पहचान की जा सकती है। इसका उपयोग सरकारी संगठन जैसे कि पुलिस आदि के द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को ढूंढने जैसे कामों में किया जाता है।
- Fraud Detection:- जबसे बैंकिंग और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के काम ऑनलाइन होने लगे हैं तब से ऑनलाइन फ्रॉड की मात्रा बहुत अधिक बढ़ गई है। ऐसे में ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए डीप लर्निंग की तकनीक बहुत ही मददगार है। इसकी मदद से बैंकों के द्वारा किसी संदेह प्रद money transaction की प्रक्रिया को होने से पहले ही रोक दिया जाता है, जिससे कि ग्राहकों के पैसे को गलत हाथों तक पहुंचने से पहले ही रोका जा सकता है।
- Healthcare:- डीप लर्निंग का सबसे कारगर प्रयोग हेल्थ केयर के क्षेत्र में हुआ है। इसके मदद से कई जटिल बीमारियों का इलाज ढूंढने में मदद मिली है, कई ऐसी बीमारियां होती थी क्योंकि जिनका इलाज पहले संभव नहीं था लेकिन डीप लर्निंग के माध्यम से बहुत बड़े पैमाने पर लोगों की स्वास्थ्य को मॉनिटर किया जा सकता है, जिसके कारण उन बीमारियों का भी इलाज ढूंढा जा सकता है जिसका इलाज अब तक नहीं ढूंढा जा सका था।
Advantages and Disadvantages of Deep learning in Hindi
Advantages of Deep learning in Hindi:-
- Better Product Creation:- किसी भी बिजनेस या नॉन-बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन में रोजमर्रा के काम के दौरान बहुत अधिक मात्रा में data पैदा होता है। इसके अलावा संगठनों के पास ग्राहक द्वारा किए जाने वाले गतिविधियों से भी बहुत अधिक मात्रा में डाटा पहुंचता है, लेकिन संगठनों को इन डेटा से तभी कोई लाभ मिलेगा, जब वह इन डाटा में छुपे हुए पैटर्न का विश्लेषण करके उन पैटर्न के अनुसार कोई निर्णय ले एवं ऐसे उत्पादों का निर्माण करें जो कि ग्राहक के आवश्यकता को और अधिक बेहतर तरीके से पूरा करता हो। ऐसे में डीप लर्निंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीक है जिसका उपयोग करके सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप्लीकेशन का निर्माण करने पर वह उत्पाद लगातार ग्राहकों से मिलने वाले डेटा से नए-नए जानकारियों से सीखता है एवं ग्राहक को और अधिक बेहतर अनुभव प्रदान करने में मदद करता है।
- Reduced Mistakes:- गलती करना इंसान की नियति है लेकिन आधुनिक मशीनों के उपयोग से इंसान अपने रोजमर्रा के कामों में होने वाले गलती की मात्रा को कम कर सकता है।
- उदाहरण के लिए मान लीजिए कि अगर कोई इंसान गाड़ी को ड्राइव करें तो एक्सीडेंट होने की संभावना हमेशा बनी रहती है, लेकिन अगर सभी इंसान ड्राइवरलेस गाड़ियों का उपयोग यातायात के लिए करने लगे तो इंसानों की गलती के कारण होने वाले एक्सीडेंट बंद हो जाएंगे। इसी प्रकार के फैक्ट्री में काम के लिए उपयोग होने वाले आधुनिक रोबोट एवं उत्तम श्रेणी के मशीनों का निर्माण करने के लिए डीप लर्निंग की तकनीक का उपयोग किया जाता है।
- Continues Improvements :- डीप लर्निंग मशीनों को खुद ब खुद सीख कर अपने गुणों एवं क्षमताओं में सुधार करने की सुविधा प्रदान करता है, जिसके कारण डीप लर्निंग का उपयोग करके बनाए गए उत्पाद का प्रदर्शन धीरे-धीरे बढ़ता ही जाता है।
- Problem Solving approach:- डीप लर्निंग के तकनीक का उपयोग करके कई ऐसे जटिल समस्याओं का समाधान निकाला जा सका है जिनका पहले समाधान नहीं हो सकता था। उदाहरण के लिए एक भाषा को किसी दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करना काफी जटिल काम है, क्योंकि किसी भी भाषा की अपनी एक मूल वाक्य संरचना की पद्धति होती है और किसी मशीन के लिए इन्हें सझना मुश्किल है लेकिन डीप लर्निंग का उपयोग करके बनाये गए उपकरण जैसे की Google Translate आदि बड़े सहजता से एक भाषा को दूसरी भाषा में परिवर्तित कर देता है और इससे भी अच्छी बात यह है कि इनके सटीकता में लगातार सुधार हो रहे हैं क्योंकि इन दोनों के निर्माण में डीप लर्निंग के तकनीक का उपयोग हुआ है जिसके कारण यह टूल अपनी गलतियों को ठीक करते रहते हैं और लगातार अपनी सटीकता में सुधार करते रहते हैं।
- Time Saving:- डीप लर्निंग की तकनीक का उपयोग करके इंसान द्वारा किए जाने वाले कामों में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है। उदाहरण के लिए कोई भी दो-दोस्त social media पर आपस में बात करते समय उपयोग करने वाले भाषा एवं शब्दो बार-बार रिपीट करते है। इतना ही नहीं उनके ६०% वाक्य भी एक जैसे ही होते है इसी कारण डीप लर्निंग के उपयोग से ऐसे कीवर्ड बन चुके है जिसके उपयोग से जब कोई इंसान एक शब्द लिखता है तो उस शब्द से मिलता जुलता पूरा का पूरा सेंटेंस यूज़ के समक्ष आ जाता है जिसके कारण से पूरा सेंटेंस टाइप नहीं करना पड़ता और उसका समय बच जाता है।
Disadvantages if Deep learning in Hindi:-
- इसकी मदद से बनाए गए उत्पाद के पास इंसानों के पसंद-नापसंद से संबंधित विस्तृत जानकारी होती है। इन निजी जानकारियों का उपयोग करके इंसान के पूरे साइकोलॉजि को Hack किया जा सकता है और उनके मन में किसी वस्तु के प्रति आकर्षण या घृणा पैदा किया जा सकता है। इनका उपयोग राजनैतिक या व्यवसायिक लाभ के लिए किया जाता है।
- इसके कारण इंसानों के रोजगार में कमी आई है क्योंकि इसके उपयोग से ऐसे मशीनों का निर्माण हो रहा है, जो इंसानों से भी बेहतर तरीके एवं कम खर्चे में किसी काम को करने में सक्षम है।
- कुछ वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि इसके कारण भविष्य में इंसान के अस्तित्व पर भी खतरा उत्पन्न हो सकता है क्योंकि अगर मशीन इंसान से ज्यादा समझदार हो जाए तो यह इंसान के लिए बहुत ही खतरनाक परिणाम लेकर आ सकता है।
Summery on Deep learning in Hindi:- इस लेख में हमने डीप लर्निंग को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Deep learning in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप डीप लर्निंग पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।
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