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Reverse Engineering in Hindi

Author: admin | On:4th Nov, 2020| Comments: 0

Definition of Reverse engineering in Hindi:- रिवर्स इंजीनियरिंग को back engineering के नाम से भी जाना जाता है। इसमें किसी उत्पाद जैसे की सॉफ्टवेयर, मशीन आदि के निर्माण की मूल पद्धिति को समझने के लिए उत्पाद को deconstruct किया जाता है अर्थात उत्पाद को विखण्डित करके यह समझने का प्रयास किया जाता है की उसका निर्माण कैसे हुआ था।




ऐसा जरुरी नहीं है की रिवर्स-इंजीनियरिंग का उपयोग केवल भौतिक उत्पाद या उपकरण के निर्माण को सझने के लिए किया जाता है गैर-भौतिक उत्पाद जैसे की सॉफ्टवेयर आदि के निर्माण की प्रक्रिया को समझने के लिए भी Reverse engineering का उपयोग  होता है।  इसके अलावा रिवर्स-इंजीनियरिंग का उपयोग मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, मेडिकल और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहा है।

Need of Reverse Engineering in Hindi

Need of Reverse Engineering in Hindi:- रिवर्स इंजीनियरिंग की जरूरत निम्नलिखित स्थिति में होती है :-

  • सभी उत्पाद के निर्माण की प्रक्रिया को प्रारंभ से शुरू नहीं किया जा सकता, कई बार ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण रिवर्स-इंजीनियरिंग का उपयोग करना पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर किसी हवाई जहाज का कोई एक ऐसा हिस्सा खराब हो जाए जोकी स्वतंत्र रूप से बाजार में नहीं बिकता है तो ऐसी स्थिति में रिवर्स-इंजीनियरिंग का उपयोग करके पहले तो उस हिस्से के संरचना एवं निर्माण की प्रक्रिया को समझा जाएगा। उसके बाद उस हिस्से का निर्माण किया जाएगा।
  • कई बार किसी उत्पाद के निर्माण की प्रक्रिया को प्रारंभ से शुरू करने के लिए जितना समय और पैसे की आवश्यकता होती है, उतना समय और पैसा उपलब्ध नहीं होता है, जिसके कारण कम समय एवं पैसे की लागत में उत्पाद को बनाने के लिए रिवर्स इंजीनियरिंग का सहारा लेना पड़ता है।
  • कई बार अनुसंधान केंद्र और शिक्षण संस्थानों द्वारा भी इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के तकनीकों एवं उपकरणों की संरचना को समझने के लिए किया जाता है उदाहरण के लिए इंजीनियरिंग के छात्रों को विभिन्न प्रकार के उपकरणों से संबंधी शिक्षा देने एवं उपकरणों के आंतरिक बनावट को समझने के लिए रिवर्स इंजीनियरिंग का उपयोग किया जाता है।
  • उत्पाद के प्रदर्शन क्षमता को बढ़ाने एवं पुराने उत्पाद में कोई नया Update करने के लिए भी रिवर्स इंजीनियरिंग का उपयोग किया जाता है।
  • कई बार अपने प्रतिद्वंद्वियों के द्वारा निर्मित उत्पादों एवं उपकरणों को समझने के लिए भी रिवर्स इंजीनियरिंग का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर ऐसा व्यवसायिक लाभ उठाने के लिए किया जाता है, जोकि रिवर्स इंजीनियरिंग का एक नकारात्मक पहलू है।

Steps of Reverse Engineering in Hindi

Steps of Reverse Engineering in Hindi:- रिवर्स इंजीनियरिंग के प्रुमख चरण निम्नलिखित रूप से है :-

  • Collection Information:- यह चरण में उत्पाद से सम्बंधित सभी संभावित जानकारी जैसे की स्रोत, डिजाइन, दस्तावेज आदि इकठा किया जाता है। किसी भौतिक उत्पाद के क्षेत्र में उपकरण का आकार, उसके निर्माण में उपयोग किए गए पदार्थ आदि से संबंधित जानकारियों को इकट्ठा किया जाता है। इसके साथ ही बाजार में कई ऐसे स्कैनिंग उपकरण भी उपलब्ध है, जिनके मदद से उपकरणों को स्कैन करके उन के डिजाइन और निर्माण से संबंधित विभिन्न प्रकार के जानकारियों को इकट्ठा किया जा सकता है, जैसे कि Faro arms और Faro laser scanner कुछ ऐसे ही स्कैनिंग टूल के उदाहरण है।
  • Examining the information:- पहले चरण के अंतर्गत एकत्रित किए गए जानकारियों का अध्ययन किया जाता है ताकि प्रणाली को विस्तार से समझा जा सके।
  • Design recovery:- किसी उपकरण से संबंधित आवश्यक जानकारियों को इकट्ठा करके उनका अध्ययन करने के बाद डिजाइन रिकवरी के इस चरण में उपकरण के मूल डिजाइन को फिर से तैयार किया जाता है।
  • Manufacturing:- उपकरण से संबंधित डिजाइन के तैयार हो जाने के बाद इस चरण में उपकरण के निर्माण की प्रक्रिया को प्रारंभ कर दिया जाता है ।

