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Swapping in Operating System in Hindi

Author: admin | On:9th Nov, 2020| Comments: 0

Swapping का हिंदी में मतलब होता है अदला-बदली करना।

Definition of Swapping in Hindi :- स्वैपिंग या मेमोरी स्वैपिंग का उपयोग operating system (OS) के द्वारा मेमोरी मैनेजमेंट ( memory management ) के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कंप्यूटर के Primary या Main Memory  मतलब की RAM के Memory Space का कुशलता से उपयोग करने के लिए किया जाता है, जिससे की महत्वपूर्ण प्रोग्राम का निष्पादन जल्दी से जल्दी पूरा किया जा सके।

Swapping in OS in Hindi
Swapping in OS in Hindi

Need Of Swapping in OS in Hindi

Need Of Swapping in OS in Hindi :- जब किसी कंप्यूटर सिस्टम का Primary Memory मतलब की RAM (random access memory) पुरे तरह से भर जाता है और Process या निष्पादित हो रहे प्रोग्राम को RAM में कुछ और जगह चाहिए होता है तो ऐसी परिस्थिति में ऑपरेटिंग सिस्टम Swapping के रणनीति का उपयोग करके मेमोरी का कोई ऐसा प्रोग्राम के Page को जिसका निष्पादन उस समय पर रुका हुआ है, उसे कुछ समय के लिए कंप्यूटर के secondary storage device जैसे की Hard Disk में भेज देता है ।

मेमोरी ब्लॉक में किसी Program या Process को छोटे-छोटे Page में बांट कर जमा किया जाता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पढ़िए।




 

How Operating System selects Page for Swapping in Hindi:- Swapping के लिए किस Page को चुनकर Computer के सेकेंडरी स्टोरेज जैसे की हार्ड डिस्क में भेजना है, इसका निर्णय अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम या OS अलग-अलग प्रकार से करता है, उदाहरण के लिए Linux operating system में Page का चुनाव age के आधार पर किया जाता है। जिस पेज का उपयोग सबसे कम बार किया गया है, उसे अधिक पुराना (older) माना जाता है और जिसका उपयोग सबसे ज्यादा बार किया गया है उसे नया (younger) माना जाता है। शॉपिंग के लिए लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पुराने पेज का चुनाव करता है।

Advantages of Swapping in Hindi :-

  • किसी Process को निष्पादित करने के लिए Program और उसके data को कंप्यूटर के प्राइमरी मेमोरी में जमा करना पड़ता है, लेकिन प्राइमरी मेमोरी की अपनी एक सीमा है क्योंकि प्रोग्राम और उसके data के बड़े आकर से प्राइमरी मेमोरी का स्पेस बहुत जल्दी भर जाता है। स्वैपिंग के उपयोग से प्राइमरी मेमोरी की सीमाओं को बढ़ाने में सहायता मिलता है, जिससे हम RAM का अच्छे से उपयोग कर पाते हैं।
  • Swapping के उपयोग से प्राइमरी मेमोरी RAM की सीमाओं को बढ़ाकर आवश्यक प्रोग्राम को जल्दी से मैमोरी स्पेस उपलब्ध करवाया जाता है, इसके कारण CPU द्वारा आवश्यक प्रोग्राम का निष्पादन जल्दी से पूरा किया जा सकता है। इससे CPU का processing speed बढ़ जाता है जिससे पूरे कंप्यूटर के Performance में उन्नति होती है।
  • Address binding methods के उपयोग से Swap किए गए पेज दुबारा हार्ड डिस्क के प्राइमरी मेमोरी RAM में उसी मेमोरी ब्लॉक को फिर से को ग्रहण कर लेता है जिसमें वह SWAP करने से पहले जमा था। इसलिए स्वैपिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित है और यह किसी दूसरे प्रोग्राम के निष्पादन को गलत तरह से प्रभावित नहीं करता है।
  • इसके कारण किसी प्रोसेस को निष्पादन के लिए बहुत लंबे समय तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होती है और सीपीयू कई सारे काम को एक साथ कर सकता है।
  • आर्थिक दृष्टि से देखें तो एक सस्ते और कम Memory Space वाले RAM में भी Swapping के उपयोग से भी जल्दी और ज्यादा प्रोग्राम को निष्पादित किया जा सकता है।





Disadvantages of Swapping in Hindi :-

  • सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस की गति RAM की गति से बहुत ही धीमा या SLOW होता है। इससे किसी प्रोग्राम के पेज को Hard Disk में जमा करने और दोबारा डिस्क से ढूंढ कर RAM तक लाने में समय बर्बाद होता है।
  • Swapping की प्रक्रिया पूरी तरह से स्टोरेज डिवाइस या हार्ड डिस्क में उपलब्ध खाली Space पर निर्भर यदि स्टोरेज डिवाइस में पर्याप्त मात्रा में जगह उपलब्ध ना हो तो स्वैपिंग की प्रक्रिया संभव ही नहीं है।
  • अगर swapping algorithm सही ना हो और ऑपरेटिंग सिस्टम गलत पेज को Swap करने के लिए चुन ले तो इससे System के परफॉर्मेंस पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

Summery on Swapping in Operating System in Hindi:- इस लेख में हमने ऑपरेटिंग सिस्टम अर्थात OS में प्राइमरी मेमोरी RAM और सेकेंडरी मेमोरी Hard Disk के बीच होने वाले स्वैपिंग की प्रक्रिया को सरल हिंदी भाषा में समझाने का प्रयास किया है। जैसा की आप जानते है किसी भी कंप्यूटर में प्राइमरी मेमोरी का आकर सेकेंडरी मेमोरी से बहुत छोटा होता है क्योंकि प्राइमरी मेमोरी एक महँगा हार्डवेयर उपकरण है। कई बार मल्टीप्रोसेसिंग कंप्यूटर में स्वैपिंग की मदद से मेमोरी मैनेजमेंट किया जाता है और यह प्रक्रिया कंप्यूटर के प्रदर्सन को बढ़ाने में मदद करता है।

उम्मीद है कि Swapping  in OS in Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप Swapping in Hindi पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

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