सेशन लेयर Open Systems Interconnection (OSI) model का 5th (पांचवा) परत है, जो प्रेजेंटेशन लेयर और ट्रांसपोर्ट लेयर के बीच में आती है।
Definition of Session Layer in Hindi :- यह नेटवर्क से जुड़े हुए उपकरणों के बीच संचार के लिए connections (सम्बन्धों) को स्थापित करता है और बनाए भी रखता है। साथ ही यह communicating या संचार की प्रक्रिया को synchronize भी करता है, जिससे कि जिन मशीनों के बीच जानकारियों का आदान-प्रदान हो रहा हो उन दोनों के बीच जानकारियों को भेजने और जानकारियों को प्राप्त करने की गति समान हो।
नेटवर्क से जुड़े हुए जीन कंप्यूटरों के बीच संचार होना है, Session Layer द्वारा उनके संवाद को ट्रैक किया जाता है और दोनों मशीनों के बीच communication की प्रक्रिया के उद्घाटन से पहले एक Session या सत्र की शुरुआत करता है और संवाद के अंत तक उस सत्र या Session को प्रबंधित करता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि जब आप ID और पासवर्ड के उपयोग से Gmail या Facebook में लॉगिन करते हैं, तो आपके कंप्यूटर से Gmail या Facebook के server पर एक request जाता है जिसके बाढ़ server द्वारा ID और पासवर्ड की जाँच करता है और अगर यह आईडी और पासवर्ड सही निकलती है तो सर्वर कंप्यूटरों को Session बनाने की अनुमति देता है। अब तक यह Session बना रहता है तब तक उपयोगकर्ता अपने कंप्यूटर से साधारण मशीन की जानकारियों को Access कर सकता है।
Function of Session Layer in Hindi
Function of Session Layer in Hindi :- सेशन लेयर द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य निम्नलिखित रुप से है :-
- Dialog Control :- यह नेटवर्क से जुड़े हुए सभी उपकरणों के बीच संचार की प्रक्रिया को authenticate करता है, जिसके बाद संचार की प्रक्रिया प्रारंभ होती है और यह पूरी प्रक्रिया को प्रबंधित भी करता है।
- Token Management :- यह परत दो अलग-अलग उपकरणों को एक ही समय पर एक साथ जानकारियों को access करने का प्रयास करने से रोकती है।
- Synchronization (सिंक्रोनाइज़ेशन) :- आमतौर पर नेटवर्क में किसी बड़े data को कई छोटे-छोटे packets में विभाजित करके भेजा जाता है। Session Layer इस तरह के छोटे-छोटे पैकेट के साथ एक checkpoints जोड़ने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे कि इस बात की जांच की जा सके कि अबतक जितने data पैकेट भेजे गए हैं सभी कंप्यूटर को वह पैकेट प्राप्त हुए हैं या नहीं।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि किसी 300MB एमबी के एक file को नेटवर्क की मदद से भेजना है और इसे 50MB के छह अलग-अलग फाइलों में विभाजित कर दिया गया हो तो सेशन लेयर प्रत्येक 50MB के data पैकेट के साथ एक checkpoint जोड़ देगा जिससे कि जैसे ही 50MB का file send हो जाए तो इस बात की जांच की जाएगी कि वह file receiver अपने गंतव्य तक पूरी तरह पहुँचा है या नहीं। यह बहुत ही लाभप्रद व्यवस्था है क्योंकि इसके कारण Error Control में बहुत सहायता मिलती है।
Protocols used by Session layer in Hindi
Session layer वेब ब्राउजर पर Session को लागू करने के लिए निम्नलिखित प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है।
- Zone Information Protocol (जोन इंफोर्मेशन प्रोटोकॉल)
- AppleTalk Protocol
- Session Control Protocol (सेशन कंट्रोल प्रोटोकॉल)
इसके अलावा सेशन लेयर द्वारा निम्नलिखित प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है:-
- Point-to-Point Tunneling Protocol (पॉइंट-टू-पॉइंट टनलिंग प्रोटोकॉल) :- इसके उपयोग से संस्थान किसी महत्वपूर्ण निजी जानकारी को भेजने के लिए पब्लिक नेटवर्क का उपयोग ना करके एक प्राइवेट सुरंग या tunnel का उपयोग करते हैं।
- Password Authentication Protocol (पासवर्ड ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल) :- इसका उपयोग पासवर्ड की प्रमाणिकता को जांचने के लिए किया जाता है।
- Network Basic Input Output System (नेटवर्क बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम) :- इसके उपयोग से local area network से जुड़े हुए कंप्यूटर एक दूसरे के बीच जानकारियों को साझा करते हैं।
Conclusion on Session layer in Hindi :- इस लेख में हमने सेशन लेयर को सरल हिंदी भाषा में समझने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Session Layer in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप सेशन लेयर पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।
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