Definition of Internet Protocol in Hindi :- इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग डिजिटल उपकरणों के बीच data packets का आदान-प्रदान करके संचार व्यवस्था स्थापित करने से जुड़े नियमों को परिभाषित करने के लिए किया जाता है।
नेटवर्क में जब कोई कंप्यूटर किसी दूसरे मशीन को जानकारियां भेजती है, तो इन जानकारियों को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया जाता है जिसे Data Packet (डाटा पैकेट) या Datagram के नाम से जाना जाता है। इंटरनेट प्रोटोकॉल ( IP ) इन्हीं डाटा पैकेट को source computer से लेकर receiving computer तक पहुँचाने का काम करता है।
How Internet Protocol Works in Hindi
प्रत्येक डेटा पैकेट या डेटाग्राम के साथ Sender (जानकारियों को बेचने वाला कंप्यूटर) का IP Address तथा Receiver (जानकारियों को प्राप्त करने वाला) कंप्यूटर का आईपी एड्रेस भी होता है, इन्हीं आईपी एड्रेस के मदद से इस बात का पता चलता है कि किस Data Packet को किस कंप्यूटर द्वारा भेजा गया है तथा इन्हें किस कंप्यूटर तक जाना है। Internet Protocol (IP) का मुख्य काम है IP addresses के आधार पर किसी डेटा पैकेट को उसके Source मशीन से गंतव्य मशीन तक पहुंचाना।
लेकिन IP (Internet Protocol) किसी डाटा पैकेट के Routing के लिए जिम्मेदार नहीं है मतलब की कोई डाटा पैकेट अपने Source (स्रोत) से destination (गंतव्य) तक किस प्रकार यात्रा करेगी और किन मार्गों का चुनाव करेगी यह नेटवर्क के संरचना तथा नेटवर्क में उपयोग होने वाले हार्डवेयर उपकरणों या Network Topology पर निर्भर करता है, जैसे कि अगर नेटवर्क में Router जैसे मशीनों का उपयोग हुआ है तो प्रत्येक पैकेट पहले स्रोत कंप्यूटर से राउटर के पास जाता है फिर राउटर उस पैकेट का आईपी एड्रेस देखकर उन्हें उसके गंतव्य की ओर भेज देता है। लेकिन अगर नेटवर्क टोपोलॉजी में Router जैसा कोई मशीन ना हो तो यह डाटा पैकेट गंतव्य मशीन तक स्वयं ही यात्रा करती है।
Reason of using TCP With IP in Hindi
Internet Protocol ( इंटरनेट प्रोटोकॉल ) का काम केवल डाटा पैकेट के transmission (हस्तांतरण) से संबंधित नियमों को बताने का होता है। यह इन डेटा पैकेट को सफलतापूर्वक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार नहीं होता और ना ही इस बात को जांचने के लिए जिम्मेदार होता है की जिस मशीन के लिए यह पैकेट भेजा गया है, वह इन पैकेट को प्राप्त करने के लिए तैयार भी है या नहीं।
इसलिए Internet Protocol (IP) को connectionless (कनेक्शनलेस) और unreliable protocol (अविश्वसनीय प्रोटोकॉल) कहा जाता है, क्योंकि या संचार की प्रक्रिया को प्रारंभ करने से पहले सेन्डर और रिसीवर के बीच किसी भी प्रकार का कनेक्शन नहीं बनाता है और ना ही जानकारियों को सफलतापूर्वक हस्तांतरित करवाने की जिम्मेदारी लेता है। इसी कारण आमतौर पर इसका उपयोग TCP (Transmission Control Protocol) के साथ किया जाता है, TCP एक कनेक्शन ओरिएंटेड प्रोटोकॉल है और संचार की प्रक्रिया को प्रारंभ करने से पहले रिसीवर के पास एक रिक्वेस्ट भेज कर इस बात की जांच करता है कि वह सेंडर द्वारा भेजे जाने वाले जानकारियों को प्राप्त करने के लिए तैयार है या नहीं। इसी कारण आमतौर पर नेटवर्क में TCP / IP प्रोटोकोल का उपयोग एक साथ किया जाता है ।
Function of Internet Protocol in Hindi
- Addressing:- प्रत्येक डाटा पैकेट के साथ उसके Sender और Receiver का IP address होता है, जिसका उपयोग करके इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) नेटवर्क में जुड़े हुए सभी उपकरणों के बीच से उस उपकरण की पहचान करता है, जिस तक इस डाटाग्राम को पहुंचाना है।
