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What is Network Layer in Hindi?

Author: admin | On:19th Nov, 2020| Comments: 0

नेटवर्क लेयर OSI Models का तीसरा या 3rd लेयर है जोकि ट्रांसपोर्ट लेयर और डेटा लिंक लेयर के बीच में आता है।

Definition of Network Layer in Hindi:- इसका उपयोग एक नेटवर्क से किसी दूसरे नेटवर्क में स्थित कंप्यूटर तक जानकारियों को पहुंचाने के लिए किया जाता है। मतलब की दो अलग-अलग नेटवर्क जो अलग-अलग नेटवर्क टोपोलॉजी जैसे की Bus, Mesh, Ring, Star आदि का उपयोग भी कर सकते हैं, उनमें मौजूद कोई कंप्यूटर अगर एक दूसरे से जानकारियों का आदान प्रदान करना चाहती हैं तो इसके लिए नेटवर्क लेयर का उपयोग होता है।

अगर साधारण शब्दों में कहें तो दो कंप्यूटर एक ही नेटवर्क में उपस्थित है उनके बीच संचार के लिए Network layer की कोई आवश्यकता ही नहीं है, इसका उपयोग केवल दो अलग-अलग नेटवर्क में मौजूद कंप्यूटरों के बीच संचार के लिए किया जाता है।

Network layer एक मशीन से दूसरे मशीन तक जानकारियों को पहुंचाने के लिए प्रत्येक जानकारी के साथ sender (जानकारी को भेजने वाला) और receiver (जानकारी को प्राप्त करने वाला) दोनों मशीनों के IP address को जोड़ कर रखता है, जिससे कि बिना किसी गलती के सही जगह तक Information को पहुंचाया जा सके।

osi model network layer in hindi
OSI Models Network Layer in Hindi

Main Functions of Network Layer in Hindi

Main Functions of Network Layer in Hindi :-  नेटवर्क लेयर द्वारा किए जाने वाले प्रमुख कार्य निम्नलिखित रुप से हैं

  • Internetworking :- यह दो अलग-अलग नेटवर्क में मौजूद मशीन जैसे कि कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्केनर आदि के बीच जानकारियों को स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार है।
  • अगर जानकारियों का प्रवाह समान नेटवर्क में करना हो मतलब कि जो कंप्यूटर जानकारीयों को भेज रहा है और जो कंप्यूटर जानकारीयों को प्राप्त कर रहा है दोनों अगर एक ही नेटवर्क में है तो नेटवर्क ऐसी परिस्थिति में OSI Model के नेटवर्क लेयर का कोई उपयोग नहीं होता।
  • Routing :- नेटवर्क लेयर यह निर्णय लेता है कि एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क के किसी कंप्यूटर को भेजे जाने वाली जानकारी जैसे कि data packets, Files, messages, mails आदि नेटवर्क में किस रास्ते से प्रवाहित किया जाएगा। मतलब की यह जानकारियों के प्रवाह की दिशा को निर्धारित करने के लिए भी जिम्मेदार होता है।
  • Addressing :- वह कंप्यूटर जो जानकारियों को भेज रहा है तथा वह कंप्यूटर जिस तक जानकारियों को पहुंचाना है उन दोनों के IP address को नेटवर्क लेयर द्वारा मैसेज के साथ जोड़कर नेटवर्क में प्रवाहित किया जाता है जिससे कि information को उसके गंतव्य तक बिना किसी गलती के पहुंचाया जा सके।
  • Packet sequence control :- यह डेटा पैकेट के क्रम को नियंत्रित करता है मतलब कि Network में किस data को पहले भेजना है और किसे बाद में इसके क्रम को भी यह नियंत्रित करता है।
  • Packet switching :- नेटवर्क में एक ही data कई अलग-अलग पैकेट में बांटा हो सकता है नेटवर्क लेयर इन सभी अलग-अलग data packets का एक समूह बनाता है ताकि उन्हें एक क्रम में गंतव्य तक पहुंचाया जा सके इसे Packet switching (पैकेट स्विचिंग) के नाम से भी जाना जाता है।
  • Error control :- यह सेंडर से रिसीवर तक जानकारियों के हस्तांतरण में होने वाली गलतियों का पूरा ध्यान रखता है तथा कोई गलती होने पर उस error (त्रुटि) के पुरे कारण का भी पता लगाने में सक्षम है।
  • Traffic control :- नेटवर्क में जब एक साथ बहुत सारे कंप्यूटर जानकारियों का आदान-प्रदान करते हैं तो इससे नेटवर्क में बहुत अधिक data traffic (डाटा-ट्राफिक)  बढ़ जाता है। Network Layer इस तरह के ट्रैफिक को भी प्रबंधित करने में सक्षम है।
  • यह Routers और gateways जैसे hardware devices को भी प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार है।  Routers और gateways का उपयोग एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क को connect करने के लिए किया जाता है।

Other layers of OSI Models in Hindi

  1. Data Link Layer (डेटा लिंक लेयर)
  2. Physical Layer ( फिजिकल लेयर )
  3. Transport Layer (ट्रांसपोर्ट लेयर)
  4. Session Layer (सेशन लेयर)
  5. Presentation Layer (प्रेजेंटेशन लेयर)
  6. Application Layer (एप्लिकेशन लेयर)

Conclusion :- यह OSI model का तीसरा परत है जिसका मुख्य काम है जिसका मुख्य काम Internetworking है, इंटरनेटवर्किंग का मतलब होता है दो अलग-अलग नेटवर्क के बीच संबंध स्थापित करना। इसके अलावा यह नेटवर्क के बीच जानकारियों को बिना किसी गलती के सरलता से प्रवाहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधा प्रदान करता है जैसे कि यह Sender और Receiver दोनों के IP Address का ध्यान रखता है जिससे कि जानकारी को सही जगह तक पहुंचाया जा सके।  इसके अलावा यह जानकारियों को deliver करने के लिए सबसे बेहतर रास्ते को ढूंढने का प्रयास करता है जिसे नेटवर्क में Routing भी कहा जाता है। इसके अलावा यह  flow control, error control और packet sequence control जैसे कई महत्वपूर्ण काम करता है।

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