Advantages of Reverse Engineering in Hindi:-

  • रिवर्स इंजीनियरिंग के माध्यम से जटिल उत्पादों एवं उपकरणों के डिजाइन एवं निर्माण की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलती है।
  • रिवर्स इंजीनियरिंग का उपयोग करके कम लागत एवं समय में ही उत्पादों के निर्माण की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है।
  • किसी पुराने उत्पाद को Update करना या पुनर्निर्माण करने में मदद मिलती है ।
  • किसी उत्पाद में मौजूद खामियों की खोज करने में मददगार है ।
  • बाजार में कम महंगे और अधिक कुशल उत्पाद बनाने के लिए Reverse engineering का उपयोग होता है ।
  • पुराने विचारों या idea से प्रेरणा लेने के लिए भी रिवर्स इंजीनियरिंग का उपयोग होता है ।

Disadvantages of Reverse Engineering in Hindi:-

  • कोई भी संगठन या उत्पाद का निर्माण करने वाली कंपनियां किसी उत्पाद के निर्माण के लिए बहुत अधिक अनुसंधान एवं प्रयास करती है। इसके लिए बहुत अधिक समय और पैसे का निवेश करना पड़ता है, लेकिन रिवर्स इंजीनियरिंग का उपयोग करके प्रतिद्वंदी कंपनियां आसानी से यह पता कर सकती है कि किसी उत्पाद या उपकरण के निर्माण करने के लिए किस प्रकार के तकनीक का उपयोग हुआ है और उस तकनीक या डिजाइन में फेरबदल करके प्रतिद्वंदी कंपनियां किसी उत्पाद का निर्माण कर सकता है। यह रिवर्स इंजीनियरिंग का सबसे नकारात्मक एवं विवादित पहलू है, उदाहरण के लिए चीन जैसे देश में इस प्रकार के पद्धतियों का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है, अमेरिका, जर्मनी जैसे देशों में Research के लिए बहुत अधिक निवेश किए जाते हैं उन रिसर्च के माध्यम से नए-नए उत्पादों का निर्माण किया जाता है लेकिन चीन उन डिज़ाइन को Reverse engineering का उपयोग करके कॉपी कर लेता है और अपने देश में सस्ता विकल्प बना देता है, इससे मुख्य निर्माता देश को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।





Summary on Reverse Engineering in Hindi:- 21वीं शताब्दी के इस कंप्यूटर युग में मनुष्य का जीवन पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों एवं इन उपकरणों को संचालित करने वाले सॉफ्टवेयर के ऊपर निर्भर हो गया है। इसी कारण विभिन्न प्रकार के संस्थान एवं कंपनियों में सस्ता एवं बेहतर से बेहतर मशीन एवं सॉफ्टवेयर उत्पाद बनाने की एक प्रतिस्पर्धा प्रारंभ हो गई है  और सभी कंपनियां आए दिन नए-नए उत्पाद एवं उपकरणों का निर्माण करते रहते हैं। ऐसे में अपने प्रतिद्वंद्वी कंपनियों द्वारा निर्मित उत्पाद से प्रेरणा लेने के लिए या किसी पुराने उत्पाद के डिज़ाइन को समझने के लिए Reverse Engineering का manufacturing industries और software industry में बहुत अधिक उपयोग होता है। हालांकि इसके कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक पहलू भी है क्योंकि अक्सर ऐसा देखा गया है कि रिवर्स इंजीनियरिंग की तकनीक का उपयोग करके चीन जैसे देश मूल उत्पाद के नकल तैयार कर लेते हैं और गलत तरीके से लाभ उठाते हैं।

इस लेख में हमने रिवर्स इंजीनियरिंग को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Reverse engineering in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप रिवर्स इंजीनियरिंग पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं जिससे कि हम अपने लेख में आवश्यक परिवर्तन करके इसे और अधिक उपयोगी बना सके।

 

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