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What is Software Engineering in Hindi?

Author: admin | On:19th Nov, 2020| Comments: 0

Software engineering ( सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग ) दो शब्दों से मिलकर बना है

  1. Software निर्देश (instructions) से मिलकर बना एक या कई program का एक समूह होता है, इसका उपयोग कंप्यूटर में किसी विशेष काम को पूरा करने के लिए किया जाता है।
  2. Engineering:- science और technology की एक शाखा है जिसमे किसी समस्याओं का प्रभावी समाधान ढूंढ़ने के लिए नए उत्पाद डिजाइन करना और उन्हें बनाने की प्रक्रिया होती है।





Definition of Software Engineering in Hindi:- सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग उपयोगकर्ता के आवश्यकताओं का विश्लेषण करके एक सॉफ्टवेयर सिस्टम विकसित करने की प्रक्रिया है। सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग की प्रक्रिया को निम्नलिखित चरणों में पूरा किया जाता है :-

  • Designing:- इस चरण में सॉफ्टवेयर सिस्टम के लिए Flowchart (फ़्लोचार्ट) डिज़ाइन और algorithm आदि तैयार किया जाता है।
  • Manufacturing:- इस चरण में programming language जैसे की C, C++, Java, Python आदि के मदद से सॉफ्टवेयर का सोर्स कोड लिखा जाता है।
  • Testing:- इस चरण में प्रोग्राम में मौजूद त्रुटियों (Errors) की जांच की जाती है और अगर कोई त्रुटि मौजूद हो तो उसे ठीक किया जाता है।
  • Operation and Maintenance:- इस चरण में प्रोग्राम के संचालन और रखरखाव के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण प्रदान किया जाता है।
Software Engineering in Hindi
Software Engineering in Hindi

Objectives of Software Engineering in Hindi

Objectives of Software Engineering in Hindi:- सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का मूल उद्देश्य सॉफ्टवेयर विकास के लिए ऐसे तरीकों और प्रक्रियाओं को विकसित करना है, जिसका उपयोग करके कम लागत और कम समय में उच्च गुणवत्ता वाले सॉफ़्टवेयर का उत्पादन किया जा सकता है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित रुप से हैं:-



  • सॉफ्टवेयर उत्पाद उपयोगकर्ताओं के आवश्यकता को सही ढंग से पूरा करना चाहिए।
  • ग्राहक के बदलते आवश्यकताओं के अनुसार सॉफ्टवेयर उत्पाद में आसानी से परिवर्तन करने या नए विशेषताएँ को जोड़ना की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • अगर सॉफ्टवेयर को एक कंप्यूटर सिस्टम या पर्यावरण से दूसरे में स्थानांतरित करना हो तो इसमें कोई error नहीं होना चाहिए।
  • किसी भी प्रकार के unauthorized access ( अनाधिकृत पहुंच ), या Virus attack जैसे समस्याओं से सॉफ्टवेयर को सुरक्षा उपलब्ध कराना चाहिए।
  • हार्डवेयर विफलता या किसी अन्य समस्या के कारण अगर कंप्यूटर खराब हो जाए तो ऐसी परिस्थिति में सॉफ्टवेयर को data के साथ पुनः प्राप्त करने योग्य होना चाहिए।

History of Software Engineering in Hindi:- पहला डिजिटल कंप्यूटर 1940 के दशक की शुरुआत में आ गया था पर उस समय कंप्यूटर को संचालित करने के instructions ( निर्देशों ) को मशीन में जोड़ा  गया था। फिर 1950 के दशक की शुरुआत में  Fortran, ALGOL, और COBOL जैसे  Programming languages भी आ चुकी थी, और अब उपयोगकर्ता प्रोग्राम के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश दे सकता था।

लेकिन जब 1960 के दशक में बड़े, जटिल सॉफ्टवेयर प्रणालियों को विकसित किया जाने लगा तो सॉफ्टवेयर विकास के लिए कोई विश्वसनीय मापदंड न होने के कारण कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हुई। इन्हीं समस्याओं को ठीक करने के लिए 1968 और 1969 के दशक में NATO द्वारा आयोजित सम्मेलनों में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के मापदंड को अपनाने का सुझाव दिया गया।

