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What is Transport layer in Hindi?

Author: admin | On:21st Nov, 2020| Comments: 0

ट्रांसपोर्ट लेयर Open Systems Interconnection (OSI) model की 4th या चौथी परत है, जो सेशन लेयर और नेटवर्क लेयर के बीच में आती है।

Definition of Transport layer in Hindi :-  ट्रांसपोर्ट लेयर की मुख्य भूमिका नेटवर्क से जुड़े हुए सभी कंप्यूटरों में चल रहे सॉफ्टवेयर processes के बीच एक logical connection स्थापित करके उन्हें संचार सेवा ( communication services ) प्रदान करना है। यद्यपि processes के बीच एक दूसरे से जुड़ने के लिए कोई भौतिक कनेक्शन नहीं होता है, इसलिए उनके बीच messages का आदान प्रदान करने के लिए लॉजिकल कनेक्शन का उपयोग किया जाता है।

इसके अलावा जब किसी मशीन को कोई संदेश प्राप्त होता है तो ट्रांसपोर्ट लेयर द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है की इस संदेश में कोई त्रुटि (error) न हो।  इसके साथ ही यह जानकारियों या data के प्रवाह (flow) को भी नियंत्रित करता है।

OSI Models Transport Layer in Hindi
OSI Models Transport Layer in Hindi

Functions of Transport Layer in Hindi

Functions of Transport Layer in Hindi:- ट्रांसपोर्ट लेयर द्वारा किए जाने वाले प्रमुख कार्य निम्नलिखित रुप से है :-

  • Process-to-process Connection (प्रोसेस टू प्रोसेस कनेक्शन) :- यह विभिन्न कंप्यूटरों में चल रहे process के बीच आपस में संवाद करवाने के उद्देश्य से एक तार्किक कनेक्शन स्थापित करता है। आप ही यह किसी प्रोसेस के उपयोग से भेजे जाने वाले मैसेज को उसके destination (गंतव्य) तक पहुंचाने के लिए भी जिम्मेदार होता है।
  • Unique Identification for Correct Delivery :- Transport Layer नेटवर्क से जुड़े हुए अलग-अलग मशीनों में चल रहे Process को uniquely पहचानने के लिए port number का उपयोग करती है। पोर्ट नंबर 16 bit address होता है। जिसके उपयोग से ट्रांसपोर्ट लेयर सभी प्रोग्राम को अद्वितीय रूप से पहचान लेती है।
  • Data integrity :- किसी data के पैकेट को sender से receiver तक पहुंचने से पहले ही विभिन्न कारणों से corrupt या ख़राब हो सकता है या फिर वह पैकेट गलत क्रम में delivery किए जा सकते हैं। इसलिए ट्रांसपोर्ट लेयर द्वारा डेटा पैकेट के साथ checksum को जोड़ दिया जाता है, जो कि यह सुनिश्चित करता है कि परिवहन के पथ में प्रत्येक डेटा पैकेट सही क्रम में प्रवाहित हो तथा receiver मशीन तक पहुँचने पर उसमें कोई error ना रहे।
  • Flow Control :- अगर डेटा को भेजने वाला मशीन या sender, डेटा को प्राप्त करने वाले मशीन या receiver की क्षमता में तेज दर से डेटा संचारित करने लगे तो receiver जानकारियों को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पायेगा। इसलिए ट्रांसपोर्ट लेयर जानकारियों को भेजने की गति और जानकारियों को प्राप्त करने की गति के बीच एक संतुलन स्थापित करता है।
  • Error Control :- ट्रांसपोर्ट लेयर द्वारा प्रत्येक के data packet के हस्तांतरण के बाद इस बात की जांच की जाती है कि data packet उसके गंतव्य तक बिना किसी गलती के पहुंच गई है या नहीं। अगर ट्रांसपोर्ट लेयर अगर जांच में कोई गलती मिलती है तो ट्रांसपोर्ट लेयर उस डाटा पैकेट को दुबारा हस्तांतरित करवाने के लिए उसके sender मशीन को सिग्नल भेजता है ।
  • Traffic Control:- किसी नेटवर्क से जुड़े हुए विभिन्न मशीनों द्वारा एक ही समय पर जानकारियों को भेजना और प्राप्त करना बहुत साधारण बात है, इसी कारण डिजिटल संचार में उत्पन्न होने वाले डाटा ट्रेफिक को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक है। ट्रांसपोर्ट लेयर जानकारियों के प्रवाह की गति को नियंत्रित करके डाटा ट्रेफिक को प्रबंधित करने में सक्षम है।
  • Multiplexing (मल्टीप्लेक्सिंग):- कई बार एक ही कंप्यूटर के अलग-अलग एप्लीकेशन द्वारा सामान जनकारी की आवश्यकता होती है, ऐसे में उस जानकारी को बार-बार उसके Source से प्राप्त करने से अच्छा है कि एक ही जानकारी को प्रत्येक एप्लीकेशन के बीच साझा कर दिया जाए। ट्रांसपोर्ट लेयर ऐसी सुविधा प्रदान करता है जिससे कि अलग-अलग एप्लीकेशन समान जानकारी को उपयोग कर सकें। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि किसी कंप्यूटर में दो अलग-अलग वेब ब्राउजर किसी सामान वेबसाइट को खोलना चाहते हैं, तो ऐसे में Transport Layer मल्टीप्लेक्सिंग का उपयोग करके बार-बार web server से जानकारी को download न करके एक ही जानकारी को दोनों web browser के बीच साझा कर देता है।
  • Byte orientation (बाइट ओरिएंटेशन):- कुछ एप्लीकेशंस को जानकारियां बायनरी बिट्स के रूप में चाहिए होता है ना कि डेटा पैकेट के रूप में। ट्रांसपोर्ट लेयर आवश्यक आवश्यकता के अनुसार जानकारियों को बायनरी बिट्स के रूप में प्रसारित करने की अनुमति देता है।

Conclusion on Transport Layer in Hindi :- इस लेख में हमने ट्रांसपोर्ट लेयर को सरल हिंदी भाषा में समझने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि Transport Layer in Hindi  का यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप ट्रांसपोर्ट लेयर पर लिखे गए इस लेख से संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

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