Prim’s algorithm पढ़ने से पहले हमें यह समझना होगा कि spanning tree और minimum spanning tree क्या होता है ? क्योंकि प्रिम्स एल्गोरिथ्म minimum spanning tree पर ही काम करता है।
Spanning tree :- ये किसी graph के सभी बिंदुओं को कम से कम भुजाओं के उपयोग से जोड़ने का प्रयास करता है।
Minimum spanning tree (MST) :- एक ही graph में कई स्पैनिंग ट्री बन सकते हैं, लेकिन minimum spanning tree उसे कहेंगे जो सबसे कम weights ( दो बिंदुओं को जोड़ने बाली रेखा के दुरी या मान को एल्गोरिथम की भाषा में weights कहा जा है ) के उपयोग से graph के सभी बिंदुओं को जोड़ देता है। minimum spanning tree के लिए उपयोग किये गए सभी रेखाओं के weights के योगफ़ल को cost of minimum spanning tree या cost of MST भी कहते है।
Prim’s Algorithm for Minimum Spanning Tree in Hindi :- इसका उपयोग किसी ग्राफ से minimum spanning tree को खोजने के लिए किया जाता है। Prim’s Algorithm के उपयोग कोई ऐसा ग्राफ़ जिसके सभी बिंदुओं को जोड़ने वाली रेखाओं का weights ज्ञात हो उसके सभी बिंदुओं को कम से कम weights वाली रेखाओं के मदद से जोड़ने के लिए किया जाता है।
Steps of Prim’s Algorithm in Hindi
- पहले चरण में एक शुरुआती शीर्ष का चयन करना होता है।
- पहले चरण में चुने गए शीर्ष से जितने भी बिंदु जुड़े हुए है, उनमे से जिसका weight सबसे कम है, उसे जोड़ते हुए minimum spanning tree का निर्माण शुरू करना है । [ अगर एक से अधिक समान weight वाले रेखा किसी बिंदु से जुड़ा हुआ है, तो हम अपनी इच्छा से किसी भी एक का चुनाव कर सकते हैं। ]
- अब तक बनाए गए MST के साथ सबसे कम weight वाले नज़दीकी edges को तबतक जोड़ते जाना है जबतक की graph के सभी बिंदु को जोड़कर Minimum Spanning Tree का निर्माण न हो जाये।
Example of Prim’s Algorithm :-
Solution of above Example:-
- हम यहाँ S बिंदु से शुरुआत कर रहे है, इसे अपने इच्छा से चुना गया है, आप किसी भी दूसरे बिंदु से शुरुआत कर सकते है।
- S को चुनने के बाद हम देखते हैं कि इससे 2 बिंदु सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है A और C इसमें से S-A का weight 7 है और S-C का weight 8 है, इसलिए हम S-A को चुनेंगे।
- [ Note :- हमें एक बात का ध्यान रखना है कि हम एक बार जिस बिंदु पर पहुंच चुके हैं, उसे दोहराना नहीं है। ]
- A से जुड़ी हुई बिंदु B और C में A-C का weight 3 है और A-B का weight 6 है, इसलिए हम A-C को चुनेंगे।
- C से जुड़ी हुई बिंदु B और D में C-B का weight 4 है और C-D का weight 3 है, इसलिए हम C-D को चुनेंगे।
- D से जुड़ी हुई बिंदु B और T में D-B का weight 2 है और D-T का weight 4 है, इसलिए हम D-B को चुनेंगे।
- आखिर में हम B से T को जोड़ेंगे।
Advantages and Disadvantages of Prim’s Algorithm in Hindi
Real Life Advantages of Prim’s Algorithm in Hindi :-
- इसके उपयोग से MST का निर्माण करना बहुत ही आसान है।
- ऐसा ग्राफ़ जिसमे बिंदुओं ( vertices ) से ज़्यदा रेखाएं ( edges ) हो उनमे Prim’s Algorithm बहुत तेज़ी से काम करता है।
Disadvantages of Prim’s Algorithm in Hindi :-
- अगर किसी Graph में बहुत सारे रेखा हो तो सबसे कम weight वाले रेखा को ढूंढने में बहुत अधिक समय बर्बाद हो सकता है।
- Prim’s Algorithm को सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में परिवर्तित करना बहुत जटिल हो जाता है।
Summery of Prim’s Algorithm in Hindi:-
इस लेख में हमने प्रिम्स एलगोरिदम को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Prim’s Algorithm in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप प्रिम्स एलगोरिदम पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।
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