Definition of DHCP Protocol in Hindi :- DHCP का पूरा नाम Dynamic Host Configuration Protocol (डायनामिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल) है।
यह एक नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल है, जिसका उपयोग नेटवर्क से कनेक्ट होने वाले किसी भी कंप्यूटर या अन्य उपकरणों को ऑटोमैटिक्ली IP address आवंटित करने के लिए किया जाता है।
नेटवर्क से जुड़े हुए प्रत्येक मशीन जैसे कि कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्केनर का अपना एक unique आईपी एड्रेस होता है, इसी आईपी एड्रेस के उपयोग से प्रत्येक मशीन को नेटवर्क में पहचाना जाता है। यह आईपी एड्रेस प्रत्येक मशीन को एक-एक करके किसी इंसान के द्वारा भी आवंटित किया जा सकता है, लेकिन किसी बहुत बड़े नेटवर्क में हजारों या लाखों कंप्यूटर हो सकती है, उनमें अगर प्रत्येक मशीन को अगर एक-एक करके manually आईपी एड्रेस आवंटित किया जाए तो इसमें बहुत लंबा समय लग सकता है। इसलिए DHCP server जैसे तकनीक का उपयोग लिया जाता है यह नेटवर्क से जुड़े हुए उपकरणों को ऑटोमेटिक आईपी एड्रेस आवंटित करने की सुविधा प्रदान करता है।
Characteristics of Dynamic Host Configuration Protocol in Hindi
- डीएचसीपी client server (क्लाइंट-सर्वर) प्रोटोकॉल की तरह काम करता है, जिसमें server एक मुख्य कंप्यूटर होता है जो नेटवर्क से connected अन्य सभी client कंप्यूटरों को automatically आईपी ऐड्रेस आवंटित करता है।
- किसी छोटे नेटवर्क में router जैसे नेटवर्क उपकरण का उपयोग DHCP server की तरह किया जा सकता है, किसी बड़े नेटवर्क में किसी अच्छे हार्डवेयर कॉन्फ़िग्रेशन वाले कंप्यूटर को सर्वर की जिम्मेदारी दी जाती है।
- यह Open Systems Interconnection model (OSI model) के सबसे ऊपरी परत application layer पर काम करता है।
- DHCP server संचार के लिए port number 67 का उपयोग करता है जबकी client संचार के लिए port number 68 का उपयोग करता है।
- यह नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन के काम को Centralized (केंद्रीकृत) तथा automated (स्वचालित) कर देता है। जिससे कि नेटवर्क का प्रबंधन बहुत आसान हो जाता है।
Need of DHCP Protocol in Hindi
Need of DHCP Protocol in Hindi :- कोई छोटा नेटवर्क जिसमें 3-4 कंप्यूटर को आपस में जोड़कर बनाया गया हो उसमें अगर नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर चाहे तो प्रत्येक कंप्यूटर को मैनुअली IP address प्रदान कर सकता है, लेकिन अगर किसी बहुत बड़ा नेटवर्क के लिए मैनुअली आईपी एड्रेस आवंटित करना बहुत मुश्किल है। उदाहरण के लिए जब आप मोबाइल फोन से इंटरनेट कनेक्ट करते हैं तब internet service provider के लिए प्रत्येक के मोबाइल फोन उपयोगकर्ता को मैनुअली आईपी एड्रेस आवंटित करवाना संभव ही नहीं है। इसी प्रकार के समस्या के समाधान के लिए डायनामिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है। यह बहुत ही आसानी से किसी भी उपकरण को ऑटोमेटिकली आईपी एड्रेस आवंटित कर सकता है। इसके अलावा जब भी आप किसी hotspot या wifi का उपयोग करके नेटवर्क से जुड़ते हैं तो बहुत आप DHCP की तकनीक का उपयोग कर रहे होते है।
History of DHCP Protocol in Hindi
History of DHCP Protocol in Hindi :- इसे सबसे पहले Dynamic Host Configuration Protocol Working Group (डायनामिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल वर्किंग ग्रुप) नाम के एक समूह द्वारा October 1993 में बनाया गया था। यह BOOTstrap Protocol (BOOTP) का ही एक superset है। अर्थात अगर साधारण शब्दों में कहें तो इसे बूटस्ट्रैप प्रोटोकॉल के ही विशेषताओं तथा गुणों को अपडेट करके बनाया गया है।
Advantages of Dynamic Host Configuration Protocol in Hindi
- यह नेटवर्क से जुड़े हुए सभी उपकरणों के आईपी एड्रेस को automatically manage करता है, जिससे किसी भी समय नए डिवाइस को नेटवर्क से जोड़ना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसके लिए किसी भी प्रकार की configuration setting (कॉन्फ़िगरेशन सेटिंग) नहीं करनी पड़ती है, सारा काम DHCP server अपने आप कर लेता है।
- यह मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह से खत्म कर देता है जिससे कि कर्मचारियों के वेतन में खर्च होने वाले पैसों की बचत होती है।
- इसके कारण आईपी एड्रेस के आवंटन में होने वाली गलतियां पूरी तरह से खत्म हो जाती है क्योंकि जब भी किसी इंसान के द्वारा कोई काम किया जाता है तो उसमें गलती होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। लेकिन की DHCP server सारा काम ऑटोमेटिकली करता है तथा इसके द्वारा आवंटित किया जाने वाला आईपी ऐड्रेस भी परिवर्तनशील है, इसलिये इसमें कभी भी गलती होने की संभावना नहीं रहती है।
- DHCP Protocol को इंस्टॉल करने के लिए किसी भी प्रकार के नए उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है, किसी भी साधारण कंप्यूटर या नेटवर्किंग में उपयोग होने वाले राउटर का उपयोग सर्वर के रूप में किया जा सकता है।
- यह IP आवंटन के काम को सेंट्रलाइज कर देता है, जिससे कि पूरे नेटवर्क को प्रबंधित करना बहुत आसान हो जाता है।
- ऐसा उपकरण जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना होता है यानी कि पोर्टेबल डिवाइस जैसे कि मोबाइल फ़ोन या टेबलेट आदि के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है।
Disadvantages of DHCP Protocol in Hindi
- अगर किसी समय DHCP server खराब हो जाए या बंद हो जाए पूरा नेटवर्क सिस्टम बंद हो जाता है, क्योंकि सभी उपकरणों का आईपी एड्रेस पूरी तरह से डीएचसीपी सर्वर पर ही निर्भर होता है।
- डीएचसीपी सर्वर के पास किसी भी प्रकार का सुरक्षित तंत्र नहीं है, इसलिए यह जिन मशीनों को ip-address आवंटित करता है उनके प्रमाणिकता को जांचने में असमर्थ है। इस कमजोरी का फायदा उठाकर कोई भी अनाधिकृत मशीन नेटवर्क के साथ में जुड़ सकता है।
Conclusion on DHCP Protocol in Hindi :- इस लेख में हमने कंप्यूटर नेटवर्क में उपयोग होने वाले डायनामिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल को सरल हिंदी भाषा में समझने का प्रयास किया है। Dynamic Host Configuration Protocol को संक्षेप में DHCP के नाम से जाना जाता है। यह एक नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल है।
उम्मीद है कि DHCP in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप DHCP Protocol पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।
Leave a Reply