Definition of Time Sharing Operating System in Hindi :- टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (TSOS) में प्रत्येक User कंप्यूटर के संसाधनों को आपस में साझा करता है, अर्थात अगर साधारण शब्दों में कहें तो प्रत्येक User बारी-बारी से एक निश्चित समय के लिए कंप्यूटर के संसाधन जैसे की मेमोरी, सीपीयू आदि का उपयोग करता है। टाइम शेयरिंग की तकनीक का उपयोग करके बहुत सारे लोग एक साथ किसी कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं।
आमतौर पर टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग विशेष प्रकार के mainframe computer में किया जाता है, इनमें कुछ ऐसी जानकारियां होती है जिनका उपयोग बहुत सारे लोग करना चाहते हैं। इसलिए बहुत सारे लोग इन कंप्यूटरों को telnet जैसे तकनीक का उपयोग कर के दूर से access करते है तथा अपने आवश्यकता अनुसार इनका उपयोग करते हैं।
How Time Sharing Operating System Works in Hindi :- टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे प्रत्येक यूजर एक निश्चित समय के लिए ही Active या सक्रिय होता है। इसमें जब इस यूजर सक्रिय होता है तब बाकी सभी यूजर inactive या निष्क्रिय मोड में रहते हैं और केवल एक्टिव मोड का यूज़र ही कंप्यूटर का उपयोग कर सकता है। एक निश्चित समय अंतराल के पूरा हो जाने के बाद यूजर का कंट्रोल बदलकर दूसरे यूजर के पास चला जाता है और दूसरा यूजर एक्टिव हो जाता है तथा पहले वाला यूजर डीएक्टिव हो जाता है।
इसमें आमतौर पर एक यूजर का कंट्रोल बदलकर दूसरे यूजर के पास इतना जल्दी चला जाता है की यूजर्स को इस बात का पता भी नहीं चलता कि उन्हें कंप्यूटर के संसाधनों को किसी और के साथ साझा करना पड़ रहा है।
Examples of Time-Sharing OS in Hindi
Examples of Time-Sharing OS in Hindi:- टाइम शेयरिंग ओएस के प्रमुख के उदाहरण निम्नलिखित रुप से हैं :-
- Unix – यूनिक्स एक बहुचर्चित टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे 1971 में Bell System नाम के कंपनी द्वारा बनाया गया था।
- Multics – मॉलटिक्स भी एक टाइम शेयरिंग OS है। इसे 1969 में MIT कॉलेज की कुछ विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया था।
- OpenVMS:- इसे Digital Equipment Corporation द्वारा 1977 में बनाया गया था।
- Michigan Terminal System :- University of Michigan के विद्यार्थियों द्वारा 1967 में बनाया गया था।
- Honeywell CP-6 :- इसे Honeywell नाम की कंपनी द्वारा 1976 में बनाया गया था।
Advantages of Time Sharing Operating System in Hindi
- इसके कारण बहुत सारे लोग एक साथ कंप्यूटर के संसाधनों का उपयोग कर पाते हैं तथा उन्हें इसके लिए बहुत अधिक प्रतीक्षा करने की भी आवश्यकता नहीं होती है।
- कुछ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इतना अधिक महंगा होता है कि एक सामान्य उपयोगकर्ता के लिए निजी कंप्यूटर पर उपयोग करने के उदेश्य से उन्हें खरीदना संभव नहीं होता ऐसी परिस्थिति में टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम के उपयोग से लोग इन सॉफ्टवेयर को आपस में साझा कर सकते हैं।
- इसके उपयोग से कोई संगठन या कॉरपोरेट ऑर्गेनाइजेशन विभिन्न प्रकार के जानकारियों को अपने सभी कर्मचारियों के बीच साझा कर सकता है।
- यह बारी-बारी से प्रत्येक की यूजर को कंप्यूटर के संसाधनों का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है, इसलिए किसी भी यूजर को इसके उपयोग करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
