Definition of Memory management in Hindi :- मेमोरी मैनेजमेंट Operating System ( ऑपरेटिंग सिस्टम ) द्वारा कंप्यूटर के Primary Memory ( प्राइमरी मेमोरी मतलब की RAM ) को कुशलता से प्रबंधित करने की प्रक्रिया है।
किसी Program या उपयोगकर्ता द्वारा दिए जाने वाले Instruction (निर्देश) को Execute ( निष्पादित ) करने के लिए मेमोरी में जगह (Space) की आवश्यकता होती है, और किसी multiprocessing OS ( मल्टिप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम ) में मतलब की ऐसा कंप्यूटर जिसमें एक साथ दो या दो से अधिक प्रोग्राम को निष्पादित करने की क्षमता हो, उसमे एक साथ बहुत सारे प्रोग्राम को memory में जगह आवंटित करना होता है। इसलिए Memory management ( मेमोरी मैनेजमेंट ) के माध्यम से Operating System ( ऑपरेटिंग सिस्टम ) निम्नलिखित काम करता है :-
- निष्पादन के लिए कतार में तैयार विभिन्न प्रोग्राम में से किस प्रोग्राम को मेमोरी में जगह आवंटित किया जाएगा।
- किसी निश्चित समय पर कंप्यूटर के मेमोरी की स्थिति मतलब की खाली बचे जगह का ट्रैक रखना ।
- जब किसी प्रोग्राम का निष्पादन पूरा हो जाता है, तो उसके द्वारा मेमोरी में छोड़े गए जगह पर किसी दूसरे प्रोग्राम को किस तरह से आवंटित किया जाए।
- मेमोरी मैनेजमेंट यह भी सुनिश्चित करता है की प्रोग्राम दूसरे प्रोग्राम के काम में हस्तक्षेप न करे, इसके लिए सभी प्रोग्राम को स्वतंत्र स्थान प्रदान करता है।
- यह Program को मेमोरी में इस तरह से रखता है ताकि मेमोरी का अपने पूर्ण सीमा तक कुशलता से उपयोग हो।
Need of Memory management in OS in Hindi
- Allocation (आवंटन) :- मेमोरी मैनेजमेंट के उपयोग से यह जाँचा जा सकता है कि निष्पादन के लिए कतार में तैयार प्रोग्राम में से किस प्रोग्राम को मेमोरी में कितनी जगह की आवश्यकता है, इसी के आधार पर निर्धारित किया जाता है कि किस प्रोग्राम को किस समय पर मेमोरी में जगह प्राप्त करना चाहिए।
- Compaction (संघनन) :- जब किसी प्रोग्राम का निष्पादन पूरा हो जाता है या किसी कारण से निष्पादन को रोक दिया जाता है तो मेमोरी में जगह खाली हो जाती है। कई बार ऐसा होता है कि इस खाली जगह का आकार इतना बड़ा या छोटा होता है की इसमें किसी प्रोग्राम को आवंटित करने पर अतिरिक्त जगह बर्बाद हो जाता है। इस प्रकार की समस्या से बचने के लिए Memory management के उपयोग से निश्चित समय के बाद-बाद मेमोरी के सभी Program और Data को re-allocates (पुनः आवंटन) करने की आवश्यकता पड़ती है। reallocation के प्रक्रिया को compaction या संघनन के नाम से जाना जाता है इससे नई program के आवंटन के लिए पर्याप्त खाली क्षेत्र मिल जाता है ।
- Garbage Collection :- कई programming language जैसे की Java, Python, C# में बनाया गया प्रोग्राम निष्पादन के समय मेमोरी में कुछ ऐसे जगह ग्रहण कर लेता है जिनका उपयोग केवल एक बार ही किया जाता है, ऐसे गैर जरुरी मेमोरी स्पेस को Garbage (कचरा) कहा जाता है। जब ये Garbage एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाते है तो System प्रदर्शन को बुरी तरह प्रभावित करते है। इसलिए मेमोरी मैनेजमेंट के उपयोग से इस तरह के Garbage को तुरंत इकट्ठा कर के स्पेस को खाली करना आवश्यक हो जाता है।