- Reassembly:- किसी संदेश को नेटवर्क के उपयोग से जल्दी से जल्दी हस्तांतरित करवाने के उद्देश्य से जानकारियों कई छोटे-छोटे पैकट में तोड़ दिया जाता है, इंटरनेट प्रोटोकोल इस प्रक्रिया पर अच्छी तरह नजर रखता है और जब सभी डाटा पैकेट उसके गंतव्य मशीन तक पहुंच जाती है, तो इंटरनेट प्रोटोकोल इन सभी डाटा पैकेट को दोबारा उसी क्रम में संगठित होने में मदद करता है जैसा कि यह सभी पैकेट मुख्य डेटा से टूटने के बाद था। क्योंकि ऐसा हो सकता है कि सेंडर कंप्यूटर से रिसीवर कंप्यूटर तक पहुंचने के मार्ग में यह इन डाटा पैकेट का क्रम बदल गया हो इसलिए इन्हें दोबारा जोड़ने से पहले इनके मुख्य क्रम में लाना बहुत आवश्यक होता है और इंटरनेट प्रोटोकॉल इस काम में मदद करता है।
- Timeouts:- इंटरनेट प्रोटोकॉल प्रत्येक डाटा पैकेज के साथ एक self-destructive (आत्म-विनाशकारी) टाइम काउंटर जोड़ देता है, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि नेटवर्क में कोई भटका हुआ या टूटा हुआ डाटा पैकट समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने में असफल रहा है और अपना रास्ता भटक चुका है तो इससे ट्राफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। इसलिए इंटरनेट प्रोटोकोल द्वारा प्रत्येक की डाटा पैकेट को एक निश्चित समय आवंटित किया जाता है, अगर एक निश्चित समय में वह अपने गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंच पाता है तो उसे अपने आप ही destroy कर दिया जाता है।
- Options :- इंटरनेट प्रोटोकॉल जानकारियों को भेजने वाले कंप्यूटर को कई विशेष अधिकार प्राप्त करता है, जैसे कि अगर सेंडर कंप्यूटर चाहे तो इस बात का निर्णय ले सकता है, कि डेटा पैकेट अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए किस मात्रा चुनाव करेगी। इसके साथ ही सेंडर कंप्यूटर प्रत्येक डाटा के साथ उनके सुरक्षा के लिए कुछ विशेष security से संबंधित गुणों को भी जोड़ सकती हैं।
Conclusion on Internet Protocol in Hindi :- इंटरनेट प्रोटोकॉल नेटवर्क से जुड़े हुए उपकरणों के बीच जानकारियों के आदान-प्रदान करने से संबंधित नियमों को बताती है, यह एक Connection Less और unreliable protocol है। मतलब कि इसके उपयोग से हस्तांतरित किए जाने वाले जानकारियों का उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचने की कोई guarantee नहीं होती है इसी कारण इसका उपयोग आमतौर पर TCP (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल) के साथ किया जाता है जो कि एक कनेक्शन ओरिएंटेड प्रोटोकॉल है और TCP किसी जानकारी को उसके destination तक पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी लेता है।
इसके साथ ही इंटरनेट प्रोटोकॉल कई और महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान करता है जैसे कि यह आईपी एड्रेस के उपयोग से इस बात का ध्यान रखता है कि किसी डाटा पैकेट को नेटवर्क से जुड़े हुए सभी उपकरणों में से किस उपकरण के पास पहुंचाना है। इसके अलावा जब सेंडर किसी जानकारी को भेजता है तो उन जानकारियों को कई छोटे पैकेट में तोड़ दिया जाते हैं तो इंटरनेट प्रोटोकोल इन सभी पैकेट के क्रम का ध्यान रखता है और जब यह सभी पैकेट उनके गंतव्य मशीन तक पहुंच जाता है तो यह सभी पैकटों को पुनः उसी के वास्तविक क्रम में arrange करता है।
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