- यदि इसमें CPU का idle time (बेकार समय) बहुत कम होता है, इडली टाइम उस अंतराल को कहते हैं जिसमें सीपीयू एक यूजर से दूसरे यूजर तक switch करने के कारण खाली रहता है। अर्थात समय का वह हिस्सा जिसमें सीपीयू कोई काम नहीं कर रहा होता उसे idle टाइम कहते हैं।
Disadvantages of Time Sharing Operating System in Hindi
- इसमें प्रत्येक की यूजर को एक निश्चित समय के लिए संसाधनों का उपयोग करने की सुविधा दी जाती है, जो कि एक विश्वसनीय माध्यम नहीं है क्योंकि किसी यूजर को कंप्यूटर का ज्यादा समय तक उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। जबकि दूसरे को तुलनात्मक रूप से कम समय की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए आदर्श स्थिति उसे माना जाएगा जिसमें कार्य के आधार पर संसाधनों को साझा किया जाए ना कि समय के आधार पर।
- प्रत्येक की यूजर अगर एक ही कंप्यूटर के संसाधनों का उपयोग करें तो उनके Privacy तथा पर्सनल डाटा पर सुरक्षा का खतरा हो सकता है। हालांकि प्रत्येक यूजर अलग-अलग यूजर अकाउंट से लॉगइन करते हैं तथा एक यूजर के अकाउंट में कोई दूसरा यूजर दाखिल नहीं हो सकता है, लेकिन फिर भी सभी यूजर्स सामान हार्ड डिस्क में अपनी जानकारियों को जमा करते हैं।
- इन OS को एक्सेस करने के लिए नेटवर्क कनेक्शन की आवश्यकता होती है अर्थात अगर नेटवर्क कनेक्शन ना हो तो लोग इसे access ही नहीं कर पाएंगे।
Conclusion Time Sharing Operating System in Hindi :- टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम या TSOS एक विशेष प्रकार के mainframe computer होता है, जिसके संसाधन जैसे कि सीपीयू मेमोरी हार्ड डिस्क तथा उन में जमा सॉफ्टवेयर और डेटा का उपयोग एक साथ बहुत सारे लोग आपस में साझा करके करते हैं। टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम अपने प्रत्येक के यूजर को एक निश्चित समय के लिए बारी -बारी से इन संसाधनों को उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम इतनी कुशलता से अपने प्रत्येक उपयोगकर्ता को मैनेज करता है, कि उपयोगकर्ता को कंप्यूटर के संसाधनों का उपयोग करने के लिए बहुत अधिक प्रतीक्षा नहीं करना पड़ता। इतना ही नहीं कई बार तो TSOS इतनी तेजी से काम करता है कि उपयोगकर्ता को इस बात का पता भी नहीं चलता कि वह कंप्यूटर के संसाधनों को किसी और के साथ साझा कर रहा है।
यह कई प्रकार से उपयोगकर्ता के निजता और डाटा को भी सुरक्षित करने का प्रयास करता है, लेकिन फिर भी सभी यूजर समान मेमोरी डिवाइस का उपयोग करते हैं इसलिए इसमें सिक्योरिटी का खतरा तो बना रहता है।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम किसी छोटे बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन के लिए एक बहुत ही लाभकारी तकनीक है, क्योंकि अगर कोई बिजनेस ऑर्गेनाइज अपने प्रत्येक के कर्मचारी के लिए एक किसी सॉफ्टवेयर को खरीदकर उनके कंप्यूटर पर इंस्टॉल करें तो इससे उन्हें बहुत ज्यादा पैसों का ख़र्च करना होगा। लेकिन Time Sharing Operating System के मदद से वह किसी एक कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कर सकते हैं और बाकी सभी कर्मचारी उस कंप्यूटर से सॉफ्टवेयर को आपस में एक साथ मिलकर साझा कर सकते हैं।
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