- Protection (संरक्षण) :- जब कंप्यूटर में एक साथ दो या दो से अधिक प्रोग्राम Execute हो रहे हो तब किसी प्रोग्रामिंग त्रुटि या अन्य समस्या के कारण ऐसा हो सकता है, कि एक प्रोग्राम किसी दूसरे प्रोग्राम के data को प्रभावित कर सकता है। इसलिए Memory management के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक प्रोग्राम के लिए आवंटित क्षेत्र में कोई दूसरा प्रोग्राम हस्तक्षेप ना कर सके।
- Virtual memory :- कई बार प्रोग्राम को निष्पादित करने के लिए जितनी मेमोरी की आवश्यकता होती है Main Memory मतलब की RAM में उतना मेमोरी स्पेस नहीं होता है इसलिए Memory management के उपयोग से Secondary Storage Devices ( सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस ) मतलब की हार्ड डिस्क में एक virtual storage space बनाकर CPU को आवश्यक मेमोरी स्पेस प्रदान किया जाता है।
Memory Management Techniques used by Operating System in Hindi
Memory Management Techniques used by an Operating System in Hindi:- ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रमुख मेमोरी मैनेजमेंट तकनीकें निम्नलिखित हैं:-
- Paging :- पेजिंग एक मेमोरी मैनेजमेंट तकनीक है, जिसमें प्रोग्राम को छोटे-छोटे भाग में विभाजित कर दिया जाता है जिसे page कहते हैं और प्राइमरी मेमोरी को छोटे-छोटे ब्लॉक्स में विभाजित कर दिया जाता है जिसे फ्रेम कहते हैं। इसमें प्रोग्राम के प्रत्येक Page का साइज मेमोरी के एक Frame के साइज के बराबर होता है इससे जब पेज को फ्रेम में जगह दी जाती है तो मेमोरी स्पेस का नुकसान नहीं होता।
- Segmentation :- सेगमेंटेशन मेमोरी को उपयोगकर्ता के दृष्टिकोण के अनुसार व्यवस्थित करने की सुविधा देता है । इसमें मेमोरी को छोटे-छोटे भाग में बांट दिया जाता है, जिसे segments कहते हैं और इन्हीं segments में प्रोग्राम के विभिन्न भागों को जैसे कि function, variables, array इत्यादि को जमा किया जाता है ।
- Swapping :- स्वैपिंग एक मेमोरी मैनेजमेंट तकनीक है जिसमें अगर किसी महत्वपूर्ण प्रोग्राम जल्दी से जल्दी निष्पादित हो और कंप्यूटर के Main Memory में program को जमा करने के लिए जगह न हो तो मेन मेमोरी से किसी एक प्रक्रिया को कुछ समय के लिए Secondary Storage Device में भेज दिया जाता है। जिससे कि महत्वपूर्ण प्रोग्राम जल्दी से जल्दी निष्पादित किया जा सके।
Advantages of the Memory Management in Operating System in Hindi :-
- इसके कारण डाटा की प्रोसेसिंग क्षमता बाद जाती है।
- प्रोग्राम को मेमोरी में load करने में लगने वाले समय की खपत कम हो जाती है।
- इससे RAM के प्रत्येक मेमोरी लोकेशन पर नज़र रखा जा सकता है।
- Memory Management के कारण प्रोग्राम का डेटा अधिक सुरक्षित हो जाता है।
Summery of Memory Management in OS in Hindi :- इस लेख में हमने ऑपरेटिंग सिस्टम अर्थात OS में होने वाले मैमोरी मैनेजमेंट को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Memory Management in OS in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप Memory Management in Hindi पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।
Leave a Reply