Need for Software Engineering in Hindi

  • वर्तमान समय का सॉफ्टवेयर प्रणाली बहुत ही बड़ा और जटिल हो गया है। इन्हें विकसित करने के लिए बहुत अधिक प्रोग्रामिंग कोड (Code) लिखना पड़ता है, जिनका प्रबंधन करने के लिए उचित कार्यनीति (proper strategy) की आवश्यकता होती है।
  • सॉफ्टवेयर विकास की प्रक्रिया बहुत महंगा है, इसलिए संसाधनों का कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग की आवश्यकता होती है।
  • बाजार की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार ग्राहक की आवश्यकताएं भी बदलती रहती है, इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि बनाया गया सॉफ़्टवेयर उत्पाद वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग विचारों पर आधारित हो ताकि किसी भी समय आवश्यकताओं के अनुसार उनमें परिवर्तन करके या नई सुविधाओं को जोड़कर बाजार की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग ऐसी तकनीक उपलब्ध करवाता है, जिससे कि Development और Testing के बहुत सारे काम को स्वचालित (Automatic) किया जा सके। इसलिए यह विकास की प्रक्रिया में लगने वाले समय और पैसे को बचाती है।
  • सॉफ्टवेयर विकास की बेहतर प्रक्रिया एक विश्वसनीय और उच्च-गुणवत्तापूर्ण वाले सॉफ्टवेयर उत्पाद प्रदान करती है। इसलिए Quality Management (गुणवत्ता प्रबंधन) के लिए भी इसका उपयोग आवश्यक है।

Advantages and Disadvantages of Software Engineering in Hindi

Advantages of Software Engineering in Hindi:-



  • Reduces complexity:- किसी बड़े सॉफ्टवेयर प्रणाली को विकसित करना जटिल और चुनौतीपूर्ण काम होता है। इसलिए सॉफ्टवेयर विकसित करने से पहले एक कुशल कार्यनीति बनाने की आवश्यकता होती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जटिल समस्याओं के समाधान के लिए कुशल कार्यनीति बनाने में सहायता करता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग बड़ी समस्याओं को छोटे मुद्दों में विभाजित करता है, फिर एक-एक करके सभी छोटी समस्याओं को स्वतंत्र रूप से हल करता है।
  • Minimize software cost :- किसी बड़े सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट को विकसित करने के लिए बहुत अधिक Programming Code लिखना पड़ता है, जिसमें बहुत श्रमशक्ति की आवश्यकता होती है और Software Developer अत्यधिक भुगतान वाले विशेषज्ञ होते हैं। इस प्रकार विकास के प्रक्रिया में लगने वाले अनावश्यक समय से उत्पाद के लागत पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ सकते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के माध्यम से सॉफ्टवेयर के source code और modules को दुबारा उपयोग करने योग्य बनाया जाता है जिससे की विकास के प्रक्रिया में लगने समय और लगत कम हो जाता है।
  • Decrease time :- कुछ भी प्रोजेक्ट को अगर योजनाबद्ध पद्धति से ना बनाया जाए तो हमेशा समय बर्बाद होता है और Software Engineering विकास परियोजना के दौरान एक योजनाबद्ध पद्धति प्रदान करता है जिससे समय की बचत होती है।
  • Extensible:- समय के साथ-साथ ग्राहक की आवश्यकताएं भी बदलती रहती है, ऐसे में सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट में समय-समय पर परिवर्तन करके नए update लाने की आवश्यकता पड़ती है। software developer आसानी से Update करने योग्य कुशल उत्पाद बनाने में सहायता करता है।
  • Reliable software:- एक आदर्श सॉफ्टवेयर को Hacking और Virus Attack से सुरक्षित होना चाहिए, तथा इसे उन कामों को करने में समर्थ होना चाहिए जो इसे दिया गया हो। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के पूरे चक्र में सॉफ्टवेयर के रखरखाव और इसमें आने वाले सुरक्षा संबंधित समस्याओं को पूरे जिम्मेदारी से ठीक किया जाता है।

Disadvantages of Software Engineering in Hindi:-

  • Stressful Work:- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की प्रक्रिया काफ़ी जटिल होती है जो कई अलग-अलग चरणों से होकर गुजरती है, इसी कारण जिन software developer के द्वारा इन कामों को किया जाता है उनकी दिनचर्या बहुत ही चुनौतीपूर्ण एवं तनावपूर्ण हो जाता है । कई बार सुबह को उठने से लेकर रात को सोने तक लगातार समस्याओं और उनके समाधानों के बारे में सोचना पढ़ता है। इतना ही नहीं भारत के सॉफ्टवेयर कंपनियों में overtime काम का दबाव बहुत आम सी बात है।
  • frequently updating market:- टेक्नोलॉजी की दुनिया तेज़ी से बदल जाती है। हर रोज इसमें कुछ नया अपडेट आते ही रहता है। इसी कारण सॉफ्टवेयर डेवलपर को लगातार नए-नए तकनीकों के बारे में पढ़ना पड़ता है और नए-नए skills सीखना पड़ता है। हर प्रोजेक्ट की अपनी अलग requirement होती है जिसके अनुसार डेवलपर को अपने skill update करना पढ़ता है। इसी कारण उनका जीवन और अधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
  • Negative effects on health:- सॉफ्टवेयर डेवलपर को तनावपूर्ण दिनचर्या जीने के साथ-साथ दिन भर कंप्यूटर के सामने बैठकर रहना पढ़ता है। इन गतिविधियों का उनके स्वस्थ पर बहुत ही नकारात्मक असर पढ़ता है। नींद न आना या आँखों में तकलीफ़ तो बहुत ही आम सी बात है।
  • Corporate Pressure:- सॉफ्टवेयर कंपनी और संगठनों को मैनेज करने वाले लोगों को सॉफ्टवेयर निर्माण से संबंद्धित जटिलताओं का ठीक से अनुमान नहीं होता ये लोग सॉफ्टवेयर डेवलपर पर अत्यदिक दबाब बनते है।





Summary of Software Engineering in Hindi:- 21वीं शताब्दी को कंप्यूटर और तकनीक का युग कहा जाता है, इस आधुनिक युग में मनुष्य अपने रोजमर्रा के कामों के लिए भी इलेक्ट्रॉनिक मशीनों और टेक्नोलॉजी के नए-नए आविष्कारों पर आश्रित हो चुका है। लेकिन जैसा की आप सब जानते है कोई भी तकनीक के काम करने के लिए हार्डवेयर के साथ-साथ सॉफ्टवेयर भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोई भी हार्डवेयर स्वतंत्र रूप से उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती इसलिए उन्हें सॉफ्टवेयर के साथ मिलकर ही काम करना होता है। इसी कारण सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण एवं क्रांतिकारी प्रोफेशन है, जो मनुष्य के जीवन के  से संबंधित रोजमर्रा के समस्या को हल करने के साथ ही, विभिन्न बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन के कामों को आसान बनाने में बहुत ही अधिक मददगार सिद्ध हुआ है।

उदाहरण के लिए आज के समय पर चाहे किसी जानकारी को मिनटों में इंटरनेट के मदद से ढूंढना हो या घर बैठे किसी वेबसाइट से सामान को खरीदना हो या फिर किसी मोबाइल एप्लीकेशन की मदद से गाने सुनना या वीडियो देखना यह सभी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का ही कमाल है। इस रोमांचक एवं तेज़ी से परिवर्तनशील पेशे में बाज़ार की बदलती जरुरत के अनुसार नए-नए परिवर्तन होते रहते है।

इसमें रोज़गार की कोई कमी नहीं है क्योंकि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का काम किसी भी देश के भौगोलिक सीमा पर आधारित नहीं है अर्थात कोई भी इंसान किसी भी देश में बैठकर इस काम को कर सकता है। आपको जानकर काफी गर्व होगा कि हमारा भारत देश भी सॉफ्टवेयर निर्माण के क्षेत्र में बहुत आगे निकल चुका है और हमारा कुल सॉफ्टवेयर निर्यात 50 बिलियन डॉलर का है अर्थात और यह क्षेत्र लाखों भारतीयों को रोजगार प्रदान करता है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस लेख में हमने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Software Engineering  